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चाईबासा शहर का विप्पणी भवन जर्जर, मौत के साए में बैठकर कर रहे दुकानदारी

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Published : Jan 18, 2020, 8:23 PM IST

चाईबासा शहर के पोस्ट ऑफिस चौक स्थित विप्पणी भवन के दुकानदार मौत की साए में बैठकर अपने पेट की आग बुझाने को मजबूर हैं. पोस्ट ऑफिस चौक स्थित विप्पणी भवन में इन दिनों बड़ी अनहोनी की आशंका दिखने लगी है. भवन की छड़े और छत किसके सिर गिर जाए और किसकी जान चली जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है. स्थानीय लोगों की मानें तो इस भवन में जाना मौत से गुजरने के बराबर है.

Vipani building shabby in chaibasa
विप्पणी भवन जर्जर

चाईबासा: शहर के पोस्ट ऑफिस चौक स्थित विप्पणी भवन के दुकानदार मौत की साए में बैठकर अपने पेट की आग बुझाने को मजबूर हैं. पोस्ट ऑफिस चौक स्थित विप्पणी भवन में इन दिनों बड़ी अनहोनी की आशंका दिखने लगी है. लगभग 35 साल पहले बनाई गई यह विप्पणी भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और इस भवन की बदहाली को साबित करने के लिए इस भवन की जर्जर छतें ही काफी है.

देखिए पूरी खबर

भवन की छड़े और छत किसके सिर गिर जाए और किसकी जान चली जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है. स्थानीय लोगों की मानें तो इस भवन में जाना मौत से गुजरने के बराबर है. चाईबासा मुख्य सड़क के किनारे स्थित यह भवन इतनी जर्जर हो चुकी है कि मुख्य सड़क से भारी वाहन गुजरने पर भी कंपन होने लगती है. कुछ दिनों पहले ही स्थानीय एक महिला की गाड़ी पर छज्जा गिर गया, जिससे महिला की स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गई. कुछ देर हो गई होती तो उस महिला की जान भी जा सकती थी.

स्थानीय युवक बताते हैं कि जिला परिषद कार्यालय से ही सारे टेंडर होते हैं. उसके बावजूद भी जिला परिषद कार्यालय के ठीक पीछे बने इस भवन की हालत बद से बदतर होती जा रही है. उसके बावजूद भी जिला परिषद के द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है. लोगों ने कई बार इसकी शिकायत जिला परिषद में की है.

ये भी पढ़ें: मेक इन इंडिया का सपना होगा साकार, जिला स्कूल में किया गया विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन
जिला परिषद उपाध्यक्ष चांदमुनि बलमुचू ने बताया कि इस विप्पणी भवन को लेकर जिला परिषद में प्रस्ताव भी पारित किया गया था कि भवन की मरम्मतीकरण करा दी जाए, जिसे लेकर सभी दुकानदारों के साथ जिला परिषद में बैठक भी की गई थी. दुकानदारों को समझाया भी गया था कि उनकी दुकानें नहीं छीनी जाएंगी. जिन की दुकानें एलॉटमेंट हैं उनको ही दुकानें मिलेंगी. उसके बावजूद भी अब तक दुकानदारों ने दुकान खाली नहीं किया है.

पूरे परिसर की जर्जर अवस्था को ध्यान में रखकर जिला परिषद के द्वारा पूरी बिल्डिंग को धराशाई कर सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस एक नई मार्केट कॉम्पलेक्स बनाने की तैयारी कर ली है, जहां इन्हीं दुकानदारों को बसाने की भी योजना है. इसके लिए जिला परिषद की ओर से सभी दुकानदारों को भी नोटिस भेजा गया है. उसके बावजूद भी अब तक दुकानदारों ने दुकान खाली नहीं किया है. सरकारी व्यवस्था में नई मार्केट बनकर तैयार होने में काफी समय लग सकती है. यही वजह है कि दुकानदारों को अपनी रोजी रोटी की चिंता दिखाई देने लगी है और कोई भी अपनी दुकान खाली करने को तैयार नहीं है.

दुकानदारों की चिंता को लेकर उप विकास आयुक्त ने एक नई योजना बनाई है, जिसके तहत जिला परिषद परिसर में खाली पड़ी जमीन पर दुकानदारों को बसाने की तैयारी की जा रही है ताकि इस भवन को खाली करने में किसी भी दुकानदार को कोई परेशानी नहीं होगी.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पहुंचे खूंटी, लोगों को दी NRC और CAA की जानकारी
उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि हम लोगों ने दुकानदारों के साथ बैठक की है. दुकानदारों का कहना है कि वे लोग पूरी तरह से बेरोजगार हो जाएंगे और भवन को तोड़कर बनाने में एक 2 साल लग जाते हैं तब तक वह लोग कहां दुकान करेंगे. दुकानदारों ने भवन में बने अपने दुकानों कि खुद मरम्मती करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन हम लोगों ने मरम्मत करवाने का आदेश नहीं दिया क्योंकि वह पूरी तरह से जर्जर बिल्डिंग है.

