देवघरः देवीपुर प्रखंड के बाजार के ठीक सामने स्थानीय लोगों की पेयजल की किल्लत को देखते हुए बीते पांच साल पहले लाखों की लागत से पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से पानी टंकी का निर्माण कराया गया था और लोगों को कुछ दिन तक पानी भी मिला. मगर अचानक पानी सप्लाई बंद हो गया और आज तक दोबारा किसी भी तरह से ना ही विभाग और ना ही जनप्रतिनिधि की ओर से पहल की गई. नतीजा यह है कि अब यह पानी टंकी शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था को देखते हुए जलमीनार का भी निर्माण कराया गया, नतीजा सिफर रहा. अब यह पानी टंकी का परिसर शराबियों और जुआरियों का अड्डा बन चुका है.
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स्थानीय बताते है कि जिस प्रकार यहां पेयजल की परेशानी है. अगर यह पानी टंकी चालू हो तो पानी की समस्या समाप्त हो सकती है. मगर किसी की भी ओर से इस पानी टंकी को लेकर पहल नहीं किया जा रहा है. लोग ठगा महसूस कर रहे हैं. ऐसे में स्थानीय संबंधित विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं और जल्द पानी टंकी को चालू करने की मांग कर रहे हैं.
देवीपुर में बना पानी टंकी अब जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़ी हुई है. इस बाबत जब ईटीवी भारत की ओर से पीएचइडी विभाग के एक्सिक्यूटिव इंजीनियर आनंद कुमार सिंह से जवाब तलब किया गया तो उन्होंने कहा कि अब यह पानी टंकी कभी भी चालू नहीं हो पाएगा. इसका कारण यह है कि ट्रांसफार्मर के साथ-साथ पाइप लाइन अवरुद्ध हो चुका है और इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी जलमीनार के रूप में बनाया गया और स्थानीय लोगों तक पाइप लाइन बिछाकर पानी पहुंचने की तैयारी की जा रही है. साथ ही पूरे प्रखंड में मेगा वाटर सप्लाई स्किम के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा जिसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है.
कुल मिलाकर विभाग की ओर से पैसे का दुरुपयोग किया गया है जो कहना गलत नहीं होगा और अब लाखों की लागत से बनी पानी टंकी और जलमीनार दोनों ही अब शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. ऐसे में अब देवीपुर के भोले भाले लोगों को पेयजल की समस्या का समाधान कब तक होता है या फिर विभाग की ओर से इसका समाधान कब तक होता है यह देखना दिलचस्प होगा.