चाईबासाः राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के बुरुगुलीकेरा गांव जाने के क्रम में ग्रामीणों ने महामहिम से अपनी पीड़ा सुनाई. गाम्रीणों ने कहा कि पत्थलगड़ी मामले के बाद समर्थकों उनहें लगातार डरा और धमका चुके हैं और जान से मारने की धमकी दी गई है, जिस कारण वह काफी भयभीत हो चुके हैं. ऐसे में ग्राम्रीणों ने राज्यपाल से गुजारिश की है कि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराया जाए.
ग्रामीणों ने कहा कि इसी भय से गांव के ग्रामीण गांव से पलायन भी करना शुरू कर दिए थे. उन्हें लगातार यह धमकी मिल रही थी कि वह भी पत्थलगड़ियों के समर्थन में आए और सभी तरह की सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का बहिष्कार करें. अन्यथा उन्हें जान से हाथ धोना पड़ेगा, लेकिन ग्रामीणों के लिए राहत की बात है कि गांव में पुलिस कैंप स्थापित कर दिया गया है. जिस कारण भी अपने घरों में चैन की नींद सो पा रहे हैं.
ग्रामीण का कहना है कि आखिर यह सब कब तक चलता रहेगा. कब तक पत्थलगड़ी समर्थक सरकार और प्रशासन का विरोध करते रहेंगे. इस दौरान ग्रामीणों ने राज्यपाल से अपनी सुरक्षा की भी मांग की. ग्रामीणों ने कहा कि "मैडम हमें सुरक्षा दें, पत्थलगड़ी समर्थक धमकी देकर गए हैं. गांव के एक ग्रामीण बताते हैं कि गांव के 7 लोगों की निर्मम हत्या के दूसरे दिन ही पत्थलगड़ी समर्थक गांव में आ धमके थे और हम ग्रामीणों को पत्थलगड़ी का समर्थन करने को लेकर धमकी दे रहे थे.
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पत्थलगड़ी समर्थकों ने समर्थन नहीं देने पर जान से मार देने की धमकी भी दी है इतना ही नहीं उनका कहना है कि गांव में बचे पढ़े लिखे लोगों को भी वे मौत के घाट उतार देंगे. पत्थलगड़ी समर्थकों ने गांव के ग्रामीण महिलाओं को भी समर्थन देने के लिए धमकियां देते हुए कहा कि समर्थन नहीं देने पर पुरुषों को मौत के घाट उतार देंगे और महिलाओं को गांव से खदेड़ कर भगा देंगे.