देवघर: श्रावणी मेला के खत्म होने के बाद बाबा बैजनाथ के दर्शन के लिए कई वीआईपी देवघर पहुंच रहे हैं. रविवार को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एमआर साह और झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, डाॅ रवि रंजन ने सपरिवार बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचे और पूजा-अर्चना की(SC Judge and Chief Justice of Jharkhand offer prayers).
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एमआर साह और झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, डाॅ रवि रंजन के बाबाधाम पहुंचने पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच उन्हें बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन में पुरोहितों ने मंत्रोच्चार के साथ पूरे विधि विधान से उन्हें संकल्प कराया गया. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की. इसके अलावा मौके पर उपस्थित उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश को भेंट स्वरूप स्मृति चिन्ह और बाबा मंदिर का प्रसाद प्रदान दिया.इस मौके पर जिले के वरीय न्यायाधीश गण एवं पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र जाट, बाबा मंदिर प्रभारी सह अनुमंडल पदाधिकारी अभिजीत सिन्हा, संबंधित अधिकारी व पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे. इस दौरान मंदिर परिसर में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई थी.
झारखंड के देवघर स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैजनाथ धाम में स्थापित शिवलिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से नौवां ज्योतिर्लिंग है. यह देश का पहला ऐसा स्थान है जो ज्योतिर्लिंग के साथ ही शक्तिपीठ भी है. इस ज्योतिर्लिंग की कथा कई पुराणों में भी मौजूद है. हालांकि शिवपुराण में विस्तारपूर्वक इसकी जानकारी दी गई है. इसके अनुसार बैजनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान विष्णु ने की है. इस स्थान के कई नाम प्रचलित हैं जैसे हरितकी वन, चिताभूमि, रावणेश्वर कानन, हार्दपीठ और कामना लिंग. कहा जाता है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसलिए मंदिर में स्थापित शिवलिंग को कामना लिंग भी कहते हैं.