ETV Bharat / city

MSME और व्यापारियों के बूस्ट अप के लिए पहल, केंद्रीय पैकेज के रूप में आसान ऋण कराया गया उपलब्ध - चाईबासा में लॉकडाउन में एमएसएमई उद्यमियों का नुसकान हुआ

चाईबासा में कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम को लेकर देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को बड़ा झटका लगा है. इस संकट काल में सरकार के द्वारा एमएसएमई को बचाने को लेकर व्यापारियों में उत्साह के लिए केंद्रीय पैकेज के रूप में आसान ऋण उपलब्ध कराया गया है, जिससे एमएसएमई मालिकों में उत्साह है.

Credit extended to traders will boost
व्यापारियों में बूस्टप्प के लिए सरकार की पहल
author img

By

Published : Jun 22, 2020, 5:11 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 6:40 PM IST

चाईबासा: कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम को लेकर देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को बड़ा झटका लगा है. इस संकट काल में सरकार के द्वारा एमएसएमई को बचाने और व्यापारियों में उत्साह के लिए केंद्रीय पैकेज के रूप में आसान ऋण उपलब्ध कराया गया है. जिससे एमएसएमई मालिकों में उत्साह है.

देखें पूरी खबर

ओवरड्राफ्ट खाते में 20 % बिना गारंटी दे रही सरकार

दरअसल, सरकार के द्वारा एमएसएमई को ऋण की पेशकश की है जिससे एमएसएमई मालिकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है सरकार के द्वारा 9.5 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ एमएसएमई मालिकों को 4 साल की अवधि में इस ऋण को चुकाना है. एमएसएमई मालिकों की माने तो केंद्र सरकार का यह केंद्रीय पैकेज एमएसएमई मालिकों के लिए काफी मददगार साबित होगा. एमएसएमई मालिकों का नगद उधार खाता, ओवरड्राफ्ट खाता जिनका भी है उन्हें 20% बिना गारंटी के दिया जाता है जिस पर 1 वर्ष तक कोई ईएमआई की छूट है.

देश की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

वस्त्र एवं जूता व्यवसायी संघ के अध्यक्ष राजकुमार ओझा ने बताया कि एमएसएमई मालिकों के लिए सरकार के द्वारा केंद्रीय पैकेज दिया गया है. जिससे व्यापारियों को बूस्ट मिलेगा और व्यापारियों को बूस्ट मिलने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा. लॉकडाउन में व्यापारियों को झटका जरूर लगा है और इस झटके से व्यापारियों को उभारने के लिए केंद्र सरकार का प्रयास भी काफी सराहनीय है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद हम एमएसएमई मालिकों को खरीदारी उद्यमी मजदूर आदि के लिए पैसे लगाने होंगे. ऐसी स्थिति में सरकार के द्वारा 20% कारण काफी मददगार साबित होगा. ऋण से व्यापारी बूस्ट अप होंगे. इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए एमएसएमई सेक्टर भी काफी कारगर साबित होगा.

ये भी पढें- देश के मुकाबले झारखंड में जल्दी ठीक हो रहे कोरोना मरीज, अब तक 1404 लोगों ने दी वायरस को मात

लोन चुकाने के लिए 4 साल का समय

सरकार के द्वारा दिए जा रहे हैं ऋण को चुकाने के लिए 4 वर्षों का समय दिया गया है, जिससे व्यापारियों को 2 वर्षीय ईएमआई से मुक्त रखा जाता तो ज्यादा बेहतर होता, लेकिन सरकार ने 1 वर्ष मुक्त रखने का प्रावधा दिया गया. पश्चिम सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के फाउंडर सह झारखंड टेंट एंड डेकोरेटर्स एसोसिएशन के महासचिव विकास चंद्र मिश्रा ने बताया कि एमएसएमई में सरकार ने बहुत से ऐसे उद्योग जो इसके दायरे में नहीं आते थे उसे भी ला दिया गया है. सूक्ष्म को मध्यम और मध्यम को वृहद बना दिया गया है. जो केंद्र सरकार का एक बहुत ही अच्छा और सराहनीय फैसला है. जिसका हम सभी स्वागत करते हैं. इस फैसले से बहुत से ऐसे व्यवसाई हैं जिसे लोग व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं. बहुत से ऐसे व्यवसाय हैं जो सेवा सेक्टर के हैं इसे छोटे स्तर पर लाया गया है सभी के स्तर को बढ़ाया गया है. एक्सपोर्ट की जो सीमा थी उसे भी बढ़ा दिया गया है इससे व्यवसायियों को एक अवसर मिलेंगा.

