ETV Bharat / city

सारण विधायक रणधीर सिंह के निजी परिसर में विद्युत विभाग की छापेमारी, जब्त किए गए 37 ट्रांसफार्मर - स्टोन क्रशर प्लांट मे छापेमारी

विधायक रणधीर सिंह और उनके बहनोई अशोक राय पर इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है. इन पर अवैध रूप से जले हुए 37 ट्रांसफर छिपाकर रखने का आरोप है.

transformers seized from Saran MLA Randhir Singh
transformers seized from Saran MLA Randhir Singh
author img

By

Published : Jun 10, 2022, 3:27 PM IST

देवघर: सारठ विधायक रणधीर सिंह और उनके बहनोई अशोक राय पर देवघर के चितरा थाना मे इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है. यह मामला मधुपुर विधुत आपूर्ति के कार्यपालक अभियंता सरताज कुरैशी ने दर्ज कराया है. थाने में दिए गए लिखित आवेदन मे विधायक और उनके बहनोयी अशोक राय पर निजी परिसर मे विधुत विभाग के जले हुए 37 ट्रांसफार्मर अवैध रूप से रखने का आरोप है.

ये भी पढ़ें: ACB से जांच के आदेश के बाद रणधीर सिंह का बयान, कहा- वेंटिलेटर पर है सरकार

कार्यापालक अभियंता ने अपने आवेदन मे लिखा है कि गुप्त सूचना के आधार पर विधुत विभाग ने एक जांच टीम गठित की थी. इसके बाद प्रखंड स्तर के अधिकारियों के सहयोग से 9 जून को विद्यायक आवास के पास बंद पड़े स्टोन क्रशर प्लांट मे छापेमारी की गई. इस दौरान 25 केवीए के जले हुए 33 ट्रांसफार्मर और 16 केवीए के जले हुए 4 ट्रांसफॉर्मर बरामद किए गए. इसके बाद विद्युत विभाग की टीम मे कार्रवाई करते हुए ट्रांसफार्मर को जब्त कर देवघर स्टोर रूम भेजा. आवेदन में बताया गया है कि जले हुए ट्रांसफार्मर की कीमत करीब 7 लाख 17 हजार 194 रुपए है.

आवेदन में कार्यपालक अभियंता ने ये बताया कि छापेमारी के दौरान विधायक ने कार्रवाई नहीं करने का भी दबाव बनाया था. निजी परिसर से मिले सभी सरकारी ट्रांसफार्मर के खिलाफ इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने का निवेदन किया गया था. आवेदन पर चितरा थाना में 34 /22 केस रजिस्टर्ड हो चुका है.


छापेमारी करने पहुंचे विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने निरीक्षण के दौरान विधायक पर दबंगई करने और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. विभाग के कनीय अभियंता ने ये भी आरोप लगाया है कि विधायक ने अपने पक्ष में रिपोर्ट लिखवाकर दस्तखत करवाया है. पुलिस को दिए अपने आवेदन में कार्यपालक अभियंता ने कहा है कि मौके पर हालात इतने गंभीर हो चुके थे कि उन्हें जिलाधिकारी को सूचना देनी पड़ी और फिर मधुपुर अनुमंडलाधिकारी के पहुंचने के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया.


इस पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद जब विधायक के बहनोई ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है. अशोक राय ने बताया कि जिस परिसर में विद्युत विभाग की तरफ से छापेमारी की गई है वह विधायक का निजी परिसर है. जिसे उन्होंने लीज पर लिया था, लेकिन लीज की अवधि खत्म हो जाने की वजह से उन्होंने परिसर को विधयक के सुपुर्द कर दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी बताया कि परिसर के भीतर रखे ट्रांसफार्मर को हटाने को लेकर भी विधयक की तरफ से विभाग को चिट्ठी लिखकर पूर्व में मांग की गई थी लेकिन विभाग ने जानबूझकर बेकार पड़े ट्रांसफार्मर को नहीं हटाया था.

विद्युत विभाग की छापेमारी में जिस अशोक राय का नाम सुर्खियों में है वह पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक रणधीर सिंह के बहनोई हैं. अशोक राय की पत्नी देवघर की पूर्व जिलापरिषद अध्यक्ष रह चुकीं हैं और अशोक राय उनके प्रतिनिधि रह चुके हैं. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने विधायक और उनके बहनोई के खिलाफ केस दर्ज को लेकर स्थानीय थाने में लिखित तहरीर जमा करा दी है. ऐसे में इलाके की सियासी सरगर्मी तो तेज हो ही गई है साथ ही विधायक के विरोधी खेमे ने भी हलचल तेज हो गई है.

