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पत्थलगड़ी के संवैधानिक मान्यता के सवाल पर बोले मुख्यमंत्री, कहा- पत्थलगड़ी को कुछ लोग गलत तरीके से कर रहे विश्लेषण

चाईबासा मामले में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन घटना से मायूस दिखे. उन्होंने पीड़ित परिवार को पूरी मदद करने का आश्वासन दिया. वहीं हेंमत सोरेन के सामने यह एक कड़ी चुनौती भी बन गई है, मामले में एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसे गलत तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं.

CM Hemant Soren met the victim's family in Chaibasa
पीड़ित परिवार से मिले सीएम
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Published : Jan 23, 2020, 10:16 PM IST

चाईबासाः पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुलीकेरा में 3 दिन पूर्व पत्थलगड़ी विवाद में हुए नरसंहार मामले में गुरूवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और किसी भी तरह से दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य की जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है और न ही सरकार इसमें कोताही बरतेगी.

पीड़ित परिवार से मिले सीएम

मामले में अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता
गुलीकेरा गांव से पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर वापस लौटने के क्रम में लोढाई में बने हेलीपैड पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्रकारों के सवाल पर बताया कि घटना का संबंध पत्थलगड़ी से है या नहीं इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की जांच चल रही है. जांच के उपरांत सच सामने आएगा की घटना पत्थलगड़ी से प्रेरित है या कुछ और है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी दलों को मानवीय संवेदना के साथ इस घटना को देखना चाहिए न की इस पर राजनीति की जानी चाहिए. बल्कि घटना के पर्दाफाश में सरकार को मदद करें. वहीं पत्थलगड़ी के संवैधानिक मान्यता के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्थलगड़ी को कुछ लोग गलत तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुलीकेरा गांव पहुंचकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना पर अफसोस जताया. वहीं मृतकों के आश्रितों से मिलकर उनकी तकलीफों को जानने का प्रयास किया. उन्होंने इस घटनाक्रम की साजिश करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया. मृतक के विधवाओं को नई व्यवस्था के तहत विधवा पेंशन तथा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ अभिलंब दिलाने का मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया.

पीड़ित परिवार से मिले हेमंत सोरेन
उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश उनका घर है एवं राज्य की जनता उनके परिवार का सदस्य हैं. ऐसे में राज्य सरकार सबका सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार के सदस्यों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और ग्रामसभा को मजबूत करने की अपील भी किया है. उन्होंने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि "अबुआ हाथु आबुआ राज" को मजबूत जरूर करना है, लेकिन ग्रामीण स्तर पर हत्या और अन्य किसी भी प्रकार की गैर कानूनी कार्य नहीं करना है.

ये भी पढ़ें- पत्थलगड़ी समर्थकों ने की थी 7 लोगों की हत्या, आपसी विवाद का दिया जा रहा है रंग: नाथूराम बुढ़

चाईबासा घटना से आहत दिखे हेंमत
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हेलीकॉप्टर से लोढाई स्थित सीआरपीएफ कैंप में उतरे जहां से सड़क मार्ग के द्वारा उन्हें घटनास्थल पर ले जाया गया. वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए जिला पुलिस एवं सीआरपीएफ की भारी तैनाती की गई थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर घटना जानने का प्रयास किया. तब वह काफी मायूस लग रहे थे और इस घटना से काफी मर्माहत दिखे. वहीं यह घटना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी कि झारखंड में इस तरह की सामाजिक नक्सल जैसी घटनाएं फिर से न हो.

हेमंत सरकार के लिए बनी बड़ी चुनौती
गौरतलब हो कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में पत्थलगड़ी अभियान ने पूरे राज्य को अशांत कर दिया था. इससे निपटना सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती थी. जबकि हेमंत सरकार ने शपथ लेते ही पत्थलगड़ी के समर्थकों के ऊपर लगे मुकदमों को हटा लिया था और फिर लगभग 1 माह के भीतर ही दर्दनाक नरसंहार की घटना ने हेमंत सोरेन सरकार के उस फैसले पर कई सवाल भी खड़े कर रही है.

चाईबासाः पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुलीकेरा में 3 दिन पूर्व पत्थलगड़ी विवाद में हुए नरसंहार मामले में गुरूवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और किसी भी तरह से दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य की जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है और न ही सरकार इसमें कोताही बरतेगी.

पीड़ित परिवार से मिले सीएम

मामले में अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता
गुलीकेरा गांव से पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर वापस लौटने के क्रम में लोढाई में बने हेलीपैड पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्रकारों के सवाल पर बताया कि घटना का संबंध पत्थलगड़ी से है या नहीं इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की जांच चल रही है. जांच के उपरांत सच सामने आएगा की घटना पत्थलगड़ी से प्रेरित है या कुछ और है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी दलों को मानवीय संवेदना के साथ इस घटना को देखना चाहिए न की इस पर राजनीति की जानी चाहिए. बल्कि घटना के पर्दाफाश में सरकार को मदद करें. वहीं पत्थलगड़ी के संवैधानिक मान्यता के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्थलगड़ी को कुछ लोग गलत तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुलीकेरा गांव पहुंचकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना पर अफसोस जताया. वहीं मृतकों के आश्रितों से मिलकर उनकी तकलीफों को जानने का प्रयास किया. उन्होंने इस घटनाक्रम की साजिश करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया. मृतक के विधवाओं को नई व्यवस्था के तहत विधवा पेंशन तथा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ अभिलंब दिलाने का मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया.

