ETV Bharat / city

स्कूल से भागे दो बच्चे, पकड़े जाने पर कहा- हॉस्टल में घटिया खाने से थे परेशान

author img

By

Published : Sep 8, 2019, 9:10 PM IST

चाईबासा के मलूका सेंटपॉल स्कूल के दो मासूम छात्र स्कूल से भाग गए. स्थानीय लोगों ने दोनों मासूमों को मोगरा पंचायत के बलियाडीह गांव के पास देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों बच्चों को पकड़ कर थाना ले आई.

बरामद छात्र

चाईबासा: एक ओर जहां रोजाना चाइल्ड ट्रैफिकिंग का मामला सामने आ रहा है. वहीं, अभिभावकों और स्कूल संचालकों की उदासीनता से आए दिन ऐसी घटना को बल मिल रहा है. जगन्नाथपुर पुलिस को शनिवार की रात जैसे ही दो मासूम बच्चों के मोगरा पंचायत के बलियाडीह गांव में देखे जाने की सूचना मिली, पुलिस तुरंत हरकत में आ गई. थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से अनहोनी टल गई.

देखें पूरी खबर

पुलिस को दी गई सूचना
मामला जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र मोगरा पंचायत के बलियाडीह गांव का है. शनिवार की रात करीब 11:30 बजे स्थानीय पत्रकार और ग्रामीणों से जगन्नाथपुर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक को फोन से सूचना मिली कि दो मासूम बच्चे कहीं से आ गए हैं और दोनों मोगरा पंचायत के बलियाडीह गांव के आस पास देखे गए हैं. अधिक अंधेरा होने के कारण बच्चे डर से आगे नहीं जा पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- JVM महासचिव मिस्त्री सोरेन ने थामा BJP का दामन, सीएम रघुवर दास ने किया स्वागत

पुलिस ने ढूंढा
उक्त सूचना पर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक तुरंत संज्ञान लेते हुए सूचना का सत्यापन और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पुलिस टीम की गश्ती दल के साथ बालियाडीह भेजी. पुलिस टीम ने दोनों मासूम बच्चों को बलियाडीह से खोजकर थाना ले आई.

स्कूल से भागे थे छात्र

थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक के पूछताछ करने पर दोनों मासूमों ने अपना नाम बताया उन्होंने अपनी उम्र 12 वर्ष और 9 वर्ष बताई. दोनों ने बताया कि दोनों सेंटपॉल आवासीय विद्यालय मलूका के छात्र हैं. विद्यालय में अच्छा खाना नहीं दिया जाता है, घटिया खाना खाकर परेशान हो गए हैं, जिसके कारण दोनों नाबालिग स्कूल से दिन के दो बजे ही भाग गए थे.

ये भी पढ़ें- बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या, 8-10 लोगों ने मिलकर ले ली जान

बच्चों को सौंपा गया
थाना प्रभारी मोदक ने मलूका सेंट पॉल स्कूल के फादर मुकेश केरकेट्टा को बुलाकर दोनों मासूम बच्चों को सौंप दिया. थाना प्रभारी मोदक ने कहा कि स्कूल प्रबंधन का काम है कि वे बच्चों के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करें, उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश कर उन्हें दूर करें.

अभिभावक भी रखें ध्यान
उन्होंने अभिभावकों से कहा कि स्कूल संचालकों के साथ-साथ बच्चों की देखभाल करने की पूरी जिम्मेदारी माता पिता का है. अभिभावक बच्चों का खुद देख-रेख करें, सिर्फ स्कूल के भरोसे अपने बच्चों को न छोड़ें.

ये भी पढ़ें- तकनीकी खराबी की वजह से झारखंड चैंबर का चुनाव रद्द, अब 15 सितंबर को होगी वोटिंग

पहले भी हो चुकी है घटना
बता दें कि सेंट पॉल स्कूल से भागने की ये दूसरी घटना है. पहले भी स्कूल से एक बच्चा भाग चुका था. उस घटना में भी बच्चे को थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने ही दो दिनों में खोजकर स्कूल प्रबंधक को सौंपा था.

चाईबासा: एक ओर जहां रोजाना चाइल्ड ट्रैफिकिंग का मामला सामने आ रहा है. वहीं, अभिभावकों और स्कूल संचालकों की उदासीनता से आए दिन ऐसी घटना को बल मिल रहा है. जगन्नाथपुर पुलिस को शनिवार की रात जैसे ही दो मासूम बच्चों के मोगरा पंचायत के बलियाडीह गांव में देखे जाने की सूचना मिली, पुलिस तुरंत हरकत में आ गई. थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से अनहोनी टल गई.

देखें पूरी खबर

पुलिस को दी गई सूचना
मामला जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र मोगरा पंचायत के बलियाडीह गांव का है. शनिवार की रात करीब 11:30 बजे स्थानीय पत्रकार और ग्रामीणों से जगन्नाथपुर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक को फोन से सूचना मिली कि दो मासूम बच्चे कहीं से आ गए हैं और दोनों मोगरा पंचायत के बलियाडीह गांव के आस पास देखे गए हैं. अधिक अंधेरा होने के कारण बच्चे डर से आगे नहीं जा पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- JVM महासचिव मिस्त्री सोरेन ने थामा BJP का दामन, सीएम रघुवर दास ने किया स्वागत

पुलिस ने ढूंढा
उक्त सूचना पर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक तुरंत संज्ञान लेते हुए सूचना का सत्यापन और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पुलिस टीम की गश्ती दल के साथ बालियाडीह भेजी. पुलिस टीम ने दोनों मासूम बच्चों को बलियाडीह से खोजकर थाना ले आई.