राज्य में पूजा सिंघल प्रकरण के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व की रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर एसीबी को जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन, इससे पहले सारठ विघायक के सहरजोरी स्थिति निजी परिसर में बिजली विभाग की हुई अचानक छापेमारी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

देवघर: सारठ विधायक रणधीर सिंह और उनके बहनोई अशोक राय पर देवघर के चितरा थाना मे इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है. यह मामला मधुपुर विधुत आपूर्ति के कार्यपालक अभियंता सरताज कुरैशी ने दर्ज कराया है. थाने में दिए गए लिखित आवेदन मे विधायक और उनके बहनोयी अशोक राय पर निजी परिसर मे विधुत विभाग के जले हुए 37 ट्रांसफार्मर अवैध रूप से रखने का आरोप है.

ये भी पढ़ें: ACB से जांच के आदेश के बाद रणधीर सिंह का बयान, कहा- वेंटिलेटर पर है सरकार

कार्यापालक अभियंता ने अपने आवेदन मे लिखा है कि गुप्त सूचना के आधार पर विधुत विभाग ने एक जांच टीम गठित की थी. इसके बाद प्रखंड स्तर के अधिकारियों के सहयोग से 9 जून को विद्यायक आवास के पास बंद पड़े स्टोन क्रशर प्लांट मे छापेमारी की गई. इस दौरान 25 केवीए के जले हुए 33 ट्रांसफार्मर और 16 केवीए के जले हुए 4 ट्रांसफॉर्मर बरामद किए गए. इसके बाद विद्युत विभाग की टीम मे कार्रवाई करते हुए ट्रांसफार्मर को जब्त कर देवघर स्टोर रूम भेजा. आवेदन में बताया गया है कि जले हुए ट्रांसफार्मर की कीमत करीब 7 लाख 17 हजार 194 रुपए है.

आवेदन में कार्यपालक अभियंता ने ये बताया कि छापेमारी के दौरान विधायक ने कार्रवाई नहीं करने का भी दबाव बनाया था. निजी परिसर से मिले सभी सरकारी ट्रांसफार्मर के खिलाफ इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने का निवेदन किया गया था. आवेदन पर चितरा थाना में 34 /22 केस रजिस्टर्ड हो चुका है.


छापेमारी करने पहुंचे विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने निरीक्षण के दौरान विधायक पर दबंगई करने और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. विभाग के कनीय अभियंता ने ये भी आरोप लगाया है कि विधायक ने अपने पक्ष में रिपोर्ट लिखवाकर दस्तखत करवाया है. पुलिस को दिए अपने आवेदन में कार्यपालक अभियंता ने कहा है कि मौके पर हालात इतने गंभीर हो चुके थे कि उन्हें जिलाधिकारी को सूचना देनी पड़ी और फिर मधुपुर अनुमंडलाधिकारी के पहुंचने के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया.


इस पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद जब विधायक के बहनोई ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है. अशोक राय ने बताया कि जिस परिसर में विद्युत विभाग की तरफ से छापेमारी की गई है वह विधायक का निजी परिसर है. जिसे उन्होंने लीज पर लिया था, लेकिन लीज की अवधि खत्म हो जाने की वजह से उन्होंने परिसर को विधयक के सुपुर्द कर दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी बताया कि परिसर के भीतर रखे ट्रांसफार्मर को हटाने को लेकर भी विधयक की तरफ से विभाग को चिट्ठी लिखकर पूर्व में मांग की गई थी लेकिन विभाग ने जानबूझकर बेकार पड़े ट्रांसफार्मर को नहीं हटाया था.

विद्युत विभाग की छापेमारी में जिस अशोक राय का नाम सुर्खियों में है वह पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक रणधीर सिंह के बहनोई हैं. अशोक राय की पत्नी देवघर की पूर्व जिलापरिषद अध्यक्ष रह चुकीं हैं और अशोक राय उनके प्रतिनिधि रह चुके हैं. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने विधायक और उनके बहनोई के खिलाफ केस दर्ज को लेकर स्थानीय थाने में लिखित तहरीर जमा करा दी है. ऐसे में इलाके की सियासी सरगर्मी तो तेज हो ही गई है साथ ही विधायक के विरोधी खेमे ने भी हलचल तेज हो गई है.

राज्य में पूजा सिंघल प्रकरण के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व की रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर एसीबी को जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन, इससे पहले सारठ विघायक के सहरजोरी स्थिति निजी परिसर में बिजली विभाग की हुई अचानक छापेमारी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.