बाघमारा, धनबाद: कोयलांचल एक बार फिर से कोलयरियों में वर्चस्व को लेकर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया है. बाघमारा BCCL कांटा पहाड़ी अंगारपथरा कोल में विधायक ढूलु महतो और पूर्व विधायक जलेश्वर महतो के समर्थक आपस मे भिड़ गए. दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई. दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी, लाठी डंडे, हरवे हथियार चलाये गए. साथ में फायरिंग भी किया गया. इस दौरान एक पुलिसकर्मी सहित कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
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घटना के बाद दोनों पक्ष एक दूसरे पर कोलियरी में वर्चस्व करने का आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. साथ ही मजदूर, डीओ और होल्डर से रंगदारी लेने का आरोप एक दूसरे पर मढ़ रहे हैं. पिछले पांच दिनों से कांटा पहाड़ी कोल डंप में वर्चस्व को लेकर दोनों पक्षो में तनाव बना हुआ था. पिछले चार दिनों से दोनों पक्षों के समर्थक सुबह होते ही अपने-अपने लोगों के साथ कांटा घर के समीप सैकड़ों की संख्या में जमा होकर एक दूसरे से दो-चार हाथ करने को आमदा दिख रहे थे.
वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष
ऐसी स्थिति में आशंका जताई जा रही है कि दोनो पक्षों के बीच वर्चस्व को लेकर कभी भी खूनी संघर्ष हो सकती थी. पूर्व में भी यहां कोयले के उठाव और लोडिंग को लेकर लड़ाई हो चुकी है. शनिवार को विधायक और पूर्व विधायक के समर्थक आपस में भिड़ गए. जिसमे जमकर फायरिंग भी हुई.
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सूचना मिलने पर अंगारपथरा की पुलिस मौके पर पहुच कर स्थिति को संभालने का प्रयास करने लगे. इस दौरान पुलिसकर्मी भी घायल हुए. अन्य थानों के पुलिस भी मौके पर पहुच गए है. स्थिति अब भी तनाव पूर्ण बना हुआ है. पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. घायलों को इलाज के लिए ले जाया गया है. विधायक समर्थक मजदूर खुद को पुराना मजदूर मानते हैं जबकि जलेश्वर महतो समर्थक खुद ट्रक लोडिंग करना चाहते हैं.
पुलिस-प्रशासन नाकाम
कोलियरियों में वर्चस्व में नुकसान मजदूरों और डीओ होल्डरों को हो रहा है. पिछले चार दिन से एक छटाक कोयला लोडिंग नहीं हुआ है. यह पहली बार नहीं है कि कोलडंप में खूनी संघर्ष हुआ है. इसके बाउजूद इस पर कभी लगाम नहीं लगा है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि वर्चस्व की लड़ाई में मजदूर पिसते हैं. जबकि मोटी कमाई उन नेताओ को होती है जो इनका मसीहा बनने का दावा करते आये हैं. पुलिस-प्रशासन इस वर्चस्व को रोकने में शुरू से नाकाम रही है. अब यह संघर्ष कहां जाकर रुकेगा यह कोई नहीं बता सकता.