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पानी बचाने के लिए मंत्री और DC ने दिए सख्त आदेश, सरकारी कार्यालयों ने ही कर दिया अनसुना

चाईबासा में भू-जलस्तर का ग्राफ दिन-प्रतिदिन नीचे गिरता जा रहा है. जिसके बाद जिले के लगभग सभी सरकारी भवनों और नीजी मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने का आदेश दिया गया था, लेकिन इसपर अबतक कोई पहल नहीं हुई है.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग की नहीं हो रही व्यवस्था
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Published : Jul 11, 2019, 1:33 PM IST

चाईबासा: भूमिगत जल के दोहन और वर्षा की कमी के कारण दिन-प्रतिदिन भूजल स्तर गिरता जा रहा है. जिस कारण जिले के कई शहर, गांव और कस्बों में पानी की किल्लत साफ नजर आने लगी है. सरकार ने एक साल पहले सभी सरकारी भवनों और निजी मकानों में तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया था, लेकिन इस ओर अबतक कोइ पहल नहीं की गई है.

देखें पूरी खबर

दिनों दिन बढ़ती पानी की किल्लत को देखते हुए डेढ़ साल पहले पेयजल आपूर्ति मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने शैक्षणिक संस्थानों, घरों और सरकारी भवनों के नक्शे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं होने पर नक्शा पास नहीं करने का आदेश दिया था. जबकि ऐसा नहीं करने पर जुर्माना भी लगाने का आदेश दिया था. बावजूद इसके अब तक जिले के कई सरकारी कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं हो सकी है.

मंत्री के आदेश के बाद भी नहीं हुआ काम
पेयजल आपूर्ति मंत्री के आदेश के डेढ़ साल बाद भी उनके आदेशों का पालन नहीं किया गया. आदेशानुसार सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था करना अनिवार्य है, लेकिन पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित कोल्हन प्रमंडलीय कार्यालय समेत जिले के किसी भी सरकारी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू नहीं किया जा सका है.

जिला उपायुक्त ने 1 साल पहले दिया था निर्देश
पश्चिम सिंहभूम जिला उपायुक्त ने भी 1 पहले पहले सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. लेकिन आदेश के 1 साल बीतने के बाद भी जिला मुख्यालय की सरकारी भवनों में अब तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई.

ये भी पढे़ं- चतराः अब अशांति नहीं फैला सकेंगे हुड़दंगी, असामाजिक तत्वों पर नकेल कसेगी पुलिस

फेल हो रहे हैं चापाकल और कुंआ
एक ओर जहां वर्षा जल संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, सरकारी पदाधिकारियों की उदासीन रवैया देखने को मिल रहा है. परिणाम स्वरूप दिन-प्रतिदिन भू-जल स्तर गिरता जा रहा है. जिस कारण जिलों के कई चापाकल फेल हो चुकी है और कुआं सूखने के कगार पर आ चुकी है. जिसा ग्राफ में भी इजाफा देखा जा रहा है.

जल शक्ति अभियान से सब हुए केंद्रित
जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि पिछले साल उनके द्वारा सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया था, लेकिन वह केंद्रित नहीं रह सका. इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश भर में जल शक्ति अभियान की शुरुआत की. जो जल संरक्षण का मुद्दा केंद्रित हुआ है और इसे जिले के सभी विभाग के पदाधिकारियों को उनके अपने कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.

चाईबासा: भूमिगत जल के दोहन और वर्षा की कमी के कारण दिन-प्रतिदिन भूजल स्तर गिरता जा रहा है. जिस कारण जिले के कई शहर, गांव और कस्बों में पानी की किल्लत साफ नजर आने लगी है. सरकार ने एक साल पहले सभी सरकारी भवनों और निजी मकानों में तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया था, लेकिन इस ओर अबतक कोइ पहल नहीं की गई है.

देखें पूरी खबर

दिनों दिन बढ़ती पानी की किल्लत को देखते हुए डेढ़ साल पहले पेयजल आपूर्ति मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने शैक्षणिक संस्थानों, घरों और सरकारी भवनों के नक्शे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं होने पर नक्शा पास नहीं करने का आदेश दिया था. जबकि ऐसा नहीं करने पर जुर्माना भी लगाने का आदेश दिया था. बावजूद इसके अब तक जिले के कई सरकारी कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं हो सकी है.

मंत्री के आदेश के बाद भी नहीं हुआ काम
पेयजल आपूर्ति मंत्री के आदेश के डेढ़ साल बाद भी उनके आदेशों का पालन नहीं किया गया. आदेशानुसार सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था करना अनिवार्य है, लेकिन पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित कोल्हन प्रमंडलीय कार्यालय समेत जिले के किसी भी सरकारी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू नहीं किया जा सका है.

