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यहां जमीन के नीचे है 'आग का दरिया', प्रशासन की बेरुखी के बाद लोगों ने वोट बहिष्कार का बनाया मन

बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड का झिरकी गांव के जमीन के अंदर लगातार आग जल रही है. लेकिन इसके बावजूद ना तो जनप्रतिनिधियों को और ना ही सीसीएल के अधिकारियों को इसकी फिक्र है. जिसके बाद गांव के लोगों ने वोट बहिष्कार का मन बना लिया है.

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Published : Apr 17, 2019, 1:01 PM IST

जमीन के अंदर आग

बोकारो: जिले के गोमिया प्रखंड का झिरकी गांव कभी भी जमींदोज हो सकता है. 40 हजार की आबादी वाले इस गांव में जमीन के अंदर लगातार आग जल रहा है. लेकिन ना ही किसी जनप्रतिनिधि और ना ही जिला प्रशासन ने इसकी सुध ली.

जानकारी देते प्रेमरंजन, एसडीओ बेरमो

ये भी पढ़ें-अब सिर्फ एक कमरे में बन जाएगा पावर सब स्टेशन, बेहतर होगी विद्युत आपूर्ति

झिरकी गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार करने का मन बना लिया है. गांव के लोगों का कहना है कि इस बार वो वोट नहीं करेंगे, क्योंकि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. उनसे सिर्फ और सिर्फ वादे किए जा रहे हैं. इसलिए इस बार जब तक आग नहीं बुझेगी, वो वोट नहीं करेंगे.

ये आग बढ़कर धीरे-धीरे गांव के