ETV Bharat / city

चाईबासा की इस सड़क से होता है करोड़ों का मुनाफा, लेकिन आफत में रहती है लोगों की जिंदगी - people vote out boycott

पंडरासाली सड़क मुख्य सड़क को रेलवे के अंडर ब्रिज से होते हुए लगभग 25 हजार से ज्यादा आबादी वाले कई गांव को जोड़ती है. इस सड़क के सहारे कई लौह अयस्क खदानों का कच्चा माल देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा है. जिससे काफी मात्रा में लोहे का उत्पादन हो रहा है. इससे सरकार के साथ ही लौह अयस्क के व्यवसाय से जुड़े उद्योगपति और ट्रांसपोर्टरों को करोड़ों का मुनाफा हो रहा है. लेकिन क्षेत्र में बसने वाले लोगों के लिए यह सड़क किसी नरक से कम नहीं है.

बदहाल पंडरासाली सड़क
author img

By

Published : Apr 12, 2019, 1:48 PM IST

चाईबासा: जिले में पड़ने वाली बड़ा जामदा के पंडरासाली सड़क को लेकर स्थानीय लोग बेहद परेशान हैं. इस सड़क से राज्य और केंद्र सरकार को तो काफी मुनाफा हो रहा है, लेकिन ग्रामीणों की जिंदगी मौत के मुहाने पर झूलती रहती है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, पंडरासाली सड़क मुख्य सड़क को रेलवे के अंडर ब्रिज से होते हुए लगभग 25 हजार से ज्यादा आबादी वाले कई गांव को जोड़ती है. इस सड़क के सहारे कई लौह अयस्क खदानों का कच्चा माल देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा है. जिससे काफी मात्रा में लोहे का उत्पादन हो रहा है. इससे सरकार के साथ ही लौह अयस्क के व्यवसाय से जुड़े उद्योगपति और ट्रांसपोर्टरों को करोड़ों का मुनाफा हो रहा है. लेकिन क्षेत्र में बसने वाले लोगों के लिए यह सड़क किसी नरक से कम नहीं है.

यह सड़क रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे से होकर गुजरती है. जिसमें तीन रास्ते हैं, दो रास्तों से भारी वाहनों का परिचालन होता है. जबकि एक अंडर ब्रिज से छोटे वाहन और दोपहिया वाहनों का परिचालन होता है. जान हथेली पर रखकर लोगों को पुलिया को पार करना पड़ता है. रेलवे अंडर ब्रिज के अंदर से ही 11 हजार हाई वोल्टेज वाली बिजली की तारों को बेतरतीब ढंग से पार किया गया है. जिससे प्रवाहित होने वाले करंट से क्षेत्र में संचालित कई स्पॉन्ज प्लांट का संचालन होता है. इससे आम लोगों की जान खतरे में रहती है.

कई दुर्घटनाओं में ग्रामीणों की जान भी जा चुकी है. ग्रामीणों की माने तो नेताओं के साथ ही किसी सरकारी पदाधिकारी को भी क्षेत्र के विकास से कोई सरोकार नहीं है. हालांकि उन्होंने सभी जगह सड़क मरम्मत को लेकर कई बार गुहार लगाई. लेकिन ग्रामीणों की तकलीफों से किसी भी सरकारी बाबुओं को कोई सरोकार नहीं है.

चाईबासा: जिले में पड़ने वाली बड़ा जामदा के पंडरासाली सड़क को लेकर स्थानीय लोग बेहद परेशान हैं. इस सड़क से राज्य और केंद्र सरकार को तो काफी मुनाफा हो रहा है, लेकिन ग्रामीणों की जिंदगी मौत के मुहाने पर झूलती रहती है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, पंडरासाली सड़क मुख्य सड़क को रेलवे के अंडर ब्रिज से होते हुए लगभग 25 हजार से ज्यादा आबादी वाले कई गांव को जोड़ती है. इस सड़क के सहारे कई लौह अयस्क खदानों का कच्चा माल देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा है. जिससे काफी मात्रा में लोहे का उत्पादन हो रहा है. इससे सरकार के साथ ही लौह अयस्क के व्यवसाय से जुड़े उद्योगपति और ट्रांसपोर्टरों को करोड़ों का मुनाफा हो रहा है. लेकिन क्षेत्र में बसने वाले लोगों के लिए यह सड़क किसी नरक से कम नहीं है.

यह सड़क रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे से होकर गुजरती है. जिसमें तीन रास्ते हैं, दो रास्तों से भारी वाहनों का परिचालन होता है. जबकि एक अंडर ब्रिज से छोटे वाहन और दोपहिया वाहनों का परिचालन होता है. जान हथेली पर रखकर लोगों को पुलिया को पार करना पड़ता है. रेलवे अंडर ब्रिज के अंदर से ही 11 हजार हाई वोल्टेज वाली बिजली की तारों को बेतरतीब ढंग से पार किया गया है. जिससे प्रवाहित होने वाले करंट से क्षेत्र में संचालित कई स्पॉन्ज प्लांट का संचालन होता है. इससे आम लोगों की जान खतरे में रहती है.

कई दुर्घटनाओं में ग्रामीणों की जान भी जा चुकी है. ग्रामीणों की माने तो नेताओं के साथ ही किसी सरकारी पदाधिकारी को भी क्षेत्र के विकास से कोई सरोकार नहीं है. हालांकि उन्होंने सभी जगह सड़क मरम्मत को लेकर कई बार गुहार लगाई. लेकिन ग्रामीणों की तकलीफों से किसी भी सरकारी बाबुओं को कोई सरोकार नहीं है.

