धनबाद: जिले में पीने के पानी की कई इलाकों में घोर समस्या है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए वर्षों पूर्व मैथन जलापूर्ति योजना की शुरुआत की गई थी, लेकिन मैथन से धनबाद आने के क्रम में कई जगहों पर लाखों गैलन पानी प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है.
धनबाद के शहरी इलाकों में पानी की भीषण समस्या को दूर करने के लिए दशकों पहले नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा जिले के मैथन डैम से भेलाटांड़ तक पाइप लाइन बिछाई गई थी. भेलाटांड़ में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई और देखरेख की जिम्मेवारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को दी गई. भेलाटांड़ में पानी को एकत्र किया जाता है और यहां से फिल्टर करने के बाद पूरे शहर को पानी उपलब्ध कराई जाती है.
आज की जमीनी हकीकत यह है कि मैथन से धनबाद आने के क्रम में अनेकों जगहों पर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है और लाखों गैलन पानी प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है. गोविंदपुर थाना क्षेत्र के बरवा इलाके में जीटी रोड किनारे इस पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त होने से बाढ़ सा नजारा है. यहां पर पाइप को ठीक करने के लिए कई बार अधिकारी पहुंचे, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. पाइप का होल दिन-ब-दिन बड़ा होता जा रहा है और मिट्टी का कटाव भी शुरू हो गया है, जिससे आसपास के घरों को भी क्षति पहुंचने की संभावना है.
जीटी रोड के ठीक बगल से पाइपलाइन धनबाद ले जाई गई थी और यहां पर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से अब जीटी रोड पर भी खतरा मंडरा रहा है. पानी के बहाव से जीटी रोड भी क्षतिग्रस्त होने लगी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि लगभग डेढ़ साल से यह स्थिति बनी हुई है कई बार अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक मरम्मत के लिए गुहार लगाई गई, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.
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वहीं, अब इस पूरे मामले की जानकारी विभाग के अधीक्षण अभियंता रघुनंदन प्रसाद शर्मा को दी गई तो उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि मैथन से धनबाद आने तक आधा पानी ही भेलाटांड़ पहुंच पाता है. जिसका कारण अवैध कनेक्शन है और पाइप लाइन का क्षतिग्रस्त भी होना है. उन्होंने कहा कि विभाग के द्वारा अवैध कनेक्शन को बंद करने का कई बार प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई स्थानीय लोगों का आक्रोश सहना पड़ता है, लेकिन उन्होंने विश्वास दिलाया कि अवैध कनेक्शन के अलावे जितने भी जगह पाइप क्षतिग्रस्त है एक सप्ताह के अंदर सर्वे कराकर उसे दुरुस्त कर लिया जाएगा.