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देवघर में बाबाधाम ही नहीं ये मंदिर भी है खास, भगवान विष्णु के साथ हैं उनके चार पालनकर्ता

देवघर में श्रावणी मेले की शुरुआत के बाद से ही कांवरियों की भीड़ बाबा भोलेनाथ पर गंगाजल चढ़ाने के लिए उमड़ पड़े हैं. विश्‍वप्रसिद्ध श्रावणी मेले में पूरे माह करोड़ों कावरिये बाबा को जल अर्पित करते हैं. मुख्‍य मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ और माता पावर्ती के मंदिरों के अलावे की कई देवी-देवताओं के मंदिर स्थापित हैं. लेकिन लक्ष्मी नारायण मंदिर की महिमा अपरमपार है.

इस मंदिर में स्थापित हैं समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक
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Published : Aug 6, 2019, 1:57 PM IST

देवघर: वैसे तो बैधनाथ धाम मंदिर के प्रांगण में बाबा भोलेनाथ और माता पार्वती का मंदिर प्रमुख हैं, लेकिन वहां कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जो बेहद खास हैं. उन्हीं में से एक हैं लक्ष्मी-नारायण मंदिर.

लक्ष्मी नारायण मंदिर की महिमा अपरमपार, देखिए पूरी स्टोरी

इस मंदिर के अंदर लक्ष्मी-नारायण के साथ चार विग्रह यानी देवियां भी मौजूद है. यह चारों विग्रह हैं वशोवती, तिरोहति, लक्ष्मी और सरस्वती. ऐसी मान्यता है कि सृष्टि निर्माण और उसके संचालन में भगवान विष्णु का विशेष योगदान है.

देवघर स्थित बाबा मंदिर प्रांगण में लक्ष्मी-नारायण मंदिर के अंदर भगवान विष्णु के साथ वशोमती के रूप में पृथ्वीलोक, तिरोहति के रूप में तीनों लोक, लक्ष्मी जो खुद विष्णु की अर्धांगिनी हैं और सरस्वती रूपी चारों शक्तियां एक साथ मौजूद हैं. यानी, समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक विष्णु और पालनकर्ता के रूप में चारों शक्तियां एक साथ उपस्थित हैं.

आपको बता दें कि देश के किसी भी कोने में आपको कही भी इस तरह का मंदिर देखने को नहीं मिलेगा. यही वजह है कि बैधनाथ धाम में भोलेनाथ के साथ ही कई अन्य मंदिर भी हैं. मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से ही इंसान को कई गुना यश, वैभव और कृपा की प्राप्ति होती है.

देवघर: वैसे तो बैधनाथ धाम मंदिर के प्रांगण में बाबा भोलेनाथ और माता पार्वती का मंदिर प्रमुख हैं, लेकिन वहां कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जो बेहद खास हैं. उन्हीं में से एक हैं लक्ष्मी-नारायण मंदिर.

लक्ष्मी नारायण मंदिर की महिमा अपरमपार, देखिए पूरी स्टोरी

इस मंदिर के अंदर लक्ष्मी-नारायण के साथ चार विग्रह यानी देवियां भी मौजूद है. यह चारों विग्रह हैं वशोवती, तिरोहति, लक्ष्मी और सरस्वती. ऐसी मान्यता है कि सृष्टि निर्माण और उसके संचालन में भगवान विष्णु का विशेष योगदान है.

देवघर स्थित बाबा मंदिर प्रांगण में लक्ष्मी-नारायण मंदिर के अंदर भगवान विष्णु के साथ वशोमती के रूप में पृथ्वीलोक, तिरोहति के रूप में तीनों लोक, लक्ष्मी जो खुद विष्णु की अर्धांगिनी हैं और सरस्वती रूपी चारों शक्तियां एक साथ मौजूद हैं. यानी, समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक विष्णु और पालनकर्ता के रूप में चारों शक्तियां एक साथ उपस्थित हैं.

आपको बता दें कि देश के किसी भी कोने में आपको कही भी इस तरह का मंदिर देखने को नहीं मिलेगा. यही वजह है कि बैधनाथ धाम में भोलेनाथ के साथ ही कई अन्य मंदिर भी हैं. मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से ही इंसान को कई गुना यश, वैभव और कृपा की प्राप्ति होती है.

Intro:रहस्यमयी है बाबाधाम स्थित लक्ष्मी-नारायण का मंदिर, यहां विराजमान हैं "विष्णु के साथ चार विग्रह"।


Body:एंकर देवघर वैसे तो बैधनाथधाम मंदिर प्रांगण में बाबा भोलेनाथ और माता पार्वती का मंदिर प्रमुख है लेकिन, बाबा मंदिर प्रांगण में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जो अब भी रहस्यमयी बनी हुई है। उन्हीं में से एक मंदिर है लक्ष्मी-नारायण जी का मंदिर। क्योंकि, इस मंदिर के भीतर लक्ष्मी-नारायण के साथ चार विग्रह यानी देवियां भी मौज़ूद है। यह चारों विग्रह हैं वशोवती, तिरोहति,लक्ष्मी और सरस्वती। सृस्टि के निर्माण और उसके संचालन में भगवान विष्णु का विशेष योगदान है और देवघर स्थित, बबमन्दिर प्रांगण में लक्ष्मी-नारायण मंदिर के भीतर भगवान विष्णु के साथ वशोमती के रूप में पृथ्वीलोक, तिरोहति के रूप में तीनों लोक, लक्ष्मी जो खुद विष्णु की अर्धांगिनी हैं और सरस्वती रूपी चारों शक्तियां एक साथ मौजूद हैं। यानी, समस्त ब्रह्मांड के संरक्षक और विष्णु और पालनकर्ता के रूप में चारो शक्तियां एक साथ उपस्थित हैं।


Conclusion:आपको बता दें कि, देश की किसी भी कोने में आपको इस प्रकार के न तो मंदिर देखने को मिलेंगे और न शक्ति का एकमात्र केंद्र। यही वजह है कि, बैधनाथधाम में भोलेनाथ के साथ ही कई अन्य रहस्यमयी मंदिर भी मौजूद हैं जिसके दर्शन मात्र से ही इंसान को कई गुना यश, वैभव और विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।

बाइट दुर्लभ मिश्र,तीर्थ पुरोहित बाबा मंदिर।
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