लॉकडाउन में सभी वर्ग हुए प्रभावित

उन्होंने कहा कि यही अवसर है कि अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने और आगे बढ़ाने का. जिसका हम सभी स्वागत करते हैं. केंद्र सरकार के द्वारा जो पैकेज की घोषणा की गई है वह काफी अच्छा है इसका लाभ व्यवसायियों को लेना चाहिए इस लॉकडाउन में व्यवसायी वर्ग ही नहीं बल्कि लगभग सभी लोग प्रभावित हुए हैं. चाहे वे किसी भी नौकरी व्यवसाय या स्कूली बच्चे या किसी भी सेक्टर के काम करने वाले लोग हैं सभी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल का शिक्षा पर पड़ा गहरा असर, आरयू के दिव्यांग प्रोफेसर ने पेश की मिसाल

व्यापारियों को किया जा रहा बूस्ट अप

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो पैकेज दिया है क्या वह लोन बैंक से मिल पाएगा. सभी को मालूम है कि बैंक से लोन लेना कितना कठिन है राज्य सरकार भारत सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन से यह निवेदन करना चाहूंगा कि केंद्र सरकार के द्वारा व्यवसायियों को बूस्ट अप करने के लिए दिए जा रहे केंद्रीय पैकेज को और भी सरल बनाया जाए. प्रत्येक जिले में जिला प्रशासन के अनुभवी लोग की कमिटी बनाई जाए और जितने भी व्यवसाय वर्ग तिलोक आवेदन करते हैं उसे अनुमोदन करें और बैंक जिस तरह से लोन के प्रावधान है उनके अनुसार ऋण उपलब्ध कराएं. तभी यह सरकार का केंद्रीय पैकेज आम लोगों तक पहुंच सकेगा. 20% अतिरिक्त लोन ओवरड्राफ्ट पर दिया जाएगा. जिससे पुराने व्यवसायियों को इसका लाभ आसानी से मिलेगा, लेकिन नए व्यवसाय को लोहे के चने चबाने के बराबर यह बात है.

EMI भरने वाले वाले किसानों को 3% छूट

विकास चंद्र मिश्रा ने कहा कि सरकार के द्वारा 9% ब्याज दर लगाया गया है. जिसे 2% घटाकर उसे 7% ब्याज दर किया जाए. कृषि के लिए सरकार जो लोन दे रही है उसमें 2% सब्सिडी दिया गया है और यह समय से लोन की ईएमआई भर देने वाले कृषकों के लिए 3% अतिरिक्त छूट भी दी जा रही है. इसी तरह से लघु उद्योग के लिए सरकार घोषणा करें और चिंतन करें कि 4 वर्ष की अतिरिक्त छूट भी दी जा रही है. इसी के तरह लघु उद्योग के लिए सरकार घोषणा करें .

