चाईबासा: झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार में 'हो समुदाय' के एक भी विधायक को मंत्री नहीं बनाए जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. मंत्रिमंडल के विस्तार में हो समुदाय के विधायक को मंत्री नहीं बनता देख समुदाय के लोग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. 'हो समुदाय' के कई संगठन गोलबंद होकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को घेरने की तैयारी में हैं. पिछले दिनों हो महासभा के लोगों ने अपने किसी भी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को आमंत्रित नहीं करने का फैसला लिया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से पश्चिम सिंहभूम हो समाज महासभा के एक दल से मुख्यमंत्री से मिलने आने का निमंत्रण मिला है.
इसी कड़ी में कोल्हान के मानकी मुंडा संघ ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए डोमेल सोय ने कहा कि नेताओं के वादों पर विश्वास कायम रहना चाहिए. जनता के कहे अनुसार समाज के भावनाओं के अनुसार लोग सरकार से वार्ता करेंगे, सरकार से मांग है कि कोल्हान की धरती आंदोलन और क्रांति की धरती है, यहां के लोग हमेशा कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटे हैं. शिबू सोरेन के आंदोलन के गुरू अगर कोई है तो हेमंत सोरेन को नहीं भूलना चाहिए कि वे बागुन सुंब्रुई हैं.
डोमेल सोय ने कहा कि सिर्फ शिबू सोरेन अकेले आंदोलनकारी नहीं है कोल्हान के लोग भी आंदोलनकारी हैं और हमारी पीठ में छुरा भोंकने काम न करें. कोल्हान के साथ अगर राजनीति होती है तो आंदोलन के अलावा कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि खरसावां से मुख्यमंत्री को खदेड़ा था. अगर ऐसा दोबारा होता है तो कोल्हान की धरती पर किसी को आने नहीं दिया जाएगा.
दरअसल मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर हो समाज के लोगों की नाराजगी का मामला सरकार के संज्ञान में आ चुकी है. मानकी मुंडा संघ की माने तो एक प्रतिनिधिमंडल गठन कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलेगा. जिसके लिए उन्हें आमंत्रित भी किया गया है. मुख्यमंत्री के आमंत्रण से हो समाज के लोगों में एक उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है.
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मानकी मुंडा संघ की सदस्या सुषमा बिरूली ने कहा कि हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में एक पद अब तक खाली है. उन्होंने कहा कि 1837 से ही राजस्व देते रहे हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि राजस्व मंत्रालय को समुदाय के विधायक को मिलेगा.