चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के सोनुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की आपसी गुटबाजी के कारण पिछले कई दिनों से ताला लटका पड़ा है. इससे अस्पताल में मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस गुटबाजी के चक्कर में परिजन मरीजों को चक्रधरपुर या सदर अस्पताल चाईबासा लेकर जा रहे हैं.
पिछले दिनों जब ओपीडी खुला तो उस दौरान स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ जयश्री किरण मरीजों की जांच कर रही थी. लेकिन अस्पताल का दवाखाना कक्ष बंद था. बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच लंबे समय से गुटबाजी चल रही है, जिससे दवाखाना बंद रहता है. यही कारण है कि दवा नहीं मिलने से सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आने वाले ग्रामीणों ने दवा नहीं मिलने के कारण जमकर बवाल काटा. जिसके बाद हंगामा इतना बढ़ा कि सोनुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को अपने कक्ष में भी ताला लगाना पड़ा.
मामले में सिविल सर्जन की ओर से कार्रवाई करने के बाद ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नरेश बास्के और फार्मासिस्ट बिधान चंद्र राय ने सभी आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया. उन्होंने अस्पताल की ही एक महिला डॉक्टर जयश्री किरण और लिपिक अनीता महतो पर साजिश रचते हुए आरोप लगाने वाले एएनएम को उनके खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया है. दोनों का कहना है कि महिला डॉक्टर जय श्री किरण ने पिछले दिनों सोनवा अस्पताल से चाईबासा में अपनी प्रतिनियुक्त करवाया था. इस मामले को विधायक जोबा मांझी ने भी पिछले दिनों विधानसभा में उठाया था.
इसके बाद डॉक्टर जयश्री किरण की प्रतिनियुक्ति रद्द करते हुए सोनूवा अस्पताल में वापस पदस्थापित कर दिया गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं फार्मासिस्ट के मुताबिक अपनी प्रतिनियुक्ति रद्द होने से मायूस होकर डॉ जयश्री किरण द्वारा अस्पताल की लिपिक अनीता महतो के साथ मिलकर साजिश रचते हुए एएनएम को उनके साथ मिलकर साजिश रचते हुए एएनएम को उनके खिलाफ भड़काया गया.
वहीं, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नरेश बास्के ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनुआ के अंतर्गत दो प्रखंड सोनुवा एवं गुदड़ी क्षेत्र पड़ता है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले क्षेत्र काफी सुदूरवर्ती और बीहड़ में स्थित है. इन सुदूर क्षेत्र में स्थित गांव में एएनएम को भेजकर उनके द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जाती हैं. इन सुदूर क्षेत्रों में अपने कार्य की जिम्मेदारी से बचने के लिए ही एएनएम द्वारा उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन ने एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है. मामले की जानकारी देते हुए जिले के उप-विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.