ये भी पढ़ें- साइबर अपराधियों से रहें सावधान, KBC के नाम पर ऐसे दिया झांसा

सरकार द्वारा उठाया गया कदम सराहनीय

चाईबासा चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नितिन प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार की एमएसएमई के बचाव के लिए उठाए गए पहल स्वागत योग्य है. जिसमें 20% तक लोन देने की योजना है. 4 वर्ष तक के लिए ऋण दिया जा रहा है. जिसमें पहले वर्ष ईएमआई नहीं ली जाएगी. हमारे व्यवसाय समूह का यह सोचना है कि सरकार हमें कर्ज दे रही है और इस दौरान किसी का भी काम नहीं चल रहा है और जिनका काम चल रहा है उनके व्यवसाय में कोई गति नहीं है. सभी फैक्ट्रियों में 20 से 25% ही काम संचालित हो पा रहा है. इससे बेहतर होता कि सरकार 4 वर्षों के लिए हमें इनकम टैक्स जीएसटी आदि व्यवसाय में छूट देती, तो इससे ज्यादा उद्यमी को फायदा मिलता सरकार के द्वारा दिए जा रहे केंद्रीय पैकेज में ऋण चुकाने का समय 4 वर्ष दिया गया है. लेकिन यह बाजार पर निर्भर करता है.

लॉकडाउन लंबा रहा तो बढ़ेगी मुश्किलें

उन्होंने कहा कि बाजार अगर ठीक से पहले की तरह चालू हो गया तो व्यवसायी वर्ग सरकार के द्वारा दिए गए ऋण को आसानी से लौट आने में सक्षम रहेंगे, लेकिन कोरोना काल कितना लंबा चलेगा यह बात किसी को पता नहीं है. अगर इसी तरह का माहौल बना रहा तो व्यापार चलाना भी मुश्किल हो जाएगा और व्यापारी अपने ऋण को चुकाने में असमर्थ हो जाएंगे. लॉकडाउन कुछ दिन और अगर चलती है तो ऐसी स्थिति में बड़ी से बड़ी फार्म भी फेल हो जाएगी. फैक्ट्रियां खोली जा रही है बाजार खुल रही हैं. लेकिन बाजार में बिक्री बहुत ही कम हो गई है दुकानों में ग्राहक पहले की तरह नहीं पहुंच रहे हैं. खाद्यान्न के व्यवसाय छोड़कर अन्य किसी भी व्यवसाय में किसी तरह का उठाव नजर नहीं आ रहा है. जिसे देखकर यह लगता है कि यह काफी गंभीर समस्या है. लगभग सेक्टरों में अभी बिक्री नहीं दिख रही है. अगर यही माहौल रहा तो आने वाले समय में काफी दिक्कतों का सामना व्यवसायियों को करना पड़ सकता है.

चाईबासा: कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम को लेकर देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को बड़ा झटका लगा है. इस संकट काल में सरकार के द्वारा एमएसएमई को बचाने और व्यापारियों में उत्साह के लिए केंद्रीय पैकेज के रूप में आसान ऋण उपलब्ध कराया गया है. जिससे एमएसएमई मालिकों में उत्साह है.

देखें पूरी खबर

ओवरड्राफ्ट खाते में 20 % बिना गारंटी दे रही सरकार

दरअसल, सरकार के द्वारा एमएसएमई को ऋण की पेशकश की है जिससे एमएसएमई मालिकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है सरकार के द्वारा 9.5 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ एमएसएमई मालिकों को 4 साल की अवधि में इस ऋण को चुकाना है. एमएसएमई मालिकों की माने तो केंद्र सरकार का यह केंद्रीय पैकेज एमएसएमई मालिकों के लिए काफी मददगार साबित होगा. एमएसएमई मालिकों का नगद उधार खाता, ओवरड्राफ्ट खाता जिनका भी है उन्हें 20% बिना गारंटी के दिया जाता है जिस पर 1 वर्ष तक कोई ईएमआई की छूट है.