पीड़ित परिवार से मिले हेमंत सोरेन
उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश उनका घर है एवं राज्य की जनता उनके परिवार का सदस्य हैं. ऐसे में राज्य सरकार सबका सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार के सदस्यों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और ग्रामसभा को मजबूत करने की अपील भी किया है. उन्होंने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि "अबुआ हाथु आबुआ राज" को मजबूत जरूर करना है, लेकिन ग्रामीण स्तर पर हत्या और अन्य किसी भी प्रकार की गैर कानूनी कार्य नहीं करना है.

ये भी पढ़ें- पत्थलगड़ी समर्थकों ने की थी 7 लोगों की हत्या, आपसी विवाद का दिया जा रहा है रंग: नाथूराम बुढ़

चाईबासा घटना से आहत दिखे हेंमत
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हेलीकॉप्टर से लोढाई स्थित सीआरपीएफ कैंप में उतरे जहां से सड़क मार्ग के द्वारा उन्हें घटनास्थल पर ले जाया गया. वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए जिला पुलिस एवं सीआरपीएफ की भारी तैनाती की गई थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर घटना जानने का प्रयास किया. तब वह काफी मायूस लग रहे थे और इस घटना से काफी मर्माहत दिखे. वहीं यह घटना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी कि झारखंड में इस तरह की सामाजिक नक्सल जैसी घटनाएं फिर से न हो.

हेमंत सरकार के लिए बनी बड़ी चुनौती
गौरतलब हो कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में पत्थलगड़ी अभियान ने पूरे राज्य को अशांत कर दिया था. इससे निपटना सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती थी. जबकि हेमंत सरकार ने शपथ लेते ही पत्थलगड़ी के समर्थकों के ऊपर लगे मुकदमों को हटा लिया था और फिर लगभग 1 माह के भीतर ही दर्दनाक नरसंहार की घटना ने हेमंत सोरेन सरकार के उस फैसले पर कई सवाल भी खड़े कर रही है.

Intro:चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिला के नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुलीकेरा में 3 दिन पूर्व पत्थलगड़ी विवाद में हुए नरसंहार मामले में आज राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और किसी भी तरह से दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य की जनता का जान माल सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है और ना ही सरकार इसमें कोताही बरतेगी।

Body:गुलीकेरा गांव से पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर वापस लौटने के क्रम में लोढाई में बने हेलीपैड पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्रकारों के सवाल पर बताया कि घटना का संबंध पत्थलगड़ी से है या नहीं इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की जांच चल रही है। जांच के उपरांत सच सामने आएगा की घटना पत्थलगड़ी से प्रेरित है या कुछ और, उन्होंने यह भी कहा कि सभी दलों को मानवीय संवेदना के साथ इस घटना को देखना चाहिए ना की इस पर राजनीति की जानी चाहिए। बल्कि घटना के पर्दाफाश में सरकार को मदद करें । वहीं पत्थलगड़ी के संवैधानिक मान्यता के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्थलगड़ी को कुछ लोग गलत तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुलीकेरा गांव पहुंचकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना पर अफसोस जताया। वहीं मृतकों के आश्रितों से मिलकर उनकी तकलीफों को जानने का प्रयास किया । उन्होंने इस घटनाक्रम की साजिश करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया। मृतक के विधवाओं को नई व्यवस्था के तहत विधवा पेंशन तथा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ अभिलंब दिलाने का मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया ।उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश उनका घर है एवं राज्य की जनता उनके परिवार का सदस्य हैं। ऐसे में राज्य सरकार सबका सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार के सदस्यों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली तथा ग्रामसभा को मजबूत करने की अपील भी किया । उन्होंने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि "अबुआ हाथु आबुआ राज" को मजबूत जरूर करना है लेकिन ग्रामीण स्तर पर हत्या एवं अन्य किसी भी प्रकार की गैर कानूनी कार्य नहीं करना है।

इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हेलीकॉप्टर से लोढाई स्थित सीआरपीएफ कैंप में उतरे जहां से सड़क मार्ग के द्वारा उन्हें घटनास्थल पर ले जाया गया। वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए जिला पुलिस एवं सीआरपीएफ की भारी तैनाती की गई थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर घटना जानने का प्रयास किया। तब वह काफी मायूस लग रहे थे एवं इस घटना से काफी मर्माहत दिखे। यह घटना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी कि झारखंड में इस तरह की सामाजिक नक्सल जैसी घटनाएं फिर से ना हो।
Conclusion:गौरतलब हो कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में पत्थलगड़ी अभियान ने पूरे राज्य को अशांत कर दिया था एवं इससे निपटना सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती थी। परंतु हेमंत सरकार ने शपथ लेते ही पत्थलगड़ी के समर्थकों के ऊपर लगे मुकदमों को हटा लिया था और फिर लगभग 1 माह के भीतर ही दर्दनाक नरसंहार की घटना ने हेमंत सोरेन सरकार के उस फैसले पर कई सवाल भी खड़े कर रही है।
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