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धनबाद में घटी सूरत जैसी घटना तो भगवान भरोसे ही बुझेगी आग, फायर ऑफिसर ने खोले राज

ईटीवी भारत ने धनबाद फायर स्टेशन की व्यवस्था का हाल जाना. इस दौरान वहां तैनात फायर स्टेशन ऑफिसर अमृत लाल भास्कर से खास बात की गई. उन्होंने बताया कि फायर स्टेशन में कर्मियों की संख्या काफी कम है. यहां 8 फायरमैन हैं और 5 हवलदार हैं. विभाग के पास ब्रांटो गाड़ी भी नहीं है जिससे बहुमंजिली इमारतों पर चढ़कर आग बुझाया जा सके.

फायर स्टेशन ऑफिसर से बातचीत करते संवाददाता नरेंद्र कुमार
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Published : May 25, 2019, 3:04 PM IST

धनबाद: गुजरात के सूरत में बहुमंजिली इमारत में आग लगने से 19 छात्रों की हुई मौत के बाद ईटीवी भारत ने धनबाद फायर स्टेशन की व्यवस्था का हाल जाना. इस दौरान वहां तैनात फायर स्टेशन ऑफिसर अमृत लाल भास्कर ने व्यवस्था को लेकर चौंकाने वाली बातें कही. उनके मुताबिक अगर सूरत जैसी आग की घटना धनबाद में होती है तो कई लोगों की जान जा सकती है.

फायर स्टेशन ऑफिसर से बातचीत करते संवाददाता नरेंद्र कुमार

कर्मी की घोर कमी
धनबाद फायर ब्रिगेड के प्रभारी अमृत लाल भास्कर ने बताया कि फायर स्टेशन में कर्मियों की संख्या काफी कम है. यहां 8 फायरमैन हैं और 5 हवलदार हैं. आग बुझाने वाली छोटी बड़ी गाड़ियों की कुल संख्या 8 है. आपातकाल स्थिति में यदि एक साथ सभी गाड़ियों को कहीं जाना पड़े तो फिर भगवान ही मालिक है. आग बुझाने के लिए एक गाड़ी पर छह कर्मियों की आवश्यकता होती है, लेकिन प्रति गाड़ी यहां एक-दो कर्मी ही हैं.

विभाग के पास ब्रांटो गाड़ी नहीं
बहुमंजिली इमारतों में यदि आग लगती है तो वह आग भी भगवान भरोसे ही बुझेगी. क्योंकि विभाग के पास ब्रांटो गाड़ी नहीं है. ब्रांटो गाड़ी से बहुमंजिला इमारत में आग पर आसानी से काबू पाया जा सकता है. विभाग के पास जो सीढ़ी है उससे 40 से 50 फीट की ऊंचाई तक आग बुझाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें- नए सांसदों को मोदी का बुलावा, रांची से रवाना हुए नवनिर्वाचित MP, चेहरे पर दिखी खुशी

देखरेख का अभाव
फायर स्टेशन ऑफिसर ने बताया कि बहुमंजिला इमारत सिटी सेंटर जिसमें कई नामी शिक्षण संस्थान, प्रतिष्ठान और शॉपिंग सेंटर हैं. सिटी सेंटर में आग से सुरक्षा के उपाय तो किए गए हैं, लेकिन वह उपाय देखरेख के अभाव में बंद पड़े हैं. इसके अलावे धनबाद की हृदय स्थली कहे जाने वाले बैंक मोड़ में भी कई बहुमंजिली इमारतों में आग से सुरक्षा के मानको का उल्लंघन हो रहा है. बहुमंजिले इमारतों का निर्माण कर फायर सिस्टम लगाकर एनओसी ले लिया जाता है, लेकिन उनका सही संचालन नहीं होता है.

धनबाद: गुजरात के सूरत में बहुमंजिली इमारत में आग लगने से 19 छात्रों की हुई मौत के बाद ईटीवी भारत ने धनबाद फायर स्टेशन की व्यवस्था का हाल जाना. इस दौरान वहां तैनात फायर स्टेशन ऑफिसर अमृत लाल भास्कर ने व्यवस्था को लेकर चौंकाने वाली बातें कही. उनके मुताबिक अगर सूरत जैसी आग की घटना धनबाद में होती है तो कई लोगों की जान जा सकती है.

फायर स्टेशन ऑफिसर से बातचीत करते संवाददाता नरेंद्र कुमार

कर्मी की घोर कमी
धनबाद फायर ब्रिगेड के प्रभारी अमृत लाल भास्कर ने बताया कि फायर स्टेशन में कर्मियों की संख्या काफी कम है. यहां 8 फायरमैन हैं और 5 हवलदार हैं. आग बुझाने वाली छोटी बड़ी गाड़ियों की कुल संख्या 8 है. आपातकाल स्थिति में यदि एक साथ सभी गाड़ियों को कहीं जाना पड़े तो फिर भगवान ही मालिक है. आग बुझाने के लिए एक गाड़ी पर छह कर्मियों की आवश्यकता होती है, लेकिन प्रति गाड़ी यहां एक-दो कर्मी ही हैं.

