बोकारोः वेदांता इलेक्ट्रोस्टील प्लांट में हुए हादसे में मजदूरों की मौत के बाद मुआवजे की रकम को लेकर परिजनों और प्रबंधन के बीच कई घंटे तक बातचीत हुई. बैठक के बाद प्रत्येक मृतकों के परिजनों को 6 लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति बनी है. मृतक के परिजन हादसे के बाद 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहे थे.
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कैसे हुआ था हादसा
सोमवार देर शाम रांची के तीन युवक वेदांता इलेक्ट्रोस्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस संख्या दो में लिफ्ट की मरम्मत करने पहुंचे थे. ये लोग मौके पर पहुंचे और लिफ्ट के ऊपर जाकर अपने सामान को रख रहे थे. तभी अचानक से ऊपर से एक बड़ा लोहा गिरा लिफ्ट की बैरिकेडिंग तोड़ते हुए नीचे जा गिरा. इस हादसे में रांची के रहने वाले शाहनवाज आलम, मोहम्मद ओसामा और मोहम्मद सुल्तान की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.
कंपनी के अधिकारी जबरदस्ती करा रहे थे काम
वेदांता कंपनी में काम कर रहे दूसरे मजदूरों ने अधिकारी विवेक ओबराय पर जबरदस्ती काम कराने का आरोप लगाया. उनके मुताबिक लिफ्ट काफी जर्जर थी और अंदर स्थिति बेहद खराब थी. वे लोग कई बार काम करने से मना कर चुके हैं लेकिन कंपनी के अधिकारी विवेक ओबराय ने डांट फटकार और गाली गलौज करते हुए काम शुरू करने का निर्देश दिया जिस वजह से यह हादसा हुआ.
मुआवजे के साथ नौकरी का वादा
कंपनी के जीएमआई आर लक्ष्मण राव ने बताया कि मृतक मजदूरों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर 6-6 लाख रुपए की सहायता दी जा रही है साथ ही मृतक के परिजन को संबंधित ठेका कंपनी नियोजन भी देगी. उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर से मामले की जांच भी की जा रही है. वहीं मौके पर पहुंचे चास प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश चौधरी ने कहा कि अभी मुआवजे के रूप में राशि दी जा रही है लेकिन जो भी सरकारी प्रावधान है उसके अनुरूप भी मृतक के परिजनों को नियोजन और सहायता राशि दी जाएगी.