स्कूल से भागे थे छात्र

थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक के पूछताछ करने पर दोनों मासूमों ने अपना नाम बताया उन्होंने अपनी उम्र 12 वर्ष और 9 वर्ष बताई. दोनों ने बताया कि दोनों सेंटपॉल आवासीय विद्यालय मलूका के छात्र हैं. विद्यालय में अच्छा खाना नहीं दिया जाता है, घटिया खाना खाकर परेशान हो गए हैं, जिसके कारण दोनों नाबालिग स्कूल से दिन के दो बजे ही भाग गए थे.

ये भी पढ़ें- बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या, 8-10 लोगों ने मिलकर ले ली जान

बच्चों को सौंपा गया
थाना प्रभारी मोदक ने मलूका सेंट पॉल स्कूल के फादर मुकेश केरकेट्टा को बुलाकर दोनों मासूम बच्चों को सौंप दिया. थाना प्रभारी मोदक ने कहा कि स्कूल प्रबंधन का काम है कि वे बच्चों के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करें, उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश कर उन्हें दूर करें.

अभिभावक भी रखें ध्यान
उन्होंने अभिभावकों से कहा कि स्कूल संचालकों के साथ-साथ बच्चों की देखभाल करने की पूरी जिम्मेदारी माता पिता का है. अभिभावक बच्चों का खुद देख-रेख करें, सिर्फ स्कूल के भरोसे अपने बच्चों को न छोड़ें.

ये भी पढ़ें- तकनीकी खराबी की वजह से झारखंड चैंबर का चुनाव रद्द, अब 15 सितंबर को होगी वोटिंग

पहले भी हो चुकी है घटना
बता दें कि सेंट पॉल स्कूल से भागने की ये दूसरी घटना है. पहले भी स्कूल से एक बच्चा भाग चुका था. उस घटना में भी बच्चे को थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने ही दो दिनों में खोजकर स्कूल प्रबंधक को सौंपा था.

Intro:चाईबासा। एक ओर जहां रोजाना चाइल्ड ट्रैफिंग का मामला सामने आ रहा है वहीं अभिभावकों एवं स्कूल संचालकों की उदासीनता से आए दिन ऐसी घटना को बल मिल रहा है। जगन्नाथपुर पुलिस को शनिवार की रात जैसे ही दो मासूम बच्चों के थानांतर्गत मोगरा पंचायत के बलियाडीह गाँव में देखे जाने की सूचना मिली पुलिस तुरन्त हरकत में आ गई। थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से अनहोनी टला।

Body:मामला जगन्नाथपुर थाना अंतर्गत मोगरा पंचायत के बलियाडीह गांव की है। शनिवार के रात्रि करीब 11-30 बजे स्थानीय पत्रकार एवं ग्रामीणों से जगन्नाथपुर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक को दुरभाष से सूचना मिली कि दो मासूम बच्चे कही से आ गए है और दोनों मासूम मोगरा पंचायत के बलियाडीह गाँव के आस पास देखा गया है, अधिक अंधेरा होने के कारण बच्चे डर से आगे नही जा पा रहे है। उक्त सूचना पर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक तुरन्त संज्ञान लेते हुए सूचना का सत्यापन एवं आवश्यक करवाई करने हेतु स अ नि उमेश प्रसाद, स अ नि सोमाय टुडू को गश्तीदल के साथ बालियाडीह भेजे। दोनो पुलिस पदाधिकारियों ने दोनों मासूम नाबालिग बच्चो को बलियाडीह से खोजकर थाना ले आये।
थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक के पूछताछ करने पर दोनों मासूमो ने अपना नाम दिलीप सिंह हैस्सा उम्र करीब 12 वर्ष एवं लक्ष्मण सुरेन उम्र करीब 9 वर्ष बताया। दोनो मासूमो ने बताया कि दोनों सेंटपॉल आवासीय विद्यालय मलूका के छात्र है, विद्यालय में बढिया खाना नही दिया जाता है, खटिया खाना खाकर परेशान हो गए है जिसके कारण दोनों नाबालिग स्कूल से दिन के दो बजे ही भाग गए थे।

थाना प्रभारी मोदक ने मलूका सेंटपॉल स्कूल के फादर मुकेश केरकेट्टा एवं मलूका के स्थानीय ग्रामीण बोनिपास पूर्ति को बुलाकर दोनो मासूम नाबालिग बच्चो को सौप दिया तथा थाना प्रभारी मोदक ने कहा कि स्कूल प्रबंधन का काम है कि वे बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करें, उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश कर उन्हें दूर करे। बच्चों का सही देखरेख में रखे तथा बच्चों को सुरक्षा प्रदान करे।
उन्होंने अभिभावकों से कहा कि स्कूल संचालकों के साथ साथ बच्चों की देखभाल करने की पूरी जिम्मेदारी माता पिता का है। अभिभावक बच्चों का स्वयं देख रेख करे, केवल स्कूल के भरोसे अपने बच्चों को न छोड़े।

सेंटपॉल स्कूल से भागने की ये दूसरी घटना है। पहले भी स्कुल से एक बच्चा भाग चुका था। उस घटना में भी बच्चे को थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक ने ही दो दिनों में खोजकर स्कूल प्रबन्धक को सौंप दी थी।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.