चाईबासा: झारखंड की राजनीति में पश्चिम सिंहभूम के मनोहरपुर की विधायक जोबा मांझी ने अपनी एक खास स्थान बनाई है. अपने पति दिवंगत देवेंद्र मांझी की हत्या के बाद टूट सी गई थी, लेकिन जनता ने उन्हें हिम्मत दी, उनके आंदोलन और सपनों को पूरा करने की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण झारखंड की राजनीति में जोबा मांझी ने अपनी खास पहचान बनाई.
पश्चिम सिंहभूम जिला काफी पिछड़ा जिला है. खासकर मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से सारंडा के घने जंगल और पहाड़, पर्वत से घिरा हुआ है. जहां ज्यादातर आदिवासी महिलाएं घरेलू कामकाज के साथ अपने परिवार के भरण पोषण के लिए जंगल से पत्ते और दातुन तोड़ हाट-बाजारों में बेचती है और कड़ी मेहनत मजदूरी भी करती हैं. वहीं, जोबा मांझी ने अपने दिवंगत पति देवेंद्र मांझी की हत्या के बाद विधानसभा क्षेत्र की जनता से साथ उनके सपनों को साकार करने और अपने आदिवासी समुदाय के विकास, उत्थान के लिए राजनीति में कदम रखा.
जनता के भरोसे पर खड़ी उतरी विधायक
विधायक जोबा मांझी ने बतया कि उनके दिवंगत पति देवेंद्र माझी की हत्या के बाद लोगों के कहने के बाद जब राजनीति के मैदान में उतरी तो लोगों का भरपूर सहयोग मिला. जोबा मांझी ने भी विधानसभा के जनता के भरोसे पर खड़ी उतरी. नतीजतन विधानसभा की जनता ने लगातार 3 विधानसभा चुनावों में उन्हें अपना विधायक चुनकर सदन तक पहुंचाया. उसके बाद एक विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का भी मुंह देखना पड़ा था. उसके बाद भी उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने अपने विधानसभा की जनता के साथ हर सुख-दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ी रही.
ये भी पढ़ें- कार्यकर्ताओं की मेहनत का मिलेगा बेहतर परिणाम, जनता की अदालत में होगा फैसला: बाबूलाल मरांडी
महिलाएं समाज को बना सकती है सशक्त
विधायक जोबा मांझी ने महिलाओं के बारे में कहा कि हमारे क्षेत्र की महिलाएं जागरूक होकर समाज को सशक्त बनाए. केवल पढ़ी-लिखी महिलाएं ही नहीं बल्कि सभी महिलाएं समाज को सशक्त बनाने में अपना अहम भूमिका निभा सकती हैं. समाज में कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने अपने परिवार को मजबूत करने और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए जंगलों से पत्ते और दातुन तक बेचती हैं.