देवघर: कोरोना को देखते हुए इस बार श्रावणी मेला नहीं लगाया गया है. ऐसे में सावन की पहली सोमवारी से ही सावन की शुरुआत हो गई है. बता दें कि हर साल बाबाधाम में सावन के महीने में श्रावणी मेला का आयोजन होता था. इस मेले में कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंचते थे. काफी संख्या में भक्त बाबा का जलाभिषेक करते थे, लेकिन इस बार श्रावणी मेला के स्थगित होने से भक्तों में मायूसी है. इस बार भक्त बाबा की नगरी नहीं जा पाएंगे.
जानकारी के अनुसार, सावन में ही देवताओं का समुद्र मंथन हुआ था और 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी. प्रत्येक सोमवारी को विशेष रत्न की प्राप्ति में पहला सोमवारी को इच्छसर्वा घोड़ा की उत्पत्ति हुई थी. इसबार पांच सोमवार है, जो शुभ संकेत माना जा रहा है. कोरोना महामारी के कारण इसबार मंदिर बंद रहने के कारण पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक का अवसर श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाएगा.
ऐसे में जानकारों ने घर में ही रहकर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान भोलेनाथ की आराधना करने की सलाह भक्तों को दी है. ऐसी मान्यता है कि सोमवार को भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
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कैसे करें घर में पूजा
बाबा मंदिर के वरिष्ठ पुरोहित दुर्लभ मिश्र ने बताया कि षोडशोपचार विधि से बाबा भोले की पूजा करें. अपने आसपास के मंदिरों में अगर बाबा नर्मदेश्वर हो या फिर अपने घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर सबसे पहले बाबा भोले का ध्यान करें और एक बेलपत्र चढ़ाएं. उसके बाद ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. फिर जल चढ़ाए उसके बाद दूध, दही, मधु, घी, सक्कर चढ़ाने के बाद फिर जल चढ़ाएं, जिसके बाद एक कटोरी में चंदन, इत्र और जल डालकर स्नान कराएं और फिर पूरी तरह से पोछ कर सिर्फ इत्र लगाए. इसके बाद अरवा चावल, रोली, बेलपत्र, फल, नैवेद्य चढ़ाने के बाद कपूर से आरती करें. ऐसे पूजा करेंगे तो मनवांछित फल की प्राप्ति होगी.