बोकारोः झारखंड विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके संपन्न कराने की कवायद में प्रशासन जुटी है. हर उस बिंदु पर गौर किया जा रहा है कि जो चुनाव के लिए बेहद जरूरी है. नक्सल प्रभावित झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सभी 7 जिलों में शांतिपूर्ण चुनाव हो यह एक बड़ी चुनौती है, और प्रशासन इसे बिना किसी बाधा के संपन्न कराने के लिए कमर कस कर अपनी तैयारी कर रहा है.
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बता दें कि उत्तरी छोटानागपुर के रामगढ़, धनबाद और बोकारो जिले की सीमा पश्चिम बंगाल से लगती है. जबकि कोडरमा, हजारीबाग और चतरा की सीमा पड़ोसी राज्य बिहार से जुड़ती है. उत्तरी छोटानागपुर प्रशासन को लगता है कि चुनाव में दूसरे राज्य से लोग आकर खलल डाल सकते हैं. इसलिए चुनाव के दौरान कोई गड़बड़ी ना हो सके इसे सुनिश्चित करने में प्रशासन पूरी तरह लगा हुआ है, और इसके लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है.
हाई लेवल इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन मीटिंग
बोकारो में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में हाई लेवल इंटरस्टेट कोआर्डिनेशन मीटिंग की गई, जिसमें कई बिंदुओं पर चर्चा की गई और चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की रणनीति भी बनाई गई. बैठक में खासकर उन क्षेत्रों पर नजर रखने और आपसी सामंजस्य बनाकर लोकतंत्र के पर्व को झारखंड में संपन्न कराने पर विचार किया गया जो दूसरे राज्य के सीमा के पास है.
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बोकारो परिसदन में चली बैठक में सीआरपीएफ झारखंड और पश्चिम बंगाल की पुलिस के आला अफसरों के अलावा कई जिलों के उपायुक्त और डीआईजी स्तर के अधिकारी शामिल हुए. देर शाम तक चली इस बैठक में उन मतदान केंद्रों पर ज्यादा चौकस रहने की बात कही गई जो अंतरराज्यीय सीमा से सटे और नक्सल प्रभावित इलाकों में होने की वजह से संवेदनशील बने हुए हैं.
इस हाई लेवल इंटरस्टेट कोआर्डिनेशन मीटिंग में उत्तरी छोटानागपुर के कमिश्नर ने अधिकारियों से उनका फीडबैक लिया और फिर शांतिपूर्ण चुनाव कराने की रणनीति समझी. इस बैठक में चुनाव कराने की व्यवस्था को हरी झंडी दी गई और सभी को अलर्ट मोड में रहकर चुनाव संपन्न कराने का मंत्र दिया गया.