जिला उपायुक्त ने 1 साल पहले दिया था निर्देश
पश्चिम सिंहभूम जिला उपायुक्त ने भी 1 पहले पहले सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. लेकिन आदेश के 1 साल बीतने के बाद भी जिला मुख्यालय की सरकारी भवनों में अब तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई.

ये भी पढे़ं- चतराः अब अशांति नहीं फैला सकेंगे हुड़दंगी, असामाजिक तत्वों पर नकेल कसेगी पुलिस

फेल हो रहे हैं चापाकल और कुंआ
एक ओर जहां वर्षा जल संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, सरकारी पदाधिकारियों की उदासीन रवैया देखने को मिल रहा है. परिणाम स्वरूप दिन-प्रतिदिन भू-जल स्तर गिरता जा रहा है. जिस कारण जिलों के कई चापाकल फेल हो चुकी है और कुआं सूखने के कगार पर आ चुकी है. जिसा ग्राफ में भी इजाफा देखा जा रहा है.

जल शक्ति अभियान से सब हुए केंद्रित
जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि पिछले साल उनके द्वारा सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया था, लेकिन वह केंद्रित नहीं रह सका. इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश भर में जल शक्ति अभियान की शुरुआत की. जो जल संरक्षण का मुद्दा केंद्रित हुआ है और इसे जिले के सभी विभाग के पदाधिकारियों को उनके अपने कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.

Intro:डे प्लान,
चाईबासा। लगातार भूमि जल के दोहन तथा वर्षा की कमी के कारण दिन प्रतिदिन भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जिस कारण जिले के कई शहर गांव कस्बों में पानी की किल्लत साफ नजर आने लगी है। दिन-ब-दिन शहरी क्षेत्रों एवं मुख्य सड़कों के किनारे कंक्रीट का जंगल (पक्के मकान) तो बनते जा रहे हैं। परंतु सरकारी भवना हो या निजी मकान है किसी में भी अब तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्थाएं नहीं की जा रही है।




Body:दिनों दिन बढ़ती पानी की किल्लत को देखते हुए विगत डेढ़ वर्ष पूर्व पेयजल आपूर्ति मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने शैक्षणिक संस्थानों घरों सरकारी भवनों आदि के नक्शे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं होने पर नक्शा पास नहीं करने के साथ साथ जुर्माना भी लगाने का आदेश दिया था उसके बावजूद भी अब तक जिले के कई सरकारी कार्यालयों रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है।

मंत्री के आदेश के बाद भी नही हुआ आदेश का पालन-
पेयजल आपूर्ति मंत्री के आदेश के डेढ़ वर्ष बाद भी उनके आदेश का पालन नही किया गया। आदेशानुसार सभी सरकारी भवनों एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था करना अनिवार्य है। लेकिन पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित कोल्हन प्रमंडलीय कार्यालय समेत जिले के किसी भी सरकारी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू नहीं किया जा सका है।

जिला उपायुक्त ने 1 वर्ष पूर्व ही दिया था निर्देश-
पश्चिम सिंहभूम जिला उपायुक्त ने भी 1 वर्ष पूर्व सरकारी सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया था परंतु आदेश के 1 वर्ष बीतने के बाद भी जिला मुख्यालय की सरकारी भवनों में अब तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई है।

फेल हो रहे हैं चापाकल व कुंआ-
एक ओर जहां वर्षा जल संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है वहीं सरकारी पदाधिकारियों की उदासीन रवैया देखने को मिल रही है परिणाम स्वरूप दिन-प्रतिदिन भूजल स्तर गिरता जा रहा है जिस कारण जिलों के कई चापाकल फेल हो चुकी है एवं कुआं सूखने के कगार पर आ चुकी है। दिन प्रतिदिन चापाकल एवं कुएं के फेल होने के ग्राफ में इजाफा होता जा रहा है।

जल शक्ति अभियान से सब हुए केंद्रित -
जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि पिछले वर्ष उनके द्वारा सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था करने का आदेश दिया था परंतु वह केंद्रित नहीं रह सका इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर में जल शक्ति अभियान की शुरुआत की तो यह पुनः वर्षा जल संरक्षण का मुद्दा केंद्रित हुआ है और इसे जिले के सभी विभाग के पदाधिकारियों को उनके अपने कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।


Conclusion:समय रहते नही हुए सचेत तो भुगतना पड़ेगा गंभीर परिणाम-
ऐसे में आने वाले दिनों में जिले को पानी की गंभीर समस्या से जूझना पड़ सकता है अगर समय रहते जिम्मेदार सचेत नहीं हुए तो भविष्य में आने वाली पीढ़ी को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है। वर्षा के पानी भूजल स्तर को बढ़ाने की प्रक्रिया के प्रति लोगों को जागरूक करके भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है इसके साथ ही आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य दिया जा सकता है।
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