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चाईबासाः विस्थापितों ने की आमसभा, ईचा डैम का निर्माण कार्य बंद करवाने की मांग

चाईबासा में ईचा डैम का निर्माण कार्य बंद कराने को लेकर शहर के सदर प्रखंड में विस्थापित ग्रामीणों ने आमसभा का आयोजन किया. इस दौरान विस्थापितों ने विधायक दीपक बिरुआ के सामने अपनी समस्याओं को रखा.

Displaced meeting to stop construction work of Icha Dam in chaibasa
विस्थापितों ने की बैठक
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Published : Feb 16, 2020, 7:41 PM IST

चाईबासा: ईचा डैम का निर्माण कार्य बंद कराने को लेकर पश्चिम सिंहभूम जिले के सदर प्रखड अंतर्गत कुर्सी गांव में विस्थापित ग्रामीणों ने आमसभा का आयोजन किया. ग्रामीणों की इस आम सभा में विस्थापित होने वाले गांव के हजारों ग्रामीणों के बीच चाईबासा विधायक दीपक बिरूआ भी उपस्थित रहे.

देखें पूरी खबर
आम सभा में डैम निर्माण से हुए विस्थापितों ने विधायक दीपक बिरूआ के सामने अपनी समस्याओं को रखा. इस दौरान डैम निर्माण से क्षेत्र के डूबने वाले गांव के हजारों ग्रामीणाें ने विधायक दीपक बिरूआ से बांध निर्माण कार्य प्रारंभ की जानकारी देते हुए कार्य रुकवाने का आग्रह किया है.विस्तापितों ने बताया कि झारखंड सरकार जल संसाधन विभाग की ओर से 23 जनवरी 2019 को जारी संकल्प के 5-ई में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि प्रभावित क्षेत्र में मानकी मुंडा, ग्राम सभा से एनओसी लेना होगा. इस नियम को ताक में रखकर बांध निर्माण कार्य चल रहा है. इसके अलावा 27 सितंबर 2014 को ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल ने बैठक कर एक उपसमिति बनाई थी. इस उपसमिति ने बांध निर्माण की परियोजना को निरस्त करने की अनुशंसा की थी.ग्रामीणों ने बताया कि सभी नियम और निर्देश को ताक पर रखते हुए पिछली रघुवर सरकार ने 17 जनवरी 2019 को बैठक कर स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना अंतर्गत ईचा बांध निर्माण कार्य प्रारंभ करने की स्वीकृति दी. लोगों ने बताया की पिछली भाजपा की सरकार ने लोगों का घर उजाड़ने का कार्य किया है. इसी कारण झारखंड राज्य में रघुवर दास की सरकार को लोगों ने नकार दिया.

ये भी पढ़ें- रामगढ़ः लावारिस हालत में मिली नवजात बच्ची, लोगों ने बचाई जान


विस्थापित ग्रामीणों का कहना कि हम सभी ने इस बार के चुनाव में वोट देकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनाई है और काफी उम्मीदें हैं कि इस बार हम लोगों को विस्थापित होने से झारखंड मुक्ति मोर्चा की हेमंत सरकार ईचा डैम का कार्य रद्द कर, विस्तापित होने से हजारों परिवारों को बचाएगी.

आमसभा को संबोधित करते हुए विधायक दीपक बिरुआ ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि ईचा डैम बांध निर्माण कार्य रद्द करने को लेकर सरकार से वे आग्रह करेंगे. दीपक बिरुआ ने कहा कि राज्यपाल अधिवेशन में स्पष्ट कहा गया था कि राज्य की जो भी योजना परियोजना संचालित है. उसका सरकार पुनर्समीक्षा करेगी. यदि वह जनउपयोगी होगी तो चलेगी, अगर वो जन विरोधी होगा तो उस पर पुनर्विचार किया जाएगा और उसे रद्द भी किया जा सकता है. ईचा डैम परियोजना काफी बड़ी परियोजना है. जिसमें 84 गांव ही नहीं 300 गांव भी डूब सकते हैं. चांडिल डैम निर्माण के वक्त 40 गांव डूबने की बात कही गई थी. परंतु 119 गांव डूब गए हैं. उसी तरह इस डैम निर्माण से 84 गांव डूबने की बात कही जा रही है, लेकिन वास्तविक रूप से 300 गांव डूब सकते हैं. इसलिए इचा डैम निर्माण को लेकर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए.

