धनबाद: धनबाद जिले को एक समय उद्योग की नगरी के नाम से जाना जाता था. लेकिन आज जिले में उद्योग के धंधे चौपट हो गए हैं. इसका कारण जानकर हैरान भी हो सकते हैं. क्योंकि हमेशा से ही धनबाद में उद्योग धंधे राजनीतिक कारणों की भेंट चढ़ गया है.
भाजपा में अंदरूनी कलह
धनबाद के सिंदरी इलाके की उस फैक्ट्री की बात कर रहे हैं जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई 2018 को किया था, लेकिन उसके बावजूद भी आज धनबाद में इस फैक्ट्री में अपने मजदूर रखे जाने को लेकर भाजपा में अंदरूनी कलह छिड़ गई है. विपक्षी नेताओं के साथ-साथ स्थानीय भाजपा विधायक फूलचंद मंडल के अलावे दो भाजपा के नेता जो अपने आप को सिंदरी विधानसभा से भाजपा से टिकट के दावेदार भी मानते हैं. अपने-अपने लोगों को इस फैक्ट्री में रखना चाहते हैं.
सभी मजदूरों को रखने की बात बनी
धनबाद जिले के उपायुक्त कार्यालय से सिंदरी विधायक फूलचंद मंडल एक मीटिंग के बाद गदगद अवस्था में बाहर निकले और उन्होंने कहा कि हमने जनवरी-फरवरी माह में ही 969 मजदूरों की एक लिस्ट हर्ल कंपनी को सौंपी थी. जिसे कंपनी ने नहीं रखा था. लेकिन त्रिपक्षीय वार्ता के बाद एक सहमति बनी है और हमारे द्वारा सौंपी गई लिस्ट के सभी मजदूरों को रखने की बात भी हुई.
ईटीवी भारत के सवालों से बचते दिखे
जिसके बाद मुख्य द्वार पर तालाबंदी के बाद धरना कार्यक्रम स्थगित हो गया है. 11 जुलाई को बलियापुर में कैंप लगाकर सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और हमारे सभी मजदूर रखे जाएंगे. यह सारी बातें भाजपा के विधायक फूलचंद मंडल ने कही. वहीं हर्ल कंपनी के अधिकारी जो वार्ता में शामिल होने आए थे, वह ईटीवी भारत के सवालों से बचते दिखे.
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11 जुलाई से कैंप
धनबाद उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि वार्ता में आम सहमति बन गई है और कंपनी को दिया निर्देश दिया गया है कि स्थानीय लोगों को ही रोजगार मिलना चाहिए. इसके लिए बलियापुर में 11 जुलाई को एक एक कैंप लगाया जाएगा. यह कैंप चार-पांच दिनों तक चलेगा. सभी का रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा और सभी मजदूरों का पेमेंट भी मजदूरों के खाते में ही करने का दिशा निर्देश कंपनी के पदाधिकारियों को दिया गया है.