ETV Bharat / city

भोले को खुश करने के लिए जरूरी है 'दंडपाल' का आदेश, वरना नाराज हो जाएंगे 'महाकाल' - झारखंड समाचार

सावन के पावन महीने में जहां बाबा भोलेनाथ के दर्शन का अपना अलग महत्व है. वैसे ही देवघर में स्थित महाकाल भैरव मंदिर के प्रति भक्तों की एक अलग आस्था है. ऐसा माना जाता है कि महाकाल भैरव, बाबा बैद्यनाथ के दंडपाल हैं जिनको प्रसन्न किए बिना बाबा बैद्यनाथ को खुश नहीं किया जा सकता.

महाकाल भैरव की आराधना करते भक्त
author img

By

Published : Jul 20, 2019, 3:33 PM IST

देवघर: श्रावणी मेले में भोलेनाथ के दर्शन को जाने वाले लोग पहले वहां स्थित महाकाल भैरव की आराधना करते हैं. भैरव, बाबा बैद्यनाथ के दंडपाल के रूप में पूजे जाते हैं. कहा जाता है कि महादेव की कृपा चाहिए तो पहले उन्हें खुश करना जरुरी है.

देखें वीडियो

वहीं, पुजारियों का कहना है कि धर्मशास्त्रों के मुताबिक जिस प्रकार बाबा विश्वनाथ के मंदिर में उनकी रखवाली के लिए काशी के कोतवाल आस भैरव मौजूद हैं ठीक उसी प्रकार बाबा बैद्यनाथ की रखवाली के लिए बाबा धाम मंदिर के दक्षिण ओर महाकाल भैरव स्वयं उपस्थित हैं.

दरअसल, भक्त भैरव बाबा की सेवा के बाद ही भोलेनाथ के दर्शन को जाते हैं. लिहाजा, भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलार्पण करने से पहले महाकाल भैरव की अनुमति लेना जरूरी है ताकि भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सके.

देवघर: श्रावणी मेले में भोलेनाथ के दर्शन को जाने वाले लोग पहले वहां स्थित महाकाल भैरव की आराधना करते हैं. भैरव, बाबा बैद्यनाथ के दंडपाल के रूप में पूजे जाते हैं. कहा जाता है कि महादेव की कृपा चाहिए तो पहले उन्हें खुश करना जरुरी है.

देखें वीडियो

वहीं, पुजारियों का कहना है कि धर्मशास्त्रों के मुताबिक जिस प्रकार बाबा विश्वनाथ के मंदिर में उनकी रखवाली के लिए काशी के कोतवाल आस भैरव मौजूद हैं ठीक उसी प्रकार बाबा बैद्यनाथ की रखवाली के लिए बाबा धाम मंदिर के दक्षिण ओर महाकाल भैरव स्वयं उपस्थित हैं.

दरअसल, भक्त भैरव बाबा की सेवा के बाद ही भोलेनाथ के दर्शन को जाते हैं. लिहाजा, भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलार्पण करने से पहले महाकाल भैरव की अनुमति लेना जरूरी है ताकि भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सके.

Intro:देवघर भोले को प्रसन्न करने के लिए जरूरी है "दंडपाल" का आदेश,वरना नाराज हो जाएंगे "महाकाल"।


Body:"जय दुर्गाय: पीथादिस्ठरी बैद्यनाथस्य च भैरव:"

एंकर देवघर कहते है देवो के देव महादेव तो स्वयं भैरव है लेकिन उनके दंडपाल महाकाल भैरव को प्रसन्न किये बगैर आप बाबा बैद्यनाथ को खुश नही कर सकते। यानी महादेव की कृपा चाहिए तो पहले उनके दोनों दण्डपलो को खुश करना ही पड़ेगा। धर्मशात्रो के मुताबिक,जिस प्रकार बाबा विश्वनाथ के मंदिर में उनकी रखवाली के लिए कांशी के कोतवाल आस भैरव स्वयं मौजूद है उसी प्रकार बाबा बैद्यनाथ की रखवाली के लिए बाबा धाम के मंदिर के दक्षिण और महाकाल भैरव स्वय उपस्थित है।लिहाजा,भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलार्पण के पहले महाकाल भैरव से आदेश लेकर उन्हें प्रसन्न करना जरूरी है इसके लिए आपको भोग लगाने के अलावा पैर दबाने "भैरो लाल के मनिहारा उनको मनाए लाल" गीत गा कर स्तुति गान के साथ ही तरह तरह के मनोहार भी करने होंगे।


Conclusion:बहरहाल, जबतक महाकाल भैरव आपकी भक्ति से प्रसन्न न हो जाएं, तबतक आपकी अर्जी दीवानी अदालत यानी बैद्यनाथ महादेव के पास नहीं पहुचेगी।

बाइट प्रमोद श्रृंगारी,पुरोहित बाबा मंदिर।
बाइट भक्त।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.