देवघर: सरस्वती पूजा से ठीक पहले शहर के तमाम कुम्हार विद्या की देवी सरस्वती की मूर्ति बनाने में जोर शोर से जुटे हुए हैं. मूर्तिकारों का आंगन इन दिनों मूर्तियों से भरा पड़ा है. अपनी आजीविका के लिए सपरिवार पुश्तैनी काम कर रहे कुम्हार अब धीरे धीरे इस काम से मन चुराने लगे हैं. वजह है महंगाई.
पहले जहां मिट्टी आसानी से उपलब्ध हो जाती थी. वहीं, अब इन्हें मिट्टी भी खरीदनी पड़ रही है. इतना ही नहीं, मूर्ति में लगने वाले रंग से लेकर तमाम साधन जुटाने में भी इन्हें खासी रकम खर्च करनी पड़ती है. इसमें मुनाफा महज परिवार चलाने भर मिलता है. लिहाजा, इन कुम्हारों की आस अब सरकार के भरोसे टिकी हुई है.
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कुम्हारों की परेशानी से जब ईटीवी भारत की टीम ने जिले की कलक्टर नैंसी सहाय को अवगत करवाया तब उन्होंने समस्या के समाधान को लेकर कदम उठाने की बात कही. इसके साथ ही ईटीवी भारत की टीम को सुझाव देंने पर धन्यवाद भी दिया. बता दें कि मां सरस्वती की प्रतिमा बना रहे कुम्हारों ने एक नई पहल भी की है. इस दफे तमाम मूर्तिकारों ने अपनी मूर्तियों में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला भी किया है.