देश की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

वस्त्र एवं जूता व्यवसायी संघ के अध्यक्ष राजकुमार ओझा ने बताया कि एमएसएमई मालिकों के लिए सरकार के द्वारा केंद्रीय पैकेज दिया गया है. जिससे व्यापारियों को बूस्ट मिलेगा और व्यापारियों को बूस्ट मिलने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा. लॉकडाउन में व्यापारियों को झटका जरूर लगा है और इस झटके से व्यापारियों को उभारने के लिए केंद्र सरकार का प्रयास भी काफी सराहनीय है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद हम एमएसएमई मालिकों को खरीदारी उद्यमी मजदूर आदि के लिए पैसे लगाने होंगे. ऐसी स्थिति में सरकार के द्वारा 20% कारण काफी मददगार साबित होगा. ऋण से व्यापारी बूस्ट अप होंगे. इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए एमएसएमई सेक्टर भी काफी कारगर साबित होगा.

ये भी पढें- देश के मुकाबले झारखंड में जल्दी ठीक हो रहे कोरोना मरीज, अब तक 1404 लोगों ने दी वायरस को मात

लोन चुकाने के लिए 4 साल का समय

सरकार के द्वारा दिए जा रहे हैं ऋण को चुकाने के लिए 4 वर्षों का समय दिया गया है, जिससे व्यापारियों को 2 वर्षीय ईएमआई से मुक्त रखा जाता तो ज्यादा बेहतर होता, लेकिन सरकार ने 1 वर्ष मुक्त रखने का प्रावधा दिया गया. पश्चिम सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के फाउंडर सह झारखंड टेंट एंड डेकोरेटर्स एसोसिएशन के महासचिव विकास चंद्र मिश्रा ने बताया कि एमएसएमई में सरकार ने बहुत से ऐसे उद्योग जो इसके दायरे में नहीं आते थे उसे भी ला दिया गया है. सूक्ष्म को मध्यम और मध्यम को वृहद बना दिया गया है. जो केंद्र सरकार का एक बहुत ही अच्छा और सराहनीय फैसला है. जिसका हम सभी स्वागत करते हैं. इस फैसले से बहुत से ऐसे व्यवसाई हैं जिसे लोग व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं. बहुत से ऐसे व्यवसाय हैं जो सेवा सेक्टर के हैं इसे छोटे स्तर पर लाया गया है सभी के स्तर को बढ़ाया गया है. एक्सपोर्ट की जो सीमा थी उसे भी बढ़ा दिया गया है इससे व्यवसायियों को एक अवसर मिलेंगा.

लॉकडाउन में सभी वर्ग हुए प्रभावित

उन्होंने कहा कि यही अवसर है कि अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने और आगे बढ़ाने का. जिसका हम सभी स्वागत करते हैं. केंद्र सरकार के द्वारा जो पैकेज की घोषणा की गई है वह काफी अच्छा है इसका लाभ व्यवसायियों को लेना चाहिए इस लॉकडाउन में व्यवसायी वर्ग ही नहीं बल्कि लगभग सभी लोग प्रभावित हुए हैं. चाहे वे किसी भी नौकरी व्यवसाय या स्कूली बच्चे या किसी भी सेक्टर के काम करने वाले लोग हैं सभी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल का शिक्षा पर पड़ा गहरा असर, आरयू के दिव्यांग प्रोफेसर ने पेश की मिसाल

व्यापारियों को किया जा रहा बूस्ट अप

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो पैकेज दिया है क्या वह लोन बैंक से मिल पाएगा. सभी को मालूम है कि बैंक से लोन लेना कितना कठिन है राज्य सरकार भारत सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन से यह निवेदन करना चाहूंगा कि केंद्र सरकार के द्वारा व्यवसायियों को बूस्ट अप करने के लिए दिए जा रहे केंद्रीय पैकेज को और भी सरल बनाया जाए. प्रत्येक जिले में जिला प्रशासन के अनुभवी लोग की कमिटी बनाई जाए और जितने भी व्यवसाय वर्ग तिलोक आवेदन करते हैं उसे अनुमोदन करें और बैंक जिस तरह से लोन के प्रावधान है उनके अनुसार ऋण उपलब्ध कराएं. तभी यह सरकार का केंद्रीय पैकेज आम लोगों तक पहुंच सकेगा. 20% अतिरिक्त लोन ओवरड्राफ्ट पर दिया जाएगा. जिससे पुराने व्यवसायियों को इसका लाभ आसानी से मिलेगा, लेकिन नए व्यवसाय को लोहे के चने चबाने के बराबर यह बात है.

