देवघर: जब पूरे देश में कोरोना काल के दौरान त्राहिमाम मचा था. उस वक्त अपने पद के विपरीत साधारण भेष भूषा के साथ एक महिला अधिकारी अपने जिले को संक्रमण मुक्त रखने के लिए दिन रात एक कर काम में जुटी रहीं. जुनून ऐसा की शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक कोविड-19 की एक आहट से चौकन्नी हो जाती थी. आज नतीजा यह है कि हजारों की तादाद से प्रवासिओं के वापस लौटने के बावजूद आज देवघर जिला ग्रीन जोन में बरकरार है.
यह सब मुमकिन हुआ है उस तेज तर्रार संवेदनसील और जनता से भावनात्मक रूप से जुड़े रहने वाली आईएएस नैंसी सहाय के बदौलत. नैंसी सहाय 2014 बैच की IAS और देवघर की पहली महिला जिला अधिकारी हैं. इस कार्य के लिए देश की एक प्रतिष्ठित संस्था ने सर्वे के आधार पर नैन्सी सहाय को न सिर्फ देश के 50 सर्वाधिक लोकप्रिय जिला अधिकारी की लिस्ट में शामिल किया है. बल्कि कोरोना काल मे संक्रमण फैलने से रोकने के लिए चलाए गए सुधारवादी कार्यो की तारीफ भी की है. उपायुक्त को हासिल इस उपलब्धि ने न सिर्फ जिले को गौरवान्वित किया है बल्कि देश भर में राज्य का नाम भी रोशन किया है.
ये भी पढ़ें- कोरोना से प्रभावित हुई शिक्षा व्यवस्था, रांची में बेरोजगारी के कगार पर हजारों कोचिंग टीचर
इसको लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने नैन्सी सहाय से खास बातचित की तो इस दौरान कलेक्टर साहिबा ने कहा कि कोरोना संकट से उबरने के लिए जिला प्रशासन ने जिस प्रकार का टीम वर्क किया है. वह बेहद सराहनीय रहा है. साथ ही जिले के तमाम समाजसेवी संगठन एनजीओ और मीडिया का भी विशेष सहयोग मिला है. लिहाजा सुधारवादी कार्यो के लिए मिली पहचान का श्रेय उन्हें समर्पित किया है. आपको बता दें कि बीते दो महीने के दौरान देवघर की जिला अधिकारी ने जिस समर्पण के साथ दिन रात खुद को काम मे झोक जिले को ग्रीन जोन में तब्दील किया है वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है.