बोकारोः पूर्व मंत्री और बेरमो विधानसभा के 5 बार विधायक रहे राजेंद्र प्रसाद सिंह झारखंड की राजनीति में एक अहम स्थान रखते हैं. कांग्रेस पार्टी के ये उन पहली जमात के नेताओं में हैं, जिन्होंने संजय गांधी, राजीव गांधी से लेकर कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ काम किया है.
ये भी पढ़ें-भयावाह है आगजनी के बाद विधानसभा भवन का नजारा, देखें VIDEO
राजेंद्र सिंह के बारे में कहा जाता है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के यह प्रिय सिपहसालार हैं. दूसरे दल के लोग भी इनकी मित्रवत व्यवहार के मुरीद हैं. लालू प्रसाद के खास मित्रों में से एक राजेंद्र प्रसाद सिंह इस बार फिर बेरमो विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के प्रत्याशी हैं. राजेंद्र प्रसाद यहां कांग्रेस की टिकट पर बीजेपी के निर्वतमान विधायक योगेश्वर महतो बाटुल के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं.
राजेंद्र प्रसाद सिंह और योगेश्वर महतो बाटुल अभी तक चार बार आमने सामने आ चुके हैं, जिनमें दो बार राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बाटूल को शिकस्त दी. वहीं, दो बार बाटुल ने राजेंद्र प्रसाद सिंह को हराया. एक बार फिर राजेंद्र प्रसाद सिंह अपने चिर परिचित प्रतिद्वंदी के सामने हैं.
ये भी पढ़ें-8 दिसंबर को बड़कागांव में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे राहुल गांधी, प्रशासन की तैयारी भी जोरों पर
ईटीवी भारत से खास बातचीत में राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि उनके कार्यकाल में जो काम हुआ था अगर योगेश्वर महतो बाटुल उस काम को भी आगे ले जाते तो आज क्षेत्र एक विकसित क्षेत्र बन गया होता. लेकिन योगेश्वर महतो बाटुल ने अदूरदर्शिता दिखाते हुए कोई काम पूरा नहीं कराया.
अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वह अपना प्रचार नहीं कर रहे हैं बल्कि जनता खुद उनका प्रचार कर रही है. राजेंद्र प्रसाद झारखंड ही नहीं देश के बड़े कोल मजदूर नेता के रूप में भी पहचाने जाते हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद बेरमो जो कि झारखंड के कोयले का हब है, वहां के कोयला मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए काम करेंगे. उन्हें उचित मेहनताना दिलाएंगे.
उन्होंने कहा कि पहले भी जब वह विधायक थे उन्होंने ठेकेदारी में काम करने वाले मजदूरों को परमानेंट करवाया था. अब अगर एक बार फिर वह जीतते हैं तो उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे साथ ही विस्थापन की समस्याओं को भी दूर करने का काम करेंगे.
वहीं, हिंदुत्व धारा 370 राम मंदिर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वह भी हिंदू हैं और डंके की चोट पर हिंदू धर्म को मानते हैं. ऐसे में इन सभी मुद्दों का कोई असर नहीं होने वाला है. जनता विकास चाहती है और वह विकास करने के लिए जाने जाते हैं.