चाईबासा: शहर के पोस्ट ऑफिस चौक स्थित विप्पणी भवन के दुकानदार मौत की साए में बैठकर अपने पेट की आग बुझाने को मजबूर हैं. पोस्ट ऑफिस चौक स्थित विप्पणी भवन में इन दिनों बड़ी अनहोनी की आशंका दिखने लगी है. लगभग 35 साल पहले बनाई गई यह विप्पणी भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और इस भवन की बदहाली को साबित करने के लिए इस भवन की जर्जर छतें ही काफी है.

देखिए पूरी खबर

भवन की छड़े और छत किसके सिर गिर जाए और किसकी जान चली जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है. स्थानीय लोगों की मानें तो इस भवन में जाना मौत से गुजरने के बराबर है. चाईबासा मुख्य सड़क के किनारे स्थित यह भवन इतनी जर्जर हो चुकी है कि मुख्य सड़क से भारी वाहन गुजरने पर भी कंपन होने लगती है. कुछ दिनों पहले ही स्थानीय एक महिला की गाड़ी पर छज्जा गिर गया, जिससे महिला की स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गई. कुछ देर हो गई होती तो उस महिला की जान भी जा सकती थी.

स्थानीय युवक बताते हैं कि जिला परिषद कार्यालय से ही सारे टेंडर होते हैं. उसके बावजूद भी जिला परिषद कार्यालय के ठीक पीछे बने इस भवन की हालत बद से बदतर होती जा रही है. उसके बावजूद भी जिला परिषद के द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है. लोगों ने कई बार इसकी शिकायत जिला परिषद में की है.

ये भी पढ़ें: मेक इन इंडिया का सपना होगा साकार, जिला स्कूल में किया गया विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन
जिला परिषद उपाध्यक्ष चांदमुनि बलमुचू ने बताया कि इस विप्पणी भवन को लेकर जिला परिषद में प्रस्ताव भी पारित किया गया था कि भवन की मरम्मतीकरण करा दी जाए, जिसे लेकर सभी दुकानदारों के साथ जिला परिषद में बैठक भी की गई थी. दुकानदारों को समझाया भी गया था कि उनकी दुकानें नहीं छीनी जाएंगी. जिन की दुकानें एलॉटमेंट हैं उनको ही दुकानें मिलेंगी. उसके बावजूद भी अब तक दुकानदारों ने दुकान खाली नहीं किया है.

पूरे परिसर की जर्जर अवस्था को ध्यान में रखकर जिला परिषद के द्वारा पूरी बिल्डिंग को धराशाई कर सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस एक नई मार्केट कॉम्पलेक्स बनाने की तैयारी कर ली है, जहां इन्हीं दुकानदारों को बसाने की भी योजना है. इसके लिए जिला परिषद की ओर से सभी दुकानदारों को भी नोटिस भेजा गया है. उसके बावजूद भी अब तक दुकानदारों ने दुकान खाली नहीं किया है. सरकारी व्यवस्था में नई मार्केट बनकर तैयार होने में काफी समय लग सकती है. यही वजह है कि दुकानदारों को अपनी रोजी रोटी की चिंता दिखाई देने लगी है और कोई भी अपनी दुकान खाली करने को तैयार नहीं है.

दुकानदारों की चिंता को लेकर उप विकास आयुक्त ने एक नई योजना बनाई है, जिसके तहत जिला परिषद परिसर में खाली पड़ी जमीन पर दुकानदारों को बसाने की तैयारी की जा रही है ताकि इस भवन को खाली करने में किसी भी दुकानदार को कोई परेशानी नहीं होगी.

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उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि हम लोगों ने दुकानदारों के साथ बैठक की है. दुकानदारों का कहना है कि वे लोग पूरी तरह से बेरोजगार हो जाएंगे और भवन को तोड़कर बनाने में एक 2 साल लग जाते हैं तब तक वह लोग कहां दुकान करेंगे. दुकानदारों ने भवन में बने अपने दुकानों कि खुद मरम्मती करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन हम लोगों ने मरम्मत करवाने का आदेश नहीं दिया क्योंकि वह पूरी तरह से जर्जर बिल्डिंग है.

