धनबाद: पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में एक महिला का शव कई घंटों तक पड़ा रहा. मृत महिला की दोनो बेटियां अपनी मां के शव को पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने के लिए छटपटाती रही. समाजसेवी ने अधीक्षक को फोन कर वाहन की मांग की, लेकिन काफी देर हो जाने के बाद भी जब वाहन नहीं मिला तो स्ट्रेचर पर शव रख उन्होंने खुद अपनी मां के शव को पोस्टमार्टम हाउस हाउस तक पहुंचाया.
शव को बेटियों ने ढोया
बता दें कि गिरिडीह जिले के मोहनपुर की रहनेवाली मुफदिस खातून को एक सड़क हादसे में बुरी तरह जख्मी होने के बाद सोमवार की देर रात करीब एक बजे पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ देर बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मृत महिला का पति असरफ अब इस दुनिया में नहीं है. फरीदा और आजमा उसकी दो बेटियां हैं. दोनो अपनी मां के शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए बेहद परेशान थीं.
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काफी देर तक नहीं मिला एम्बुलेंस
जिले के वासेपुर के रहनेवाले कुछ समाजसेवियों को फोन पर मामले की सूचना दी गई जिसके बाद वासेपुर के सामजसेवी मो इजाद अली अपने कुछ साथियों के साथ पीएमसीएच पहुंचे. उन्होंने पीएमसीएच अधीक्षक को फोन कर मामले की जानकारी देते हुए शव ले जाने के लिए वाहन की मांग की. कुछ देर बाद एक एम्बुलेंस इमरजेंसी परिसर के मुख्य गेट पर आकर खड़ी हुई. वार्ड से शव लेकर सभी एम्बुलेंस के पास पहुंचे और शव को उसमें रख दिया. इतने में एम्बुलेंस के ड्राइवर ने कहा कि यह गाड़ी किसी और के लिए आई है, जिसके बाद सभी ने मिलकर दोबारा महिला के शव को एम्बुलेंस से नीचे उतारा.
बेटियां स्ट्रेचर पर ढो रही थी शव
एंबुलेंस नहीं मिलने पर मृतक की बेटियों ने स्ट्रेचर पर शव रख पोस्टमार्टम हाउस के लिए निकल पड़ी. रोती बिलखती बेटियां शव लदे स्ट्रेचर को किसी तरह ढो रही थी. अधीक्षक से वाहन की मांग करने वाले सामजसेवी ईजाद अली ने बताया कि काफी देर होने के बाद भी जब वाहन नहीं मिला तो स्ट्रेचर पर रख शव को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे.
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पीएमसीएच अधीक्षक ने दी सफाई
इस संबंध में पीएमसीएच अधीक्षक डॉ एचके सिंह ने कहा कि उन्होंने वाहन भेजा था, लेकिन उससे पहले वे लोग स्ट्रेचर पर शव रख वहां से जा चुके थे. उन्होंने कहा कि पिछले माह तीन शव वाहन सरकार की ओर से दिया गया है, लेकिन परिचालन की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण उपयोग में नहीं लाया जा रहा है. जल्द ही उस प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा.