ETV Bharat / city

महिला कॉलेज चाईबासा में मनाई गई स्वर्ण जयंती, मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची गीता कोड़ा

author img

By

Published : Mar 7, 2020, 6:09 AM IST

महिला कॉलेज चाईबासा के 50 साल पूरे होने पर स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा पहुंची. समारोह की अध्यक्षा कुलपति डॉ शुक्ला महंती और गीता कोड़ा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

Golden Jubilee Celebration Celebrates on 50 Years of Women's College Chaibasa
स्वर्ण जयंती समारोह

चाईबासा: महिला कॉलेज चाईबासा के 50 साल पूरे होने पर कॉलेज परिसर में स्वर्ण जयंती समारोह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस उपलक्ष्य पर मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा और समारोह की अध्यक्षा कुलपति डॉ शुक्ला महंती मुख्य रूप से उपस्थित रहीं. समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि गीता कोड़ा और विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर स्वर्ण जयंती स्मारिका का भी विमोचन किया गया. स्वागत भाषण के बाद अतिथियों को स्मृति चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित भी किया गया.

देखें पूरी खबर


मुख्य अतिथि सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा ने महाविद्यालय के समारोह की प्रशंसा करते हुए संस्थापक सीताराम रूंगटा को याद किया और महाविद्यालय के उन पुराने छात्राओं को याद किया गया, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का भी आवाह्न किया. इस दौरान उन्होंने महिला कॉलेज को जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करने की बात कही.

स्वर्ण जयंती को याद करते हुए पूर्व छात्रा और टाटा कॉलेज की पूर्व प्राचार्या डॉ कस्तूरी बोयपाई ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए महिला कॉलेज से जुड़ाव को बताया, साथ ही उन्होंने उस समय के साधनों के अनुभव को साझा किया. वहीं, पूर्व प्राचार्या डॉ शैलबला दास ने अपने कार्यकाल के दौरान के कार्यों का स्मरण किया. डॉ सुरालिन टोपनो पूर्व प्राचार्या ने भी पुरानी यादों को स्मरण करते हुए अर्थशास्त्र के विकास और अपने योगदान को याद किया. कॉलेज की पूर्व प्राचार्या पद्माजा सेन ने भी कहा कि 50 सालों की यात्रा को दो मिनट में समेटना बहुत मुश्किल है. उन्होंने बताया कि महिला कॉलेज की स्थापना के पीछे का उद्देश्य यह रहा है कि जब आप एक महिला को शिक्षित करते हैं, तो आप सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं.

ये भी देखें- चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम ने किया सेफ्टी ऑडिट, व्यवस्था पर बिफरे

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ शुक्ला मोहन्ती ने सर्वप्रथम आयोजन का बधाई देते हुए संस्थापक स्वर्गीय सीताराम रूंगटा को याद किया. उन्होंने कहा कि महिला कॉलेज अपना स्थान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्ज करा चुका है. उन्होंने महिला कॉलेज के प्राचार्या के रूप में किए गए कार्यों और यादों को ताजा किया. इस अवसर पर महिला कॉलेज की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया. जिसमें गुरू वंदना पर नृत्य, लघु नाटिका प्रस्तुत किया.

कार्यक्रम में कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ एके झा, कोल्हान विश्वविद्यालय डीसी डॉ केएन प्रधान, प्राचार्या डॉ आशा मिश्रा, पूर्व प्राचार्या डॉ पद्जा सेन, डॉ एसएनएम टोपनो, डॉ शैलबाला दास, टाटा कॉलेज के पूर्व प्राचार्या और महिला कॉलेज एलुमिनी कस्तुरी बोयपाई उपस्थित रहे.

चाईबासा: महिला कॉलेज चाईबासा के 50 साल पूरे होने पर कॉलेज परिसर में स्वर्ण जयंती समारोह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस उपलक्ष्य पर मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा और समारोह की अध्यक्षा कुलपति डॉ शुक्ला महंती मुख्य रूप से उपस्थित रहीं. समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि गीता कोड़ा और विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर स्वर्ण जयंती स्मारिका का भी विमोचन किया गया. स्वागत भाषण के बाद अतिथियों को स्मृति चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित भी किया गया.

देखें पूरी खबर


मुख्य अतिथि सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा ने महाविद्यालय के समारोह की प्रशंसा करते हुए संस्थापक सीताराम रूंगटा को याद किया और महाविद्यालय के उन पुराने छात्राओं को याद किया गया, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का भी आवाह्न किया. इस दौरान उन्होंने महिला कॉलेज को जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करने की बात कही.

स्वर्ण जयंती को याद करते हुए पूर्व छात्रा और टाटा कॉलेज की पूर्व प्राचार्या डॉ कस्तूरी बोयपाई ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए महिला कॉलेज से जुड़ाव को बताया, साथ ही उन्होंने उस समय के साधनों के अनुभव को साझा किया. वहीं, पूर्व प्राचार्या डॉ शैलबला दास ने अपने कार्यकाल के दौरान के कार्यों का स्मरण किया. डॉ सुरालिन टोपनो पूर्व प्राचार्या ने भी पुरानी यादों को स्मरण करते हुए अर्थशास्त्र के विकास और अपने योगदान को याद किया. कॉलेज की पूर्व प्राचार्या पद्माजा सेन ने भी कहा कि 50 सालों की यात्रा को दो मिनट में समेटना बहुत मुश्किल है. उन्होंने बताया कि महिला कॉलेज की स्थापना के पीछे का उद्देश्य यह रहा है कि जब आप एक महिला को शिक्षित करते हैं, तो आप सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं.

ये भी देखें- चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम ने किया सेफ्टी ऑडिट, व्यवस्था पर बिफरे

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ शुक्ला मोहन्ती ने सर्वप्रथम आयोजन का बधाई देते हुए संस्थापक स्वर्गीय सीताराम रूंगटा को याद किया. उन्होंने कहा कि महिला कॉलेज अपना स्थान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्ज करा चुका है. उन्होंने महिला कॉलेज के प्राचार्या के रूप में किए गए कार्यों और यादों को ताजा किया. इस अवसर पर महिला कॉलेज की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया. जिसमें गुरू वंदना पर नृत्य, लघु नाटिका प्रस्तुत किया.

कार्यक्रम में कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ एके झा, कोल्हान विश्वविद्यालय डीसी डॉ केएन प्रधान, प्राचार्या डॉ आशा मिश्रा, पूर्व प्राचार्या डॉ पद्जा सेन, डॉ एसएनएम टोपनो, डॉ शैलबाला दास, टाटा कॉलेज के पूर्व प्राचार्या और महिला कॉलेज एलुमिनी कस्तुरी बोयपाई उपस्थित रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.