देवघर: कोरोना बंदी अवधि में देवघर प्रखंड के शंकरी गांव की महिलाओं ने कोरोना से बचाव के साथ खेती की नई पहल शुरू की है. इसके लिए खेतों में तख्ती और बैनर लगाकर लोगों को जागरूक तो कर ही रही हैं, साथ ही सब्जी उपजाकर ग्रामीण महिलाएं इस कोरोना संकट में आत्मनिर्भर बन रही हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण हैं हरे भरे 3 एकड़ भूमि के लहलहाती सब्जियों की फसल.
लहलहाती हरी-हरी सब्जियों के खेतों में काम कर रही ये ग्रामीण महिलाएं सखी मंडल की दीदीयां हैं. जो कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क लगाकर काम करती हैं. साथ ही कोरोना से बचाव को लेकर बैनर और स्लोगन लिखी तख्तियां अपने खेतों में लगाकर लोगों को जागरूक भी करती हैं. साथ ही आसपास के ग्रामीणों को भी मास्क लगाने, साबुन से हाथ धोने और सेनेटाइजर का उपयोग करने की सलाह के साथ सोशल डिस्टेंस बनाकर खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं.
JSPL के माध्यम से कराया जा रहा है प्रोत्साहित
शंकरी गांव में कोरोना बंदी के दौरान सखी मंडल की दीदीयों से सब्जी की खेती जेएसपीएल के माध्यम से प्रोत्साहित कर कराई जा रही है. समय समय पर फसलों की जानकारी, रख-रखाव की जानकारी सहित बाजार उपलब्ध कराने को लेकर प्रशिक्षित किया जाता है. वहीं उपायुक्त ने इनकी उपजाई हुई सब्जी को उचित मूल्य पर खरीद कर दीदी किचन और दाल भात केंद्र भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.
ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में पलामू में बढ़ा आत्महत्या का ग्राफ, मनोचिकित्सक की राय- योग से दूर होगा तनाव
कोरोना महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन की लंबी अवधि ने लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न कर दिया है और ऐसी विषम परिस्थिति में भी अपनी कमाई का नया जरिया चुनकर ग्रामीण क्षेत्र की इन सखी मंडल की दीदी महिलाओं ने एक नया रास्ता दिखाया है.