धनबाद: निरसा प्रखंड अंतर्गत पांडरा बस्ती के बागती टोला में डायरिया के प्रकोप से ग्रामीण काफी दहशत में हैं. दुर्गा पूजा की विजयादशमी के बाद से ही गांव में डायरिया ने पांव पसार दिया था. ग्रामीण रतन तिवारी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और आसपास के क्षेत्र में जांच शिविर लगाकर लोगों की जांच की. डॉक्टरों ने ग्रामीणों के बीच दवा का भी वितरण किया. वहीं शुक्रवार को भी डायरिया से दो लोगों की मौत हो गई.
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स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्रामीणों को शिविर में डायरिया और डेंगू से बचने के उपाय भी बताए. साथ ही साफ-सुथरा रहने की चेतावनी दी. वहीं शुक्रवार को भी डायरिया से पीड़ित दो लोगों की मौत हो गई. घटना के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा है. वहीं घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और लोगों के बीच दवा का वितरण किया. वहीं चाईबासा के टोंटो प्रखंड के वीरसिंह हातु गांव में भी कुछ दिनों पहले डायरिया की वजह से 4 बच्चे सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी.
छोटे बच्चों में मृत्यु की बड़ी वजह है डायरिया
राज्य में बच्चों की असमय होनेवाली मृत्यु की बड़ी वजह डायरिया है. राज्य में लगभग 20-22% बच्चों की मौत दस्त यानि डायरिया से होती है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
रांची के प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार कहते हैं कि डायरिया से बच्चों की जान जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे रोका जा सकता है. डॉ राजेश कहते हैं, कि डायरिया इस मायने में भी खतरनाक है, क्योंकि इससे बच्चे कुपोषण के चक्र में फंस जाते हैं और फिर उसके शारीरिक विकास पर भी असर पड़ता है.
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सभी सीएचसी, पीएचसी और एडिशनल पीएचसी अलर्ट
एपीचसी, पीएचसी से लेकर सीएचसी और सभी जिला अस्पतालों को डायरिया को लेकर अलर्ट किया गया है. इसके तहत राज्य में करीब साढ़े आठ लाख बच्चों के लिए 40 लाख ओआरएस के पैकेट बांटे जाएंगे. इसके अलावा सीएसची, पीएचसी, हेल्थ सब सेंटर पर भी ओआरएस पर्याप्त मात्रा में रखने और बच्चों के केयर संबंधी विशेष आदेश दिए गए हैं.