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कौन खा रहा 11 गांव का राशन? राशन कार्डधारियों ने जलाया DSO का पुतला

चाईबासा के 11 गांव के लोगों को 2018 से राशन नहीं मिला है. जिससे नाराज राशन कार्डधारियों ने जिला निवारण पदाधिकारी और जिला आपूर्ति पदाधिकारी का पुतला दहन किया.

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Published : Aug 28, 2019, 2:18 PM IST

कार्डधारियों ने जलाया DSO का पुतला

चाईबासाः पश्चिमी सिंहभूम के 11 गावों के सैंकड़ों राशन कार्डधारियों को पिछले दो वर्षों से राशन नहीं मिला है. जिसके विरोध में लोगों ने पुराना जिला उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इस दौरान जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी और जिला आपूर्ति पदाधिकारी का पुतला दहन किया गया.

देखें पूरी खबर

चक्रधरपुर प्रखंड के लोगों का कहना है कि कार्डधारी को सितंबर-दिसंबर 2018 का राशन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि कई बार आपूर्ति पदाधिकारी, जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी (DGRO), उपायुक्त एवं राज्य खाद्य आयोग को भी शिकायत की है.लोगों का कहना है कि उन्हें कई महीनों से राशन नहीं मिला है.

मामले की शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
दरअसल, खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार सभी शिकायतों का एक महीने में निवारण किया जाने का प्रावधान है. धरने में उपस्थित कार्डधारियों ने कहा कि पिछले एक साल में लगातार शिकायत करने के बावजूद भी उनकी समस्याओं का निवारण नहीं हुआ है. इस संबंध में कई बार सुनवाई हुई उसके बावजूद अब तक ग्रामीणों को न्याय नहीं मिला है.

DGRO ने कार्ड रद्द करने की दी धमकी
ग्रामीणों के कहा कि प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और डीलर ने उनके नाम पर उनका हस्ताक्षर और अंगूठे के निशानों को फर्जी तरीके से लगाकर रिपोर्ट बना दिया है कि उन्हें सितंबर 2018 का राशन मिल गया है. DGRO ने उनको यह भी धमकी दी कि उनके राशन कार्डों को रद्द कर दिया जाएगा, अगर वे सितंबर-दिसंबर 2018 के अलावा अन्य महीनों का राशन नहीं ले लेते हैं.

ये भी पढ़ें- 29 अगस्त से दौड़ेगी हटिया सांकी पैसेंजर और रांची टाटानगर एक्सप्रेस, सीएम दिखाएंगे हरी झंडी

नहीं हुई उपायुक्त से मुलाकात
धरने के अंत में प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिलने गया लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण नहीं मिल पाया. वे उपायुक्त के OSD से मिले. OSD ने कहा कि जिला के अनेक गावों में यह समस्या हो रही है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर डीलर को उन महीनों का अनाज आवंटित ही नहीं किया गया, तो कार्डधारियों को कभी भी बकाया राशन नहीं दिया जाएगा. उन्हें बकाया राशन भूल जाना चाहिए. विभाग द्वारा डीलर को ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार राशन आवंटित किया जाता है. जब उन्हें यह बोला गया कि इसका मतलब है कि अनाज की चोरी हो रही है, वे चुप रहे.

ग्रामीणों ने डीसी को मांग पत्र सौंपा
लोगों ने उपायुक्त को संलग्न मांग पत्र सौंपा, ग्रामीणों ने अपने मांग पत्र में कहा कि सभी गावों में 2016, 2017 व 2018 का बकाया खाद्यान्न तुरंत कार्डधारियों को वितरण किया जाए. सभी योग्य परिवार जिनका राशन कार्ड रद्द किया गया, उन्हें तुरंत नया कार्ड निर्गत किया जाए. राशन चोरी के लिए ज़िम्मेवार राशन डीलरों का लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाए एवं सभी ज़िम्मेवार पदाधिकारियों पर उचित दंडात्मक कार्यवाई की जाए. जन वितरण प्रणाली से आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण व्यवस्था (POS मशीन) हटाई जाए.

चाईबासाः पश्चिमी सिंहभूम के 11 गावों के सैंकड़ों राशन कार्डधारियों को पिछले दो वर्षों से राशन नहीं मिला है. जिसके विरोध में लोगों ने पुराना जिला उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इस दौरान जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी और जिला आपूर्ति पदाधिकारी का पुतला दहन किया गया.

