चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित चाईबासा का सदर अस्पताल इन दिनों जर्जर स्थिति में है. झारखंड सरकार राज्य के हर नागरिक को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने को लेकर लाख प्रयास कर रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से सदर अस्पताल में लोगों का ठीक से उपचार तो दूर, पीने के साफ पानी तक की व्यवस्था नहीं है. मरीजों और गर्भवती महिलाओं को घंटों डॉक्टरों के इंतजार में बैठना पड़ता है.
अल्ट्रासाउंड के लिए घंटों करना पड़ता है इंतजार
सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाएं अल्ट्रासाउंड कराने सुबह 9:00 बजे से ही लाइन लगाकर बैठी रहती हैं, लेकिन चिकित्सक समय पर नहीं आते. नतीजतन गर्भवती महिलाओं को घंटों इंतजार करना पड़ता है. अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर डॉक्टर के बैठने का समय 9 से 5 लिखा गया है. इसके बावजूद डॉक्टर अपनी मनमर्जी से अस्पताल पहुंचते हैं.
पानी की किल्लत एक बड़ी समस्या
सदर अस्पताल में मरीजों को पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल परिसर में पीने के पानी की किल्लत से मरीज जूझ रहे हैं. डॉक्टर महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने से पहले काफी पानी पीने का परामर्श देते हैं, जिससे सही तरीके से अल्ट्रासाउंड हो सके. इसके बावजूद अस्पताल परिसर में पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है.
डीडीसी आदित्य रंजन ने लगाई प्रबंधकों को फटकार
चाईबासा सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे डीडीसी आदित्य रंजन से गर्भवती महिलाओं के परिजनों ने शिकायत की. इस पर डीडीसी ने अस्पताल प्रबंधक को जमकर फटकार लगाई. इसके बाद उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए अस्पताल में एक बड़े वाटर कूलर की व्यवस्था करने का आदेश दिया.