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विधानसभा चुनाव 2019: झरिया विधायक संजीव सिंह का रिपोर्ट कार्ड

झारखंड में लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो गया है. ऐसे में उम्मीदवारों के नामांकन का दौर जारी है. झरिया विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक संजीव सिंह हैं जो फिलहाल जेल में बंद हैं. जिसके बाद उनकी पत्नी रागिनी सिंह झरिया सीट को संभाल रहीं हैं. उनका दावा है कि उन्होंने झरिया के लिए काफी विकास किया है.

विधायक संजीव सिंह
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Published : Nov 14, 2019, 5:11 PM IST

धनबाद: झरिया विधानसभा सीट पर लंबे अरसे से सिंह मेंशन का कब्जा रहा है. सूर्यदेव सिंह इस सीट से चार बार विधायक बनने का कीर्तिमान दर्ज कर चुके हैं. जिसके बाद उनके भाई बच्चा सिंह और उसके बाद उनकी धर्मपत्नी कुंती सिंह भी यहां से विधायक बनीं. फिलहाल सूर्यदेव सिंह के बेटे संजीव सिंह बीजेपी की टिकट से यहां के विधायक हैं. जो पिछले 29 माह से अपने चचेरे भाई और कांग्रेस नेता नीरज सिंह की हत्या करने के मामले में जेल में बंद हैं.

विधायक संजीव सिंह का रिपोर्ट कार्ड

1977 में अस्तित्व में आया झरिया
सिंह मेंशन की कमान विधायक संजीव सिंह की धर्मपत्नी रागिनी सिंह फिलहाल संभाल रखी है. बीजेपी ने रागिनी पर भरोसा जताते हुए इस विधानसभा चुनाव में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है. साल 1957 के बाद केंदुआडीह और जोड़ापोखर सीट का आस्तित्व खत्म कर दिया गया. झरिया विधानसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आया. कोल इंडिया के अनुषंगी इकाई बीसीसीएल और टाटा की कई कोल माइंस होने के कारण बिहार और यूपी समेत अन्य राज्यों के लोग यहां बसे हैं. उनकी रोजी रोटी का मुख्य जरिया कोयला ही है.

कोयले की मंडी है झरिया
यहां बसे कई लोग स्थायी तौर पर नौकरी में हैं तो कई प्राइवेट रूप से कोयले के खनन कार्य से लेकर अन्य कार्यों से जुड़े हैं. कोयले की मंडी झरिया के कतरास मोड़ में है जहां प्रतिदिन करोड़ों रुपए के कोयले का कारोबार होता आ रहा है. इतिहास गवाह है कि कोयले के वर्चस्व को लेकर झरिया की काली धरती खून से लाल होती आ रही है. झरिया विधानसभा सीट पर लंबे समय से सिंह मेंशन का कब्जा रहा है. साल 1977 से 1990 तक सूर्यदेव सिंह यहां से चार बार विधायक रहे. उनके भाई बच्चा सिंह यहां से विधायक बनने के बाद नगर विकास मंत्री रहे चुके हैं. उनकी धर्म पत्नी कुंती सिंह भी बीजेपी से यहां के विधायक रह चुकी हैं. फिलहाल उनके बेटे झरिया विधानसभा से विधायक हैं. पिछले 29 माह से अपने चचेरे भाई नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद हैं. सिंह मेंशन की पुत्रवधू और विधायक संजीव सिंह की धर्मपत्नी रागिनी सिंह मेंशन कमान अपने हाथों में ले चुकी हैं.

रागिनी ने कहा पूरा परिवार झरिया के लिए खड़ा है
रागिनी सिंह का कहना है कि विधायक ने झरिया में कई तरह के विकास कार्य किए हैं. सड़क, पुल सहित पानी की सुविधा को लेकर कई तरह के कार्य इस क्षेत्र में किए गए हैं. उन्होंने कहा कि झरिया की समस्याओं के निदान के लिए पूरा परिवार हरपल झरिया के लोगों के बीच में खड़े रहते हैं. पानी की समस्या पर उन्होंने कहा कि चुनाव जैसे ही खत्म होगी पानी के लिए कार्य किया जाएगा. रागिनी ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झरिया के लोगों को जहां कहीं भी बसाया जाएगा उन्हें वहां पूरी सुविधा और सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनपर भरोसा जताया है और वह उस भरोसे पर खरा उतरेंगी साथ ही जनता की जो भी मांग होगी वह उसे चुनाव जीतने के बाद पूरा करने का काम करेगी.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: बोरियो विधायक ताला मरांडी का रिपोर्ट कार्ड

बीजेपी ने रागिनी सिंह पर जताया भरोसा
वहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता अशोक बर्णवाल ने कहा कि झरिया में किसी तरह का कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. झरिया की दुर्दशा के लिए उन्होंने विधायक को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं झरिया में किए गए कार्यों को लेकर यहां की कुछ जनता संतुष्ट नजर आई तो कुछ असंतुष्ट. फिलहाल नीरज सिंह हत्याकांड में झरिया विधायक संजीव सिंह जेल में बंद है. बीजेपी ने भरोसा जताते हुए उनकी पत्नी रागिनी सिंह को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन रागिनी पार्टी के भरोसे पर कितना खरा उतरती है. यह तो चुनाव के नतीजों के आने के बाद ही मालूम चल सकेगा.

धनबाद: झरिया विधानसभा सीट पर लंबे अरसे से सिंह मेंशन का कब्जा रहा है. सूर्यदेव सिंह इस सीट से चार बार विधायक बनने का कीर्तिमान दर्ज कर चुके हैं. जिसके बाद उनके भाई बच्चा सिंह और उसके बाद उनकी धर्मपत्नी कुंती सिंह भी यहां से विधायक बनीं. फिलहाल सूर्यदेव सिंह के बेटे संजीव सिंह बीजेपी की टिकट से यहां के विधायक हैं. जो पिछले 29 माह से अपने चचेरे भाई और कांग्रेस नेता नीरज सिंह की हत्या करने के मामले में जेल में बंद हैं.

विधायक संजीव सिंह का रिपोर्ट कार्ड

1977 में अस्तित्व में आया झरिया
सिंह मेंशन की कमान विधायक संजीव सिंह की धर्मपत्नी रागिनी सिंह फिलहाल संभाल रखी है. बीजेपी ने रागिनी पर भरोसा जताते हुए इस विधानसभा चुनाव में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है. साल 1957 के बाद केंदुआडीह और जोड़ापोखर सीट का आस्तित्व खत्म कर दिया गया. झरिया विधानसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आया. कोल इंडिया के अनुषंगी इकाई बीसीसीएल और टाटा की कई कोल माइंस होने के कारण बिहार और यूपी समेत अन्य राज्यों के लोग यहां बसे हैं. उनकी रोजी रोटी का मुख्य जरिया कोयला ही है.

कोयले की मंडी है झरिया
यहां बसे कई लोग स्थायी तौर पर नौकरी में हैं तो कई प्राइवेट रूप से कोयले के खनन कार्य से लेकर अन्य कार्यों से जुड़े हैं. कोयले की मंडी झरिया के कतरास मोड़ में है जहां प्रतिदिन करोड़ों रुपए के कोयले का कारोबार होता आ रहा है. इतिहास गवाह है कि कोयले के वर्चस्व को लेकर झरिया की काली धरती खून से लाल होती आ रही है. झरिया विधानसभा सीट पर लंबे समय से सिंह मेंशन का कब्जा रहा है. साल 1977 से 1990 तक सूर्यदेव सिंह यहां से चार बार विधायक रहे. उनके भाई बच्चा सिंह यहां से विधायक बनने के बाद नगर विकास मंत्री रहे चुके हैं. उनकी धर्म पत्नी कुंती सिंह भी बीजेपी से यहां के विधायक रह चुकी हैं. फिलहाल उनके बेटे झरिया विधानसभा से विधायक हैं. पिछले 29 माह से अपने चचेरे भाई नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद हैं. सिंह मेंशन की पुत्रवधू और विधायक संजीव सिंह की धर्मपत्नी रागिनी सिंह मेंशन कमान अपने हाथों में ले चुकी हैं.

रागिनी ने कहा पूरा परिवार झरिया के लिए खड़ा है
रागिनी सिंह का कहना है कि विधायक ने झरिया में कई तरह के विकास कार्य किए हैं. सड़क, पुल सहित पानी की सुविधा को लेकर कई तरह के कार्य इस क्षेत्र में किए गए हैं. उन्होंने कहा कि झरिया की समस्याओं के निदान के लिए पूरा परिवार हरपल झरिया के लोगों के बीच में खड़े रहते हैं. पानी की समस्या पर उन्होंने कहा कि चुनाव जैसे ही खत्म होगी पानी के लिए कार्य किया जाएगा. रागिनी ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झरिया के लोगों को जहां कहीं भी बसाया जाएगा उन्हें वहां पूरी सुविधा और सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनपर भरोसा जताया है और वह उस भरोसे पर खरा उतरेंगी साथ ही जनता की जो भी मांग होगी वह उसे चुनाव जीतने के बाद पूरा करने का काम करेगी.

ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: बोरियो विधायक ताला मरांडी का रिपोर्ट कार्ड

बीजेपी ने रागिनी सिंह पर जताया भरोसा
वहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता अशोक बर्णवाल ने कहा कि झरिया में किसी तरह का कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. झरिया की दुर्दशा के लिए उन्होंने विधायक को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं झरिया में किए गए कार्यों को लेकर यहां की कुछ जनता संतुष्ट नजर आई तो कुछ असंतुष्ट. फिलहाल नीरज सिंह हत्याकांड में झरिया विधायक संजीव सिंह जेल में बंद है. बीजेपी ने भरोसा जताते हुए उनकी पत्नी रागिनी सिंह को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन रागिनी पार्टी के भरोसे पर कितना खरा उतरती है. यह तो चुनाव के नतीजों के आने के बाद ही मालूम चल सकेगा.

Intro:धनबाद।झरिया विधानसभा सीट पर लंबे अरसे से सिंह मेंशन का कब्जा रहा है।मजदूरों के मसीहा कहे जाने वाले सूर्यदेव सिंह इस सीट से चार बार विधायक बनने का कीर्तिमान दर्ज कर चुके हैं।फिर उनके भाई बच्चा सिंह और उसके बाद धर्मपत्नी कुंती सिंह भी यहां से विधायक बने।फ़िलहाल स्व सूर्यदेव सिंह के पुत्र संजीव सिंह बीजेपी से यहां से विधायक है।पिछले 29 माह से अपने चचेरे भाई सह कांग्रेस नेता नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद हैं।सिंह मेंशन की कमान अब विधायक संजीव सिंह की धर्मपत्नी रागिनी सिंह ने संभाल रखी है।बीजेपी ने रागिनी पर भरोसा जताते हुए इस विधानसभा चुनाव में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है।


Body:VO 01:-साल 1957 के बाद केंदुआडीह और जोड़ापोखर सीट का आस्तित्व खत्म कर दिया गया।झरिया विधानसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आयी।कोल इंडिया के अनुषंगी इकाई बीसीसीएल एवं टाटा की कई कोल माइंस होने के कारण बिहार और यूपी समेत अन्य राज्यों के लोग यहां बसे हैं।उनकी रोजी रोटी का मुख्य जरिया कोयला ही है।यहां बसे कई लोग स्थायी तौर पर नौकरी में है तो कई प्राइवेट रुप से कोयले के खनन कार्य से लेकर अन्य कार्यों से जुड़े हैं।कोयले की मंडी झरिया के कतरास मोड़ में है।जहां प्रतिदिन करोड़ों रुपए के कोयले का कारोबार होता आ रहा है।इतिहास गवाह है कोयले के वर्चस्व को लेकर झरिया की काली धरती खून से लाल होती आ रही है।झरिया विधानसभा सीट पर लंबे समय से सिंह मेंशन का कब्जा रहा है।साल 1977 से 1990 तक सूर्यदेव सिंह यहां से चार बार विधायक रहे।उनके भाई बच्चा सिंह यहां से विधायक बनने के बाद नगर विकास मंत्री रहे चुके है।उनकी धर्म पत्नी कुंती सिंह भी बीजेपी से यहां से विधायक रह चुकी है।फिलहाल उनके पुत्र झरिया विधानसभा से विधायक हैं।पिछले 29 माह से अपने चचेरे भाई नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद हैं।सिंह मेंशन की पुत्रवधू और विधायक संजीव सिंह की धर्मपत्नी रागिनी सिंह मेंशन कमान अपने हांथो में ले चुकी है।


रागिनी सिंह कहती है कि विधायक के द्वारा झरिया में कई तरह के विकास कार्य किए गए हैं।सड़क,पुल सहित पानी की सुविधा को लेकर कई तरह के कार्य इस क्षेत्र में किए गए हैं।उन्होंने कहा कि झरिया की समस्याओं के निदान के लिए पूरा परिवार हरपल झरिया के लोगों के बीच मे खड़े रहते हैं।पानी की समस्या पर उन्होंने कहा कि चुनाव जैसे ही खत्म होगी पानी के लिए कार्य किया जाएगा।झरिया उजाड़ने के सवाल पर रागिनी ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा यह कहा गया है कि झरिया के लोगों को जहां कहीं भी बसाया जाएगा।उन्हें वहां पूरी सुविधा और सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी।साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी ने हम पर भरोसा जताया है।मैं उस भरोसे पर खरा उतरूंगी और जनता की जो भी मांग होगी वह उसे चुनाव जीतने के बाद पूरा करने का काम करेगी।

BYTE 01:-RAGINI SINGH,PATNI VIDHAAYK

VO 02:-वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता अशोक बर्णवाल ने कहा कि झरिया में किसी तरह का कोई भी विकास कार्य नही हुआ है।झरिया की दुर्दशा के लिए उन्होंने विधायक को जिम्मेदार ठहराया है।

BYTE 02:-ASHOK BARNWAL,NETA , CONGRESS

VO 03:-वहीं विधायक द्वारा झरिया में किए गए कार्यों से यहां की जनता कुछ तो संतुष्ट नजर आए और कुछ असंतुष्ट।अनुप साव ने कहा कि विधायक के कार्यकाल का आधा समय जेल में ही बीत गया तो विकास कार्य क्या होगा।झरिया की ऐतिहासिक धरोहर आरएसपी कॉलेज को दूसरे जगह शिफ्ट कर दिया गया।विगत कई सालों से झरिया की जनता ने जो पानी की किल्लत नही झेला है वह विधायक के कार्यकाल में झेलना पड़ा है।प्रदूषण में भी हमारे झरिया का स्थान नंबर वन पर है।पानी,बिजली और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं से झरिया की जनता त्रस्त है।उन्होंने ने विधायक को शून्य नम्बर दिए हैं।दीपक अग्रवाल विधायक के कार्यों से थोड़े संतुष्ट नजर आए।उन्होंने विधायक को दस नम्बर में सात नंबर दिया है।रमेश अग्रवाल ने कहा कि झरिया विधानसभा में बहुत कम काम हुआ है।जनता के मुताबिक यहां काम नही हो पाया है।उन्होंने 10 में से 5 नंबर विधायक को दिया है।रिंकू शर्मा विधायक के कार्यों से पूरी तरह संतुष्ट नजर आए।उन्होंने कहा कहा कि सड़क और पुल का निर्माण विधायक के द्वारा कराया गया है।जिससे यातायात सुगम हुआ है।रिंकू ने विधायक को 10 में से 9 नंबर दिया है।विशाल साव ने विधायक को पूरे दस नंबर दिए हैं।विशाल का कहना है कि वे जेल में जरूर है लेकिन उनके रहते हमे किसी तरह कोई दिक्कत नही होती है।कोई हमारे समक्ष रंगदारी नही कर सकता है।

BYTE 03:-ANUP SAW,STHANIYA

BYTE 04:-DIPAK AGRAWAL, STHANIYA

BYTE 05:-RAMESH AGRAWAL,STHANIYA

BYTE 06:-RINKU SHARMA,STHANIYA

BYTE 07:-VISHAL SAW,STHANIYA.



Conclusion:फिलहाल नीरज सिंह हत्याकांड में झरिया विधायक संजीव सिंह जेल में बंद है।बीजेपी ने भरोसा जताते हुए उनकी पत्नी रागिनी सिंह को प्रत्याशी बनाया है।लेकिन रागिनी पार्टी के भरोसे पर कितना खरा उतरती है।यह तो चुनाव के नतीजों के आने के बाद ही मालूम चल सकेगा।

नरेंद्र कुमार, ईटीवी भारत,धानबाद
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