EMI भरने वाले वाले किसानों को 3% छूट

विकास चंद्र मिश्रा ने कहा कि सरकार के द्वारा 9% ब्याज दर लगाया गया है. जिसे 2% घटाकर उसे 7% ब्याज दर किया जाए. कृषि के लिए सरकार जो लोन दे रही है उसमें 2% सब्सिडी दिया गया है और यह समय से लोन की ईएमआई भर देने वाले कृषकों के लिए 3% अतिरिक्त छूट भी दी जा रही है. इसी तरह से लघु उद्योग के लिए सरकार घोषणा करें और चिंतन करें कि 4 वर्ष की अतिरिक्त छूट भी दी जा रही है. इसी के तरह लघु उद्योग के लिए सरकार घोषणा करें .

ये भी पढ़ें- साइबर अपराधियों से रहें सावधान, KBC के नाम पर ऐसे दिया झांसा

सरकार द्वारा उठाया गया कदम सराहनीय

चाईबासा चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नितिन प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार की एमएसएमई के बचाव के लिए उठाए गए पहल स्वागत योग्य है. जिसमें 20% तक लोन देने की योजना है. 4 वर्ष तक के लिए ऋण दिया जा रहा है. जिसमें पहले वर्ष ईएमआई नहीं ली जाएगी. हमारे व्यवसाय समूह का यह सोचना है कि सरकार हमें कर्ज दे रही है और इस दौरान किसी का भी काम नहीं चल रहा है और जिनका काम चल रहा है उनके व्यवसाय में कोई गति नहीं है. सभी फैक्ट्रियों में 20 से 25% ही काम संचालित हो पा रहा है. इससे बेहतर होता कि सरकार 4 वर्षों के लिए हमें इनकम टैक्स जीएसटी आदि व्यवसाय में छूट देती, तो इससे ज्यादा उद्यमी को फायदा मिलता सरकार के द्वारा दिए जा रहे केंद्रीय पैकेज में ऋण चुकाने का समय 4 वर्ष दिया गया है. लेकिन यह बाजार पर निर्भर करता है.

लॉकडाउन लंबा रहा तो बढ़ेगी मुश्किलें

उन्होंने कहा कि बाजार अगर ठीक से पहले की तरह चालू हो गया तो व्यवसायी वर्ग सरकार के द्वारा दिए गए ऋण को आसानी से लौट आने में सक्षम रहेंगे, लेकिन कोरोना काल कितना लंबा चलेगा यह बात किसी को पता नहीं है. अगर इसी तरह का माहौल बना रहा तो व्यापार चलाना भी मुश्किल हो जाएगा और व्यापारी अपने ऋण को चुकाने में असमर्थ हो जाएंगे. लॉकडाउन कुछ दिन और अगर चलती है तो ऐसी स्थिति में बड़ी से बड़ी फार्म भी फेल हो जाएगी. फैक्ट्रियां खोली जा रही है बाजार खुल रही हैं. लेकिन बाजार में बिक्री बहुत ही कम हो गई है दुकानों में ग्राहक पहले की तरह नहीं पहुंच रहे हैं. खाद्यान्न के व्यवसाय छोड़कर अन्य किसी भी व्यवसाय में किसी तरह का उठाव नजर नहीं आ रहा है. जिसे देखकर यह लगता है कि यह काफी गंभीर समस्या है. लगभग सेक्टरों में अभी बिक्री नहीं दिख रही है. अगर यही माहौल रहा तो आने वाले समय में काफी दिक्कतों का सामना व्यवसायियों को करना पड़ सकता है.

Last Updated : Jun 22, 2020, 6:40 PM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.