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चाईबासा की सेरेंगसिया घाटी है काफी खतरनाक, पार करने से पहले वन देवी को करना पड़ता है खुश! - पश्चिम सिंहभूम

पश्चिम सिंहभूम के चाईबासा और जगन्नाथपुर के बीच स्थित सेरेंगसिया घाटी को पार करने से पहले लोग वहां पर एक जगह हरे पत्ते चढ़ाते है. लोगों की ऐसी मान्यता है कि पत्ते चढ़ाने से वन देवी खुश होती हैं और उनकी यात्रा सुखद होती है.

चाईबासा की सेरेंगसिया घाटी
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Published : Aug 16, 2019, 1:28 PM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा और जगन्नाथपुर के बीच स्थित सेरेंगसिया घाटी को पार करने से पहले वाहन चालक एक निश्चित जगह पर कुछ हरे पत्ते चढ़ाते हैं. लोगों की मान्यता है कि इससे उनका सफर आसान हो जाता है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

यह परंपरा काफी लंबे अरसे से पूर्वजों के समय से चली आ रही है. सेरेंगसिया घाटी काफी घुमावदार है. जिसमें गाड़ी चलाने में काफी कठिनाई होती है. वाहन चालक अगर थोड़ा सा भी ध्यान भटका दे, तो वो एक बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं.

इस घाटी के बारे में आसपास के लोगों द्वारा कई कहानियां कही जाती है. लोग बताते हैं कि अंग्रेजों ने इस जगह पर कब्जा करने की काफी कोशिश की. उस दौरान यहां के लोगों ने अंग्रेजों को मुंहतोड़ जवाब दिया. इसके साथ ही कई ग्रामीण भी शहीद भी हुए थे, जिनकी याद में सेरेंगसिया में शहीद स्थली का भी निर्माण कराया गया.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा और जगन्नाथपुर के बीच स्थित सेरेंगसिया घाटी को पार करने से पहले वाहन चालक एक निश्चित जगह पर कुछ हरे पत्ते चढ़ाते हैं. लोगों की मान्यता है कि इससे उनका सफर आसान हो जाता है.

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यह परंपरा काफी लंबे अरसे से पूर्वजों के समय से चली आ रही है. सेरेंगसिया घाटी काफी घुमावदार है. जिसमें गाड़ी चलाने में काफी कठिनाई होती है. वाहन चालक अगर थोड़ा सा भी ध्यान भटका दे, तो वो एक बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं.

इस घाटी के बारे में आसपास के लोगों द्वारा कई कहानियां कही जाती है. लोग बताते हैं कि अंग्रेजों ने इस जगह पर कब्जा करने की काफी कोशिश की. उस दौरान यहां के लोगों ने अंग्रेजों को मुंहतोड़ जवाब दिया. इसके साथ ही कई ग्रामीण भी शहीद भी हुए थे, जिनकी याद में सेरेंगसिया में शहीद स्थली का भी निर्माण कराया गया.

Intro:स्पेशल स्टोरी,

चाईबासा। सुनने में यह अजीब लगता है लेकिन जहां श्रद्धा एवं आस्था की बात आती है वहां तर्क की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है। पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा व जगन्नाथपुर के बीच स्थित सेरेंगसिया घाटी में ऐसा ही कुछ देखने को मिलता है। इस घाटी को पार करने से पहले दो पहिया एवं चार पहिया सवार लोग एक निश्चित स्थान पर हरे पत्ते या पत्थर चढ़ाते हैं उसके बाद ही अपने गंतव्य स्थानों के लिए लोग आगे बढ़ते हैं।




Body:चाईबासा व जगन्नाथपुर के बीच स्थित सेरेंगसिया घाटी को पार करने से पूर्व एक निश्चित स्थान पर लोगों के पत्ता या पत्थर चढ़ाने के पीछे उनकी मान्यता है कि हरे पत्ते का चढ़ावा चढ़ाने से वन देवी प्रसन्न होंगी और वनदेवी उन्हें सुरक्षित घाटी को पार करा देंगी एवं उनकी यात्रा सफल व सुखद होगी।
इसके पीछे लोगों की विभिन्न तर्क एवं मान्यताएं हैं।

इसी विश्वास के साथ लोग आने एवं जाने के क्रम में घाटी के ऊपर एक निश्चित स्थान पर जंगल से हरे पत्ते तोड़कर एवं पत्थर चढ़ा कर ही आगे बढ़ते हैं। यूं कहें कि वनदेवी को हरे पत्ते का चढ़ावा अपने लिए जीवनदान की मांग करते हैं। परंतु यह परंपरा काफी लंबे अरसे से उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है। लोगों का मानना है कि सेरेंगसिया घाटी काफी घुमावदार है वाहन चालकों के ध्यान जरा सी भी भटकी तो सीधे दुर्घटनाग्रस्त हो जाएंगे।

इस घाटी के बारे में आसपास के लोगों द्वारा कई कहानियां कही जाती हैं। लोग बताते हैं कि अंग्रेजों ने इस जगह पर कब्जा करने की काफी कोशिश की थी परंतु उस दौरान यहां के स्थानीय लोगों के पूर्वजों ने अंग्रेजों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। साथ ही कई ग्रामीण शहीद भी हुए थे जिनकी याद में सेरेंगसिया में शहीद स्थली का भी निर्माण करवाया गया है।


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