बोकारो: कसमार प्रखंड के सिंहपुर पंचायत के निवासी भूखल की मौत सस्ते में न तो सरकार का पिंड छोड़ने जा रही और न ही प्रशासन को राहत देने जा रही. उसकी मौत से भूख कुपोषण और अभाव का सवाल उठा है. हालांकि, प्रशासन ने अपनी जांच कर उसकी मौत को बीमारी पर लाकर टिका दिया है. मगर उसकी मौत को सरकार के मंत्री सहजता से नहीं पचा पा रहे. बोकारो दौरे पर आए राज्य के कृषि, सहकारिता और पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख को जब इस मामले की जानकारी लगी तो इसे बेहद गंभीरता से लिया और फिर मामले की जांच कराने और इस मामले में ठोस फैसला लेने का ऐलान कर दिया.
भूखल की मौत के बाद कसमार में प्रशासनिक हलचलें तेज हो गयी हैं. प्रशासन के लोग जहां मलहम लगाने में जुट गए हैं, वहीं, राजनीतिक दलों ने भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी है. घटना के बाद प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के निर्देश पर सिंहपुर गए बोकारो के विधायक ने साफ साफ तौर पर रघुवर सरकार और हेमंत सरकार का फर्क बता दिया और मौत को भूख से हुई बताकर यह संकेत दे दिया कि अगले सत्र में ये मामला सदन में उठेगा.
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प्रशासन नकारता है कि भूख से मौत हुई है, लेकिन इस सच को स्वीकार कर रहा है कि उसने आवेदन दिया था पर उसका राशनकार्ड नहीं बन सका. अब प्रशासन का आपूर्ति महकमा के हाकिम इसके लिए स्थानीय मुखिया को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. उनकी मानें तो उसका आवेदन हजारों आवेदन में ही फंसा रह गया था और उनके संज्ञान में उसका यह मामला नहीं आ सका.