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बाबाधाम में ज्योतिर्लिंग के अलावा 22 मंदिर और 24 देवी-देवताओं के होते हैं दर्शन, पूरी होती है हर मनोकामना!

देवघर में बाबा बैधनाथ धाम के अलावा और भी 24 देवी-देवताओं का वास है. यहां आकर भक्तों को एक साथ कई देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. सावन के महीने में यहां का नजारा और भी मनमोहक होता है.

बाबा बैधनाथ धाम
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Published : Jul 18, 2019, 8:58 AM IST

देवघर: बाबाधाम के नाम से मशहूर देवघर को देवों की नगरी कहा जाता है. साल भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां भक्तों के अनुसार बाबाधाम आने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है. यहां ज्योतिर्लिंग के दर्शन तो होते ही हैं. इसके साथ ही यहां 22 मंदिर और 24 देवी-देवताओं के दर्शन भी होते हैं.

विशिष्टता बताते पुजारी और श्रद्धालु

भक्तों की माने तो यहां बाबा भक्तों को छप्पर फाड़ के आशीर्वाद देते हैं. ऐसे शिव की महिमा सर्वविदित है भगवान शंकर के इस मंदिर के दर्शन मात्र से ही भक्त खुद को धन्य मानते हैं. बाबाधाम की एक ओर खासियत यह भी है कि ज्योतिर्लिंग के दर्शन के अलावा भक्त 22 मंदिर और 24 अन्य देवी-देवताओं के दर्शन करते हैं. यहां शिव मंदिर के अलावा पार्वती मंदिर, गणेश मंदिर संध्या, काल भैरव, मनसा, हनुमान मंदिर, सूर्य मंदिर सहित अनेक देवी देवताओं के दर्शन होते हैं.

ये भी पढ़ें- राजधानी के थाने में मची अफरी-तफरी, थानेदार की फटकार पर पुलिसकर्मी ने किया आत्महत्या का प्रयास

इन सभी मंदिरों में माता पार्वती का पूजा स्थल सबसे ऊपर है, ऐसा माना जाता है कि अगर भक्त बासुकीनाथ धाम में जल अर्पण नहीं कर पाते हैं तो पार्वती मंदिर में जल अर्पण किया जा सकता है. ये सभी मंदिर ज्योतिर्लिंग के चारों ओर है और भक्त इन मनोरम दृश्य को देख कर भाव-विभोर हो जाते हैं. यहां के सभी मंदिरों की मूर्तियां अति प्राचीन हैं और सभी मंदिर के गुम्बज के शीर्ष पर पंचशूल बिराजमान है. जहां शिव के दर्शन के बाद इन मंदिरों के दर्शन दोगुने फल के प्राप्ति होने के बराबर होती है.

देवघर: बाबाधाम के नाम से मशहूर देवघर को देवों की नगरी कहा जाता है. साल भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां भक्तों के अनुसार बाबाधाम आने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है. यहां ज्योतिर्लिंग के दर्शन तो होते ही हैं. इसके साथ ही यहां 22 मंदिर और 24 देवी-देवताओं के दर्शन भी होते हैं.

विशिष्टता बताते पुजारी और श्रद्धालु

भक्तों की माने तो यहां बाबा भक्तों को छप्पर फाड़ के आशीर्वाद देते हैं. ऐसे शिव की महिमा सर्वविदित है भगवान शंकर के इस मंदिर के दर्शन मात्र से ही भक्त खुद को धन्य मानते हैं. बाबाधाम की एक ओर खासियत यह भी है कि ज्योतिर्लिंग के दर्शन के अलावा भक्त 22 मंदिर और 24 अन्य देवी-देवताओं के दर्शन करते हैं. यहां शिव मंदिर के अलावा पार्वती मंदिर, गणेश मंदिर संध्या, काल भैरव, मनसा, हनुमान मंदिर, सूर्य मंदिर सहित अनेक देवी देवताओं के दर्शन होते हैं.