Intro:चाईबासा। चाईबासा शहर के पोस्ट ऑफिस चौक स्थित विप्पणी भवन के दुकानदार मौत के छाए में बैठकर अपने पेट की आग बुझाने को मजबूर हैं। पोस्ट ऑफिस चौक स्थित विप्पणी भवन में इन दिनों बड़ी अनहोनी की आशंका दिखने लगी है।


Body:लगभग 35 वर्ष पूर्व बनाई गई यह विप्पणी भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और इस भवन की बदहाली को साबित करने के लिए इस भवन की जर्जर छतें ही काफी है। भवन की छड़े और छत किसके सिर गिर जाए और किसकी जान चली जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है।

स्थानीय लोगों की मानें तो इस भवन में जाना मौत से गुजरने के बराबर है चाईबासा मुख्य सड़क के किनारे स्थित यह भी अपनी भवन इतनी जर्जर हो चुकी है कि मुख्य सड़क से भारी वाहन गुजरने पर भी कंपन होने लगती है। कुछ दिनों पूर्व ही स्थानीय स्थानीय एक महिला की गाड़ी पर छज्जा गिर गया। जिससे महिला की स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गई कुछ देर और हो गई होती तो उस महिला की जान भी जा सकती थी।

स्थानीय युवक बताते हैं कि जिला परिषद कार्यालय से ही सारे टेंडर होते हैं उसके बावजूद भी जिला परिषद कार्यालय के ठीक पीछे बने इस भवन की हालत बद से बदतर होती जा रही है उसके बावजूद भी जिला परिषद के द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है लोगों ने कई बार इसकी शिकायत जिला परिषद में की है। इस भवन में आने में लोगों को डर लगने लगा है लेकिन भवन में कुछ कार्यालय संचालित है जिस कारण मजबूरन वस उन्हें इस भवन में आना पड़ता है आए दिन भवन का छत टूट कर गिरता रहता है अभी तक इस भवन में कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है किसी की जान माल का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन यह भविष्य में ना हो इसकी कोई गारंटी नहीं है।

जिला परिषद उपाध्यक्ष चांदमुनि बलमुचू ने बताया कि इस विप्पणी भवन को लेकर जिला परिषद में प्रस्ताव भी पारित किया गया था कि भवन की मरम्मतीकरण करा दी जाए। जिसे लेकर सभी दुकानदारों के साथ जिला परिषद में बैठक भी की गई थी दुकानदारों को समझाया भी गया था कि उनकी दुकानें नहीं चीनी जाएंगी जिन की दुकानें एलॉटमेंट हैं उनको ही दुकानें मिलेंगी। उसके बावजूद भी अब तक दुकानदारों ने दुकान खाली नहीं किया है और भवन की स्थिति काफी जर्जर होती जा रही है। इसे लेकर जल्द ही हम लोग दुकानदारों के साथ बैठक कर उचित निर्णय लेंगे। दुकानदारों को खाली करने को लेकर कई बार नोटिस भी जारी किया गया है उसके बावजूद में भी दुकानदारों खाली नहीं कर रहे हैं।

पूरे परिसर की जर्जर अवस्था को ध्यान में रखकर जिला परिषद के द्वारा पूरी बिल्डिंग को धराशाई कर सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस एक नई मार्केट कंपलेक्स बनाने की तैयारी कर ली है। जहां इन्हीं दुकानदारों को बसाने की भी योजना है इसके लिए जिला परिषद की ओर से सभी दुकानदारों को भी नोटिस भेजा गया है। उसके बावजूद भी अब तक दुकानदारों ने दुकान खाली नही किया है। सरकारी व्यवस्था में नई मार्केट बनकर तैयार होने में काफी समय लग सकती है। यही वजह है कि दुकानदारों को अपनी रोजी रोटी की चिंता दिखाई देने लगी है और कोई भी अपनी दुकान खाली करने को तैयार नहीं है।

दुकानदारों की वाईफाई की चिंता को लेकर उप विकास आयुक्त ने एक नई योजना बनाई है जिसके तहत जिला परिषद परिसर में खाली पड़ी जमीन पर दुकानदारों को बसाने की तैयारी की जा रही है ताकि इस भवन को खाली करने में किसी भी दुकानदार को कोई परेशानी नहीं होगी।

उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि हम लोगों ने दुकानदारों के साथ बैठक की है दुकानदारों का कहना है कि वे लोग पूरी तरह से बेरोजगार हो जाएंगे और भवन को तोड़कर बनाने में एक 2 साल लग जाते हैं तब तक वह लोग कहां दुकान करेंगे। दुकानदारों ने भवन में बने अपने दुकानों कि खुद मरम्मती करने की अनुमति मांगी थी लेकिन हम लोगों ने मरम्मत करवाने का आदेश नहीं दिया क्योंकि वह पूरी तरह से जर्जर बिल्डिंग है भविष्य में कोई भी अनहोनी हो जाए तो वैसी स्थिति में पूरी जिम्मेवारी वहां के दुकानदारों की होगी। उसके बावजूद भी हम लोगों ने कई बार दुकान खाली करने को लेकर नोटिस भेजा है। जिला परिषद की बैठक में हम लोगों ने निर्णय लिया है कि एक बड़ा शॉपिंग मॉल का निर्माण करवाया जाएगा जिसमें पहले ही दुकानदारों के लिए दुकानों का निर्माण करवाया जाएगा जिससे दुकानदार उन दुकानों में शिफ्ट हो जाएंगे।






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