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देवघर: रक्षाबंधन और सावन की अंतिम सोमवारी आज, शुभ योग में करें भगवान शिव की पूजा

आज सावन का पांचवा सोमवार है साथ ही पूर्णिमा भी है. यह कई मायनों में बहुत खास है. आज के दिन रक्षाबंधन के साथ-साथ ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत संयोग भी बन रहा है. इन शुभ योग में आसानी से भगवान शिव की पूजा और उपासना करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है.

today celebrating somwari and raksha bandhan festival in deoghar
बाबा मंदिर
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Published : Aug 3, 2020, 7:57 AM IST

Updated : Aug 3, 2020, 8:06 AM IST

देवघर: आज सावन की पांचवीं और अंतिम सोमवारी है, साथ ही सावन पूर्णिमा भी है. सावन में सोमवार का विशेष महत्व होता है. आज ही के दिन बाबा मंदिर में लाखों की संख्या में भक्तों का तांता लगी रहता था, लेकिन इस बार कोरोना के कारण मेला नहीं लगा है. इस बार भक्तों के लिए सिर्फ ऑनलाइन दर्शन की ही व्यवस्था की गई है. मान्यताओं के अनुसार सावन में ही देवी देवताओं का समुद्र मंथन हुआ था और प्रत्येक सोमवारी को एक रत्न की प्राप्ति हुई थी. आज पांचवीं सोमवारी को पांचजन्य (शंख) का अभिर्भाव हुआ था. जिसे भगवान विष्णु ने अपने पास रखा था और आज बाबा भोले को गंगा जल, बेलपत्र, दूध से पूजा अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.

देखें पूरी खबर

आज सावन की अंतिम सोमवारी के साथ साथ रक्षा बंधन भी है. जानकारों की माने तो रक्षा बंधन सतयुग से चला आ रहा है. जब राजा बलि के दरबार में भगवान विष्णु गए और तीन पग जमीन मांगी जिसमें एक पग में ब्रह्मांड नापे दूसरा पग में पृथ्वी नापे तभी राजा बलि समझ गए कि यह अद्भुत महिमा भगवान विष्णु ही कर सकते हैं. ऐसे में राजा बलि को अहसास हो गया, तभी तीसरे पग में अपना मस्तक दे दिए. जिससे भगवान विष्णु बलि से काफी प्रसन्न हो गए थे. बलि राक्षस कुल में भी धार्मिक थे तभी राजा बलि ने भगवान विष्णु से रक्षा की मिन्नत की. भगवान विष्णु ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांध दिया. इसी समय से ही रक्षा बंधन की शुरुआत हुई है. बहन अपनी भाई को राखी बांधती है और बहन भाई से रक्षा की अपेक्षा रखती है.

ये भी देखें- रांची में दुर्गा पूजा समिति की बैठक आयोजित, इन शर्तों के साथ त्योहार मनाने पर बनी सहमति

शुभ मुहूर्त

सुबह 5:30 से 07:00 और 07:00 से 08:00 तीसरा 08:45 से लेकर दोपहर 02:00 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बताया गया है. बहरहाल, बाबा मंदिर में कोरोना को लेकर बाहरी प्रवेश पर पूरी तरह से रोक है. सिर्फ बाबा भोले की सीमित पुरोहित ही पूजा अर्चना की गयी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अंतिम सोमवार को सौ लोगों ने बाबा मंदिर में जल चढ़ाया.

देवघर: आज सावन की पांचवीं और अंतिम सोमवारी है, साथ ही सावन पूर्णिमा भी है. सावन में सोमवार का विशेष महत्व होता है. आज ही के दिन बाबा मंदिर में लाखों की संख्या में भक्तों का तांता लगी रहता था, लेकिन इस बार कोरोना के कारण मेला नहीं लगा है. इस बार भक्तों के लिए सिर्फ ऑनलाइन दर्शन की ही व्यवस्था की गई है. मान्यताओं के अनुसार सावन में ही देवी देवताओं का समुद्र मंथन हुआ था और प्रत्येक सोमवारी को एक रत्न की प्राप्ति हुई थी. आज पांचवीं सोमवारी को पांचजन्य (शंख) का अभिर्भाव हुआ था. जिसे भगवान विष्णु ने अपने पास रखा था और आज बाबा भोले को गंगा जल, बेलपत्र, दूध से पूजा अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.

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आज सावन की अंतिम सोमवारी के साथ साथ रक्षा बंधन भी है. जानकारों की माने तो रक्षा बंधन सतयुग से चला आ रहा है. जब राजा बलि के दरबार में भगवान विष्णु गए और तीन पग जमीन मांगी जिसमें एक पग में ब्रह्मांड नापे दूसरा पग में पृथ्वी नापे तभी राजा बलि समझ गए कि यह अद्भुत महिमा भगवान विष्णु ही कर सकते हैं. ऐसे में राजा बलि को अहसास हो गया, तभी तीसरे पग में अपना मस्तक दे दिए. जिससे भगवान विष्णु बलि से काफी प्रसन्न हो गए थे. बलि राक्षस कुल में भी धार्मिक थे तभी राजा बलि ने भगवान विष्णु से रक्षा की मिन्नत की. भगवान विष्णु ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांध दिया. इसी समय से ही रक्षा बंधन की शुरुआत हुई है. बहन अपनी भाई को राखी बांधती है और बहन भाई से रक्षा की अपेक्षा रखती है.

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शुभ मुहूर्त

सुबह 5:30 से 07:00 और 07:00 से 08:00 तीसरा 08:45 से लेकर दोपहर 02:00 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बताया गया है. बहरहाल, बाबा मंदिर में कोरोना को लेकर बाहरी प्रवेश पर पूरी तरह से रोक है. सिर्फ बाबा भोले की सीमित पुरोहित ही पूजा अर्चना की गयी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अंतिम सोमवार को सौ लोगों ने बाबा मंदिर में जल चढ़ाया.

Last Updated : Aug 3, 2020, 8:06 AM IST
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