रांची: दक्षिण अफ्रीका के कैमरून से झारखंड के विभिन्न जिलों के 47 मजदूरों की वापसी शुरू हो गई है. कैमरून में झारखंड के सभी 47 मजदूरों को बंधक बना लिया गया था, जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए भारत सरकार से मदद मांगी थी. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से रविवार को 11 प्रवासी मजदूर सुरक्षित लौट आए, वहीं अन्य मजदूर भी 5 से 10 दिनों के अंदर घर लौट आएंगे.
चेहरे पर दिखी वतन वापसी की खुशी
कैमरून में पिछले 4 महीने से फंसे 47 मजदूरों में से 11 मजदूर रविवार को रांची लौट आए हैं. सभी मजदूर के चेहरे पर कैमरून से वतन वापसी की खुशी साफ झलक रही थी. कैमरून में फंसे मजदूर की वापसी के बाद संयुक्त श्रम आयुक्त राजेश प्रसाद, सहायक आयुक्त अविनाश कुमार कृष्ण समेत श्रम विभाग के कई अधिकारी उन्हें लेने बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे और सुरक्षित घर लौटे मजदूरों का माला पहनाकर स्वागत किया.
अफ्रीका के कैमरून से झारखंड लौटे 11 मजदूरों में हजारीबाग के 7, गिरिडीह के 2 और बोकारो के 2 मजदूर शामिल हैं. अफ्रीका के कैमरून में झारखंड के कुल 47 मजदूर फंसे हुए थे, जिन्होंने दिसंबर के पहले सप्ताह में अपना वीडियो जारी कर वतन वापसी की अपील की थी. काम करवाने के बावजूद मजदूरों को पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिल रहा था. श्रम विभाग के संयुक्त आयुक्त राजेश कुमार ने बताया कि फिलहाल 11 मजदूर वापस आ चुके हैं और बाकी मजदूरों की भी सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. वे 10 से 15 दिनों के अंदर भारत लौट आएंगे.
सीएम हेमंत के आदेश पर बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई
कैमरून में फंसे मजदूरों ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र और राज्य सरकार तक अपनी पीड़ा पहुंचाई थी. राज्य सरकार के प्रयास से अब उनकी वापसी भी शुरू हो गई है. लेकिन सीएम ने मजदूरों को विदेश भेजने का झांसा देने वाले बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद श्रम आयुक्त संजीव कुमार को आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है, ताकि कोई अन्य मजदूर धोखाधड़ी का शिकार न हो. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम 1979 के तहत प्रवासी मजदूरों के रूप में पंजीकृत किए बिना और आवश्यक लाइसेंस प्राप्त किए बिना कैमरून भेजने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है.
यह भी पढ़ें: