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संस्कृत में गाना गाने वाले पंकज का अनूठा अंदाज, 'तेरी आंख्यों का यो काजल' और 'डीजे वाला बाबू' लोगों को आ रहा पसंद - देवघर के पंकज झा ने संस्कृत गानों में बनाई पहचान

देवघर के पंकज झा ने हिंदी के कई गानों का संस्कृत वर्जन में गाकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. लोग उनके गाने को खूब पसंद कर रहे हैं. पंकज कई राज्यों में जाकर अपनी प्रतिभा दिखाई है और सम्मानित भी हुए हैं.

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Published : Mar 2, 2021, 4:39 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 5:16 PM IST

देवघर: बिलासी के रहने वाले पंकज झा संस्कृत गानों से अपनी एक अलग और खास पहचान बना रहे हैं. पंकज ना सिर्फ मशहूर हिंदी फिल्मों के गाने का संस्कृत वर्जन गाते हैं बल्कि ये रैप और पॉप गाने को भी बड़ी ही सरलता के साथ संस्कृत में गाते हैं. सपना चौधरी का गाना 'तेरी आंख्यों का यो काजल' को पूरे देश में पसंद किया जाता है. हिंदी भाषी क्षेत्र में तो इस गाने ने धूम मचा दी थी. पंकज ने भी इस गाने को संस्कृत में गाया तो लोगों ने उसे खासा पसंद किया.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़े- देवघरः छेड़खानी पड़ा महंगा, लड़की और स्थानीय लोगों ने कर दी पिटाई

पंकज झा देवघर के पंडा समाज से आते हैं. इनका शुरू से ही संस्कृत के प्रति रुझान रहा है. ये बच्चों को संस्कृत भी पढ़ाते हैं. छात्रों ने इनसे कहा कि किसी भी गाने का रीमिक्स हो सकता है तो फिर उसका संस्कृत वर्जन क्यों नहीं हो सकता. इसके बाद से ही पंकज ने हिंदी फिल्मों के गानों का अनुवाद करना शुरू किया. इन्होंने पहला वर्जन दिल्ली के एक छोटे से स्टूडियो रिकॉर्ड किया. इनके गानों को सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला. जिसके बाद एक के बाद एक इन्होंने कई हिंदी गानों के संस्कृत वर्जन रिकॉर्ड किए. इन्होंने राज्यों में जाकर अपनी प्रतिभा दिखाई और सम्मानित भी हुए हैं.

संस्कृत वर्जन में तेरी आंख्यों का यो काजल

संस्कृत पंकज की दूसरी मां
पंकज झा अपनी मां के बाद संस्कृत को अपनी मां के रूप में देखते हैं और अपने गुरु को अपना श्रेय देते हैं. पंकज आज डीजे, पॉप, रैप के जमाने में संस्कृत वर्जन से अपनी पहचान बना रहे हैं.

संस्कृत वर्जन में टिप-टिप बरसा पानी

देवघर: बिलासी के रहने वाले पंकज झा संस्कृत गानों से अपनी एक अलग और खास पहचान बना रहे हैं. पंकज ना सिर्फ मशहूर हिंदी फिल्मों के गाने का संस्कृत वर्जन गाते हैं बल्कि ये रैप और पॉप गाने को भी बड़ी ही सरलता के साथ संस्कृत में गाते हैं. सपना चौधरी का गाना 'तेरी आंख्यों का यो काजल' को पूरे देश में पसंद किया जाता है. हिंदी भाषी क्षेत्र में तो इस गाने ने धूम मचा दी थी. पंकज ने भी इस गाने को संस्कृत में गाया तो लोगों ने उसे खासा पसंद किया.

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पंकज झा देवघर के पंडा समाज से आते हैं. इनका शुरू से ही संस्कृत के प्रति रुझान रहा है. ये बच्चों को संस्कृत भी पढ़ाते हैं. छात्रों ने इनसे कहा कि किसी भी गाने का रीमिक्स हो सकता है तो फिर उसका संस्कृत वर्जन क्यों नहीं हो सकता. इसके बाद से ही पंकज ने हिंदी फिल्मों के गानों का अनुवाद करना शुरू किया. इन्होंने पहला वर्जन दिल्ली के एक छोटे से स्टूडियो रिकॉर्ड किया. इनके गानों को सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला. जिसके बाद एक के बाद एक इन्होंने कई हिंदी गानों के संस्कृत वर्जन रिकॉर्ड किए. इन्होंने राज्यों में जाकर अपनी प्रतिभा दिखाई और सम्मानित भी हुए हैं.

संस्कृत वर्जन में तेरी आंख्यों का यो काजल

संस्कृत पंकज की दूसरी मां
पंकज झा अपनी मां के बाद संस्कृत को अपनी मां के रूप में देखते हैं और अपने गुरु को अपना श्रेय देते हैं. पंकज आज डीजे, पॉप, रैप के जमाने में संस्कृत वर्जन से अपनी पहचान बना रहे हैं.

संस्कृत वर्जन में टिप-टिप बरसा पानी
Last Updated : Mar 3, 2021, 5:16 PM IST
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