विभाग के पास ब्रांटो गाड़ी नहीं
बहुमंजिली इमारतों में यदि आग लगती है तो वह आग भी भगवान भरोसे ही बुझेगी. क्योंकि विभाग के पास ब्रांटो गाड़ी नहीं है. ब्रांटो गाड़ी से बहुमंजिला इमारत में आग पर आसानी से काबू पाया जा सकता है. विभाग के पास जो सीढ़ी है उससे 40 से 50 फीट की ऊंचाई तक आग बुझाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें- नए सांसदों को मोदी का बुलावा, रांची से रवाना हुए नवनिर्वाचित MP, चेहरे पर दिखी खुशी

देखरेख का अभाव
फायर स्टेशन ऑफिसर ने बताया कि बहुमंजिला इमारत सिटी सेंटर जिसमें कई नामी शिक्षण संस्थान, प्रतिष्ठान और शॉपिंग सेंटर हैं. सिटी सेंटर में आग से सुरक्षा के उपाय तो किए गए हैं, लेकिन वह उपाय देखरेख के अभाव में बंद पड़े हैं. इसके अलावे धनबाद की हृदय स्थली कहे जाने वाले बैंक मोड़ में भी कई बहुमंजिली इमारतों में आग से सुरक्षा के मानको का उल्लंघन हो रहा है. बहुमंजिले इमारतों का निर्माण कर फायर सिस्टम लगाकर एनओसी ले लिया जाता है, लेकिन उनका सही संचालन नहीं होता है.

Intro:धनबाद।गुजरात के सूरत में बहुमंजिले इमारत में आग लगने से 19 छात्रों की हुई मौत के बाद संवाददाता नरेन्द्र कुमार ने धनबाद फायर स्टेशन की व्यवस्था का हाल वहाँ तैनात फायर स्टेशन ऑफिसर के प्रभार में चल रहे अमृत लाल भास्कर से लिया।व्यवस्था को लेकर फायर ऑफिसर ने काफी चौकाने वाले बातें कही है।उनके मुताबिक सूरत जैसी यदि आग की घटना धनबाद में होती है तो कई लोगों की जाने जा सकती है।


Body:धनबाद फायर ब्रिगेड के प्रभार में चल रहे फायर ऑफिसर अमृत लाल भास्कर ने बताया कि फायर स्टेशन में कर्मियों की संख्या काफी कम है।यहाँ 8 फायरमैन है और 5 हवलदार है।आग बुझाने वाली छोटी बड़ी गाड़ियों की कुल संख्या 8 है।आपातकाल स्थिति में यदि एक साथ सभी गाड़ियों को कहीं जाना पड़े तो फिर भगवान ही मालिक है।आग बुझाने के लिए एक गाड़ी पर छह कर्मियों की आवश्यकता होती है।लेकिन प्रति गाड़ी यहां एक दो कर्मी ही है।

बहुमंजिले इमारतों में आग यदि लगती है तो वह आग भी भगवान भरोसे ही बुझेगी।क्योंकि विभाग के पास ब्रांटो गाड़ी नही है।ब्रांटो गाड़ी से बहुमंजिला इमारत में आग पर आसानी से काबू पाया जा सकता है।विभाग के पास जो सीढ़ी है उससे 40 से 50 फिट की ऊंचाई तक आग बुझाया जा सकता है।फिर आग बुझाने के लिए उन इमारतों में आग से सुरक्षा के लिए बनाए गए उपायों का उपयोग में लाना जरूरी हो जाता है।

लेकिन आग से सुरक्षा के मानकों का धनबाद की बहुमंजिले इमारतों में खुलेआम उलंघन हो रहा है।उनके मुताबिक कुछ इमारतों में आग से सुरक्षा के उपाय है ही नही।कुछ इमारतों में हैं तो वह काम ही नही करता है।बिल्डिंग मैनजेमेंट आग से सुरक्षा के प्रति संवेदनशील नही है।

फायर स्टेशन ऑफिसर ने बताया कि बहुमंजिला इमारत सिटी सेंटर जिसमे कई नामी शिक्षण संस्थान,प्रतिष्ठान और शॉपिंग सेंटर हैं।सिटी सेंटर में आग से सुरक्षा के उपाय तो किए गए हैं।लेकिन वह उपाय देख रेख के आभाव में बंद पड़ा है।इसके अलावे धनबाद की हृदय स्थली कहे जाने वाले बैंक मोड़ में भी कई बहुमंजिले इमारतों में आग से सुरक्षा के मानको का उलंघन हो रहा है।बहुमंजिले इमारतों का निर्माण कर फायर सिस्टम लगाकर एनओसी ले लिया जाता है।लेकिन उनका सही संचालन नही होता है।


Conclusion:बहरहाल फायर स्टेशन ऑफिसर की बातों पर हम गौर करें तो बहुमंजिले इमारतों में आग लगने के बाद लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है।
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