Intro:चाईबासा। यह नजारा राज्य व केंद्र सरकार को रोजाना करोड़ो रुपये की राजस्व देकर देश की आर्थिक स्थिति में मजबूत प्रदान करने वाली लौहांचल क्षेत्र में पड़ने वाली बड़ाजामदा के पंडरासाली सड़क का है। जो मुख्य सड़क से रेलवे के अंडर ब्रिज से होते हुए 25 हजार से अधिक आबादी वाले कई गांव को जोड़ती है इस सड़क के सहारे कई लौह अयस्क खदानों का कच्चा माल भारी वाहनो से लाद कर एवं रेल के माध्यम से देश की अलग अलग हिस्सों में भेजा जा रहा है। जिससे काफी मात्रा में लोहा का उत्पादन हो रहा है जिससे सरकार के साथ साथ लौह अयस्क के व्यवसाय से जुड़े उद्योगपति एवं ट्रांसपोर्टरों को करोड़ो का पुनाफा हो रहा है, वही क्षेत्र में बसने वाले लोगों के लिए यह सड़क किसी नर्क से कम नहीं है।


Body:हर चुनाव से पहले नेता पक्की सड़क बनाने के नाम पर वोट मांगने गांव में दाखिल हो जाते हैं लेकिन जैसे ही चुनाव परिणाम आ जाता है उसके बाद यह जनहित से जुड़ा मुद्दा अगले चुनाव तक गौण हो जाता है और लोगों को इस गड्ढे में सड़क से गुजर कर अपना दिनचर्या पूरा करने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है। खास बात यह है कि यह सड़क रेलवे अंडर ब्रिज से नीचे होकर गुजरती है जिसमें तीन रास्ते हैं जिसमें दो अंडर ब्रिज से भारी वाहनों का परिचालन होता है। जबकि एक अंडर ब्रिज से छोटी वाहन एवं दोपहिया वाहनों के लिए छोड़ा गया है लेकिन इसमें भी जान हथेली में रखकर लोगों को पुलिया पार करना पड़ता है क्योंकि रेलवे अंडर ब्रिज के अंदर से ही 11000 की हाई वोल्टेज वाली बिजली की तारों को बेतरतीब ढंग से पार किया गया है जिससे प्रवाहित होने वाली विद्युत से क्षेत्र में संचालित कई स्पॉन्ज प्लांट का संचालन होता है या नहीं उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए आम लोगों की जान खतरे में डाली गई है जहां कई बार दुर्घटना घटने की वजह से कई ग्रामीणों की जान जा चुकी है।

लेकिन डिजिटल भारत के साथ अब यहां के ग्रामीणों ने भी नेताओं के वादाखिलाफी के खिलाफ अपनी कमर कस ली है। ग्रामीणों ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने आज तक स्थानीय सांसद लक्ष्मण गिलुवा का चेहरा तक नहीं देखा है वही क्षेत्र के विधायक एवं विपक्ष महागठबंधन प्रत्याशी गीता कोड़ा का भी वही हाल है हर चुनाव से पहले एक अच्छी सड़क बनाने का वादा एवं तमाम मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करने का वादा तो करती हैं पर उनका वादा सिर्फ वादा करने तक ही सीमित रह गया है यही कारण है कि लोग नेताओं की चिकनी चुपड़ी बातों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है और इस चुनावी मौसम में सभी नेताओं के लिए इस क्षेत्र में ग्रामीणों द्वारा नो एंट्री का बैरियर लगा दिया गया है ग्रामीण इतने गुस्से में है कि राजनीतिक दल के नेताओं को गांव में घुसने देने को तैयार नहीं है।

बड़ाजामदा मुख्य सड़क से दिरीबुरू पंचायत के इस पंडरासाली गांव में स्वच्छ भारत मिशन का भी खुलेआम माखौल उड़ रहा है। क्योंकि इस गांव में कोई भी ड्रेनेज सिस्टम नहीं है बीच सड़क पर गंदी नालियों का पानी दिन रात बह रहा और उसी से होकर आम ग्रामीणों को आवाजाही करना पड़ रहा है। वहीं चिलचिलाती गर्मी व धूप के बीच उड़ने वाली धूल कण के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है यह गर्मी के मौसम का है। जबकि बारिश के दिनों में किस तरह की समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ता होगा इसका अंदाजा साफ तौर पर लगाया जा सकता है लेकिन वोट मांगने पहुंचने वाले नेताओं को जरा भी गांव के ग्रामीणों के प्रति सहानुभूति नहीं है इसका जीता जागता उदाहरण इस सड़क का हाल बता रही है।


Conclusion:ग्रामीणों की मानें तो नेताओं के साथ साथ किसी सरकारी पदाधिकारी को भी क्षेत्र के विकास से कोई सरोकार नहीं है। हालांकि उन्होंने सभी जगह सड़क मरम्मत करने को लेकर कई बार गुहार लगाई है पर उनकी तकलीफों से किसी भी सरकारी बाबुओं को कोई सरोकार नहीं है। यही कारण है कि लोग वोट बहिष्कार कर इसका माकूल जवाब देने की तैयारी में जुट गए हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.