धनबाद: कोयलांचल धनबाद के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बलियापुर इलाके में एक भाई-बहन की जोड़ी(duo of brother sister) को यूट्यूब(YouTube) पर करोड़ों लाइक मिल चुके हैं. टिकटॉक(Tik tok) के बैन होने के बाद इनकी सालों की मेहनत शून्य पर पहुंच गई. लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी यूट्यूब(YouTube) और इंस्टाग्राम(Instagram) का सहारा लिया. एक साल के अंदर सनातन और सावित्री के यूट्यूब चैनल पर एक मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर बन गए हैं.
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बलियापुर प्रखंड के नीमटांड़ गांव के बांधडीह टोला के रहने वाले एक स्थानीय युवा सनातन महतो ने अपनी बड़ी बहन सावित्री महतो के साथ मिलकर सोशल मीडिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. भाई-बहन की जोड़ी ने यूट्यूब पर ऐसा धमाल मचाया है कि इनके एक मिलियन से ज्याद फॉलोअर बन गए हैं. एक मिलियन सब्सक्राइबर तक पहुंचना इतना आसान भी नहीं था. इसके पीछे इनकी कड़ी मेहनत तो थी ही, लेकिन उससे भी ज्यादा लोगों के सोच के विपरीत जाकर अपने आप को साबित करना था. इनके पिता झूमर से जुड़े थे तो घर में शुरू से ही नाच गाने का माहौल था. तो इन्हें भी घर से ही डांस और म्यूजिक (Dance and Music) का शौक लगा. लेकिन जिस तरह इनके पिता को लोगों ने नृत्य संगीत में आगे नहीं बढ़ने दिया वैसे ही आसपास के स्थानीय लोगों ने इन्हें भी काफी ट्रोल किया, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
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शुरुआत में ग्रामीणों ने सवाल उठाए
सुदूर ग्रामीण इलाकों में भाई-बहन एक दूसरे के साथ डांस (Dance) नहीं कर सकते. पहले इन दोनों को स्थानीय लोगों ने काफी ट्रोल किया. लेकिन उसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. घर में मां और पिताजी के साथ-साथ परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग मिला. जिसके बल पर उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है.
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सनातन महतो और बड़ी बहन सावित्री महतो
सनातन महतो के पिता दुखन महतो एक छोटे-मोटे किसान हैं और खेती कर अपनी जीविका चलाते हैं. सनातन सात भाई-बहन हैं, तीन बहन की शादी हो चुकी है. सावित्री महतो की शादी होनी बाकी है. सावित्री सनातन से बड़ी है. लॉकडाउन में खासकर जब यह दोनों पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जा पा रहे थे, सावित्री एक स्कूल में पढ़ाती है वह स्कूल नहीं जा पा रही थी. कोरोना के कहर जैसे इस विपदा की घड़ी में भी इन दोनों ने हौसला नहीं हारा और एक अलग मुकाम हासिल किया. सनातन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने के बावजूद भी एमए तक पढ़ाई कर चुके हैं और सावित्री भी स्नातक पास है.
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लोगों को सावित्री का संदेश
बेशक झारखंड के सुदूर ग्रामीण इलाके में डांस कर सोशल मीडिया पर डालना आसान नहीं है. ऐसे में सावित्री छोटे जगहों पर बड़े सपने पालने वालों के लिए एक संदेश भी देती हैं. वे क्या कहती हैं कि पढ़ाई बहुत जरूरी है, लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ अन्य चीजों पर भी सभी को ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि सभी के बीच अलग-अलग प्रतिभाएं होती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में डांस, खेल, पढ़ाई आदि प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, सिर्फ उसे निखारने की जरूरत है. उन्होंने छोटे जगहों पर रहने वाले लोगों को भी कहा कि अगर किसी में प्रतिभा है तो वह उसमें आगे बढ़े भले ही लोग कुछ भी कहें लेकिन वे ये न सोचें की छोटी जगह पर रहकर वे बड़ा काम नहीं कर सकते.