देखें पूरी खबर

चक्रधरपुर प्रखंड के लोगों का कहना है कि कार्डधारी को सितंबर-दिसंबर 2018 का राशन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि कई बार आपूर्ति पदाधिकारी, जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी (DGRO), उपायुक्त एवं राज्य खाद्य आयोग को भी शिकायत की है.लोगों का कहना है कि उन्हें कई महीनों से राशन नहीं मिला है.

मामले की शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
दरअसल, खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार सभी शिकायतों का एक महीने में निवारण किया जाने का प्रावधान है. धरने में उपस्थित कार्डधारियों ने कहा कि पिछले एक साल में लगातार शिकायत करने के बावजूद भी उनकी समस्याओं का निवारण नहीं हुआ है. इस संबंध में कई बार सुनवाई हुई उसके बावजूद अब तक ग्रामीणों को न्याय नहीं मिला है.

DGRO ने कार्ड रद्द करने की दी धमकी
ग्रामीणों के कहा कि प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और डीलर ने उनके नाम पर उनका हस्ताक्षर और अंगूठे के निशानों को फर्जी तरीके से लगाकर रिपोर्ट बना दिया है कि उन्हें सितंबर 2018 का राशन मिल गया है. DGRO ने उनको यह भी धमकी दी कि उनके राशन कार्डों को रद्द कर दिया जाएगा, अगर वे सितंबर-दिसंबर 2018 के अलावा अन्य महीनों का राशन नहीं ले लेते हैं.

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नहीं हुई उपायुक्त से मुलाकात
धरने के अंत में प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिलने गया लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण नहीं मिल पाया. वे उपायुक्त के OSD से मिले. OSD ने कहा कि जिला के अनेक गावों में यह समस्या हो रही है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर डीलर को उन महीनों का अनाज आवंटित ही नहीं किया गया, तो कार्डधारियों को कभी भी बकाया राशन नहीं दिया जाएगा. उन्हें बकाया राशन भूल जाना चाहिए. विभाग द्वारा डीलर को ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार राशन आवंटित किया जाता है. जब उन्हें यह बोला गया कि इसका मतलब है कि अनाज की चोरी हो रही है, वे चुप रहे.

ग्रामीणों ने डीसी को मांग पत्र सौंपा
लोगों ने उपायुक्त को संलग्न मांग पत्र सौंपा, ग्रामीणों ने अपने मांग पत्र में कहा कि सभी गावों में 2016, 2017 व 2018 का बकाया खाद्यान्न तुरंत कार्डधारियों को वितरण किया जाए. सभी योग्य परिवार जिनका राशन कार्ड रद्द किया गया, उन्हें तुरंत नया कार्ड निर्गत किया जाए. राशन चोरी के लिए ज़िम्मेवार राशन डीलरों का लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाए एवं सभी ज़िम्मेवार पदाधिकारियों पर उचित दंडात्मक कार्यवाई की जाए. जन वितरण प्रणाली से आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण व्यवस्था (POS मशीन) हटाई जाए.

Intro:चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम के 11 गावों के सैंकड़ों राशन कार्डधारियों को पिछले दो वर्षों से राशन न मिलने के विरोध में पुराना ज़िला उपायुक्त के कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन कर ज़िला शिकायत निवारण पदाधिकारी और ज़िला आपूर्ति पदाधिकारी का पुतला दहन किया।

Body:चक्रधरपुर प्रखंड के बाईपी गाँव के जॉन कायम ने कहा, “हमारे गाँव के किसी भी कार्डधारी को सितम्बर-दिसम्बर 2018 का राशन नहीं मिला है. हमने कई बार आपूर्ति पदाधिकारी, ज़िला शिकायत निवारण पदाधिकारी (DGRO), उपायुक्त एवं राज्य खाद्य आयोग को भी शिकायत की है. कुपुई गांव के केलाराम मझी ने कहा कि हम लोगों को भी उन महीनों का राशन नहीं मिला है एवं हमारे गाँव के 81 कार्डधारियों ने जब तक पिछला बकाया राशन नहीं मिल जाएगा, वे अन्य महीनों का राशन नहीं लेंगे. इस दौरान खुंटपानी प्रखंड का उलिराजबसा, बड़ा बंकुआ, ओंकोलकुटी व सोनुआ का पोड़ाहाट के लोगों ने भी कहा कि उन्हें भी कई महीनों का राशन नहीं मिला है.

खाद्य सुरक्षा कानून अनुसार सभी शिकायतों का एक महीने में निवारण किया जाने का प्रावधान है. धरने में उपस्थित कार्डधारियों ने कहा कि पिछले एक साल में लगातार शिकायत करने के बावज़ूद भी उनकी समस्याओं का निवारण नहीं हुआ है. इस संबंध में कई बार सुनवाई हुई उसके बावजूद अब तक ग्रामीणों को न्याय नही मिला।
ग्रामीणों के कहा कि प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और डीलर ने उनके नाम पर उनका हस्ताक्षर व अंगूठे के निशानों को फ़र्ज़ी तरीके से लगाकर रिपोर्ट बना दिया है कि उन्हें सितम्बर 2018 का राशन मिल गया है. DGRO ने उनको यह भी धमकी दी कि उनके राशन कार्डों को रद्द कर दिया जाएगा अगर वे सितम्बर-दिसम्बर 2018 ले अलावा अन्य महीनों का राशन नहीं ले लेते हैं.

खूंटपानी प्रखंड के उलिराजाबसा के लोगों ने कहा कि उन्हें 2016 में तीन महीने, 2017 में एक और 2018 में चार महीनों का राशन नहीं मिला. उनके कई बार शिकायत करने के बाद ज़िला में सुनवाई की गयी. लेकिन सुनवाई में निर्णय दिया गया कि केवल 2018 का राशन दिया जाएगा.

सोनुआ के पोड़ाहाट गाँव की बिरेन दिग्गी की दिसम्बर 2018 में भूख से मौत हो गयी थी. उन्हें भी चार महीनों का राशन नहीं मिला था. उसी गाँव से आई कौशल्या दिग्गी ने कहा कि कई बार शिकायत करने के बावज़ूद भी गाँव के किसी को आज तक सितम्बर-दिसम्बर 2018 का राशन नहीं मिला है. चाईबासा सदर के प्रखंड के लुपुंगगुटु गाँव के कार्डधारियों ने बताया कि डीलर द्वारा पॉस मशीन में उनका आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण करवा दिया जाता है लेकिन राशन नहीं दिया जाता.

मानकी तुबिद जो इन मुद्दों पर चाईबासा में काम करते हैं, उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल कुछ गाँव तक सीमित नहीं है. ज़िला के अनेक गावों में ऐसी समस्या है. डीलरों का कहना है कि उन्हें खाद्यान्न्न आवंटित नहीं किया जाता है जबकि प्रशासन कहती है कि डीलरों को ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार अनाज आवंटित किया जाता है. ज़्यादातर गावों में साल में कम-से-कम 1-2 महीने का राशन नहीं बांटा जाता है. तो हम ग्रामीणों का सवाल यह है कि “हमारा राशन कहाँ जा रहा है?”. चाईबासा में जनवितरण प्रणाली में हो रही चोरी से सरकार के इस दावे का खोकलापन पता चलता है कि आधार से चोरी कम हुई है.

जब से जन वितरण प्रणाली में आधार अनिवार्य किया गया है, तब से कार्डधारियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कई योग्य परिवारों का राशनकार्ड रद्द कर दिया गया है. एक भी डीलर द्वारा अपवाद पंजी का संधारण नहीं किया जाता है जिससे वैसे कार्डधारियों को राशन दिया जाना है जिनका पॉस मशीन में ऊँगली के निशान काम न करे.

धरने के अंत में प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिलने गया लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण नहीं मिल पाया. वे उपायुक्त के OSD से मिले. OSD ने माना कि ज़िला के अनेक गावों में यह समस्या हो रही है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर डीलर को उन महीनों का अनाज आवंटित ही नहीं किया गया, तो कार्डधारियों को कभी भी बकाया राशन नहीं दिया जाएगा. उन्हें बकाया राशन भूल जाना चाहिए. विभाग द्वारा डीलर को ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार राशन आवंटित किया जाता है. जब उन्हें यह बोला गया कि इसका मतलब है कि अनाज की चोरी हो रही है, वे चुप रहे. लोगों ने उपायुक्त को संलग्न मांग पत्र सौंपा। ग्रामीणों ने अपने मांग पत्र में कहा कि

· सभी गावों में 2016, 2017 व 2018 का बकाया खाद्यान्न तुरंत कार्डधारियों को वितरण किया जाए.
· सभी योग्य परिवार जिनका राशन कार्ड रद्द किया गया, उन्हें तुरंत नया कार्ड निर्गत किया जाए.
· राशन चोरी के लिए ज़िम्मेवार राशन डीलरों का लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाए एवं सभी ज़िम्मेवार पदाधिकारियों पर उचित दंडात्मक कार्यवाई की जाए.
· जन वितरण प्रणाली से आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण व्यवस्था (पॉस मशीन) हटाई जाए.


Conclusion:धरने के अंत में लोगों द्वारा ज़िला शिकायत निवारण पदाधिकारी और ज़िला आपूर्ति पदाधिकारी का पुतला दहन किया गया.
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