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इन सभी मंदिरों में माता पार्वती का पूजा स्थल सबसे ऊपर है, ऐसा माना जाता है कि अगर भक्त बासुकीनाथ धाम में जल अर्पण नहीं कर पाते हैं तो पार्वती मंदिर में जल अर्पण किया जा सकता है. ये सभी मंदिर ज्योतिर्लिंग के चारों ओर है और भक्त इन मनोरम दृश्य को देख कर भाव-विभोर हो जाते हैं. यहां के सभी मंदिरों की मूर्तियां अति प्राचीन हैं और सभी मंदिर के गुम्बज के शीर्ष पर पंचशूल बिराजमान है. जहां शिव के दर्शन के बाद इन मंदिरों के दर्शन दोगुने फल के प्राप्ति होने के बराबर होती है.

Intro:देवघर बाबा मंदिर में है एक साथ 22 मंदिर,तो 24 देवी देवता,दोनो हाथों से भक्तो पर लुटाते है आशीर्वाद।


Body:एंकर बाबाधाम देवघर को देवो की नगरी कही जाती है। सालों भर यहां भक्तो का तांता लगा रहता है। भक्तो के अनुसार बाबाधाम आने से दुगुने फल की प्राप्ति होती है। यहाँ ज्योतिर्लिंग के दर्शन तो होते ही है साथ ही यहाँ 22 मंदिर और 24 देवी देवताओं के दर्शन भी होते है।भक्तो की माने तो यहाँ बाबा भक्तो को छप्पर फाड़ के आशीर्वाद देते है।ऐसे शिव की महिमा सर्वविदित है भगवान शंकर के इस मंदिर के दर्शन मात्र से ही भक्त अपने को धन्य मानते है। बाबाधाम की एक ओर खासियत यह भी है कि ज्योतिर्लिंग के दर्शन के अलावे भक्त 22 मंदिर और 24 अन्य देवी देवताओं के दर्शन करते है। यहाँ शिव के मंदिर के अलावे पार्वती मंदिर गणेश मंदिर संधया,कालभैरव,मनसा, हनुमान मंदिर सूर्य मंदिर सहित अनेक देवी देवताओं के दर्शन होते है। यहाँ सभी देवी देवता भक्तो को दोनो हाथों से आशीर्वाद लुटाते है। इन सभी मंदिरों में माता पार्वती का पूजा स्थल सबसे ऊपर है माना ऐसा जाता है कि अगर भक्त बासुकीनाथ धाम में जल अर्पण नही कर पाते है तो पार्वती मंदिर में जल अर्पण किया जा सकता है। ये सभी मंदिर ज्योतिर्लिंग के चारो ओर है। और भक्त इन मनोरम दृश्य को देख भक्त भाव बिभोर हो जाते है और इन देवी देवताओं का गुणगान करने से नही थकते सभी भक्तो के अपने खास देवी देवता होते है और भक्त उन सभी देवी देवताओं का दर्शन यहाँ हो जाता है। ओर यहाँ के सभी मंदिरों की मूर्तिया अतिप्राचीन है और सभी मंदिर के गुम्बज के शीर्ष पर पंचशूल बिराजमान है जहां शिव के दर्शन के बाद इन मंदिरों के दर्शन दुगुने फल के प्राप्ति होने के बराबर होती है। तभी तो भक्त बाबा के दर्शन के बाद इन मंदिरो के दर्शन करना नही भूलते।


Conclusion:बहरहाल,बाबाधाम में 22 मंदिर 24 देवी देवता और एक ही प्रांगण में शायद ही भक्तो को कही ऐसा मनोरम दृष्य मिलेगा जहाँ भक्त सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद एक साथ प्राप्त करते है।

बाइट प्रमोद श्रृंगारी,पुरोहित बाबा मंदिर।
बाइट भक्त।
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