धनबाद: प्रधानमंत्री मोदी की बेहद महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है सांसद के द्वारा एक पंचायत को गोद लेकर उसका विकास करना. पीएम की अपील के बाद धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने भी रतनपुर पंचायत को गोद लिया. गांव वालों को उम्मीद थी कि सांसद के गोद लेने के बाद वहां विकास होगा और उनकी समस्याएं दूर होंगी. लेकिन पिछले पांच सालों में गांव की तस्वीर कुछ ज्यादा नहीं बदल पाई है.
धनबाद के रतनपुर पंचायत के लोगों के लिए पानी के लिए जद्दोजहद करना कोई नई बात नहीं है. यहां के सांसद हैं पीएन सिंह. इन्होंने कभी पीएम की अपील के बाद गांव को गोद लिया था और लोगों से वादा किया था कि इस पंचायत में इतना विकास करेंगे कि यह एक आदर्श बन जाएगा. लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी इस गांव की तकदीर नहीं बदल पाई है.
गोविंदपुर प्रखंड के रतनपुर पंचायत में बैना गाजर, कापासाड़ा, जीरामुड़ी,कुम्हारडीह और कुसमाटांड़ गांव हैं. जिसकी आबादी लगभग 7000 है. पीएन सिंह ने पंचायत को गोद लिया तो यहां की सड़कें बनवा दी. पिछले डेढ़ सालों से पानी के पाइप बिछाने का काम जारी है, लेकिन पानी उसमें कब आएगा यह किसी को पता नहीं.
अभी गर्मी ने ठीक से दस्तक भी नहीं दी है और गांव का एक मात्र तालाब सूखने लगा है. सिर्फ गर्मी की आहट से ही लोगों के हलक सूखने लगे हैं. उनका कहना है कि आने वाले दिनों में जब गर्मी अपने शबाब पर होगी तो पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा. पीएन सिंह के गोद लिए गांव में आपको कहीं नाली भी दिखाई नहीं देगी. इसके न बनाने के पीछे सांसद महोदय ने जो तर्क दिया है वह भी हास्यास्पद है.
गांव के समुचित विकास के लिए करीब 29 योजनाओं पर सहमति बनी थी. लेकिन सिर्फ दो-चार योजनाओं पर ही काम शुरू हो पाया बाकी के योजनाएं हवा हवाई हो गईं.