रांची/बोकारो: राष्ट्रीय लॉन टेनिस खिलाड़ी मोनालिसा चक्रवर्ती खेल मंत्री अमर बाउरी के घर के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. उनका कहना है कि विदेश में ट्रेनिंग के लिए स्कॉलरशिप मिलने के बाद भी सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है. हालांकि इस मामले में खेल विभाग का कहना है कि मोनालिसा को पहले ही 5.50 लाख रुपये दिए जा चुके हैं जिसका उन्होंने कोई हिसाब नहीं दिया है.
जानकारी के अनुसार, मोनालिसा को यूएस में लॉन टेनिस की इंटरनेशनल कोचिंग के लिए स्कॉलरशिप मिली है. लेकिन उसमें शामिल होने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं. मोनालिसा ने इसके लिए सरकार से गुहार लगाई थी, लेकिन अधिकारी के साथ-साथ मंत्री भी मामले में टाल-मटोल करते रहे. मामले में खेलमंत्री अमर बाउरी का कहना है कि वह आर्थिक रूप से खिलाड़ियों की मदद नहीं कर सकते. उनके पास ऐसा कोई प्रोटोकाल नहीं है.
मोनालिसा का कहना है उन्होंने सरकार से मदद पाने के लिए हर तरह की कोशिश की लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. अब उनके सामने मंत्री जी के घर के बाहर धरना देने के अलावा उनके पास कोई ऑप्शन नहीं बचा है.
टेनिस खिलाड़ी मोनालिसा का कहना है कि सात साल की उम्र से वह लॉन टेनिस खेलती आ रही है. पिछले 13 साल के कैरियर को वह बर्बाद नहीं होने दे सकती है. उसकी इच्छा है कि अब वह नेशनल खेलकर देश को रिप्रेजेन्ट करें, लेकिन मदद के बिना यह संभव नहीं.
हालांकि, इस मामले में खेल विभाग का कुछ और ही कहना है. उनका कहना है कि मोनालिसा चक्रवर्ती ने प्रतियोगिता में भाग लेने और प्रशिक्षण के लिए दी जाने वाली राशि का गलत इस्तेमाल किया है. इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब मोनालिसा ने विदेश में ट्रेनिंग के लिए विभाग से दोबारा 7 लाख रुपये की डिमांड की.
विभाग का कहना है कि 2017-18 और 2018 -19 के लिए खेल विभाग द्वारा इन्हें 5 लाख 50 हज़ार रुपये दिए गए थे लेकिन मोनालिसा अब ये बता पाने में असमर्थ हैं कि उन्होंने इन पैसों का इस्तेमाल कहां किया है. इसके बाद भी मोनालिसा विदेश में ट्रेनिंग लेने के लिए 7 लाख रुपये की डिमांड कर रही हैं.
खेल विभाग का कहना है कि अब पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना है कि मोनालिसा ने अपनी रैंकिंग की गलत जानकारी खेल विभाग को दी है.