देवघरः बाबा मंदिर में आज आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. बाबा को तिलक चढाने की होड़ लगी है. कतार भी काफी लम्बी है. वहीं पुलिस को भी भीड़ को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
बाबा मंदिर में वसंत पंचमी खास होता है. आज मिथिलांचल के लोग बाबा भोले को तिलक चढाने आते हैं. आज से ही इनकी होली की भी शुरूआत हो जाती है. आज के दिन पहले ये अबीर से बाबा को तिलक चढ़ाते हैं, उसके बाद अबीर की होली भी खेलते हैं.
मान्यता के मुताबिक जनकपुरी माता सीता का नैहर है, ऐसे में मिथिलावासी बाबा भोले को शादी का निमंत्रण देने बाबा धाम आते हैं. ये कांवरिया उत्तरवाहिनी गंगा का जल और तिलक लेकर भोले की नगरी आते हैं और बाबा भोले को तिलक चढ़ाते हैं. साथ ही उनको शादी का निमंत्रण देते हैं.
दूसरी और आज से ही इनकी होली भी शुरू हो जाती है. ये बाबा पर चढ़ा अबीर भी घर ले जाते हैं और नव विवाहितों को देते हैं. इसी अबीर से ये अपनी पहली होली खेलते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे इनके सुहाग की उम्र लम्बी होती है. साथ ही इनका दांपत्य जीवन भी सुखमय होता है. इनका मानना है कि जिस तरह शिव और पार्वती के दांपत्य जीवन में प्रेम और स्नेह की कमी नहीं थी. उसी तरह उनके जीवन में भी जीवन साथी से प्रेम और स्नेह की कमी नहीं रहती है.
मिथिलावासी इस वसंत पंचमी को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. इन तिलक चढ़ाने वालों को तिलक हरु भी कहते हैं. इन कावरियों का कांवर भी खास होता है. इनका कांवर काफी भारी होता है. साथ ही इनके कांवर में सभी सामान लदे होते हैं. यह अपने खाने-पीने का सामान भी साथ लाते हैं.
ये तिलक हरू कांवरिया किसी खास स्थान पर जमा होकर वहां भजन-कीर्तन करते हैं. साथ ही वहीं खाना पका कर खाते हैं. वहीं आज जिला प्रशासन ओर से मंदिर प्रशासन ने इनकी सुविधा के लिए पूरी तैयारी कर रखी है.