चाईबासा: ईचा डैम का निर्माण कार्य बंद कराने को लेकर पश्चिम सिंहभूम जिले के सदर प्रखड अंतर्गत कुर्सी गांव में विस्थापित ग्रामीणों ने आमसभा का आयोजन किया. ग्रामीणों की इस आम सभा में विस्थापित होने वाले गांव के हजारों ग्रामीणों के बीच चाईबासा विधायक दीपक बिरूआ भी उपस्थित रहे.

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आम सभा में डैम निर्माण से हुए विस्थापितों ने विधायक दीपक बिरूआ के सामने अपनी समस्याओं को रखा. इस दौरान डैम निर्माण से क्षेत्र के डूबने वाले गांव के हजारों ग्रामीणाें ने विधायक दीपक बिरूआ से बांध निर्माण कार्य प्रारंभ की जानकारी देते हुए कार्य रुकवाने का आग्रह किया है.विस्तापितों ने बताया कि झारखंड सरकार जल संसाधन विभाग की ओर से 23 जनवरी 2019 को जारी संकल्प के 5-ई में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश है कि प्रभावित क्षेत्र में मानकी मुंडा, ग्राम सभा से एनओसी लेना होगा. इस नियम को ताक में रखकर बांध निर्माण कार्य चल रहा है. इसके अलावा 27 सितंबर 2014 को ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल ने बैठक कर एक उपसमिति बनाई थी. इस उपसमिति ने बांध निर्माण की परियोजना को निरस्त करने की अनुशंसा की थी.ग्रामीणों ने बताया कि सभी नियम और निर्देश को ताक पर रखते हुए पिछली रघुवर सरकार ने 17 जनवरी 2019 को बैठक कर स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना अंतर्गत ईचा बांध निर्माण कार्य प्रारंभ करने की स्वीकृति दी. लोगों ने बताया की पिछली भाजपा की सरकार ने लोगों का घर उजाड़ने का कार्य किया है. इसी कारण झारखंड राज्य में रघुवर दास की सरकार को लोगों ने नकार दिया.

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विस्थापित ग्रामीणों का कहना कि हम सभी ने इस बार के चुनाव में वोट देकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनाई है और काफी उम्मीदें हैं कि इस बार हम लोगों को विस्थापित होने से झारखंड मुक्ति मोर्चा की हेमंत सरकार ईचा डैम का कार्य रद्द कर, विस्तापित होने से हजारों परिवारों को बचाएगी.

आमसभा को संबोधित करते हुए विधायक दीपक बिरुआ ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि ईचा डैम बांध निर्माण कार्य रद्द करने को लेकर सरकार से वे आग्रह करेंगे. दीपक बिरुआ ने कहा कि राज्यपाल अधिवेशन में स्पष्ट कहा गया था कि राज्य की जो भी योजना परियोजना संचालित है. उसका सरकार पुनर्समीक्षा करेगी. यदि वह जनउपयोगी होगी तो चलेगी, अगर वो जन विरोधी होगा तो उस पर पुनर्विचार किया जाएगा और उसे रद्द भी किया जा सकता है. ईचा डैम परियोजना काफी बड़ी परियोजना है. जिसमें 84 गांव ही नहीं 300 गांव भी डूब सकते हैं. चांडिल डैम निर्माण के वक्त 40 गांव डूबने की बात कही गई थी. परंतु 119 गांव डूब गए हैं. उसी तरह इस डैम निर्माण से 84 गांव डूबने की बात कही जा रही है, लेकिन वास्तविक रूप से 300 गांव डूब सकते हैं. इसलिए इचा डैम निर्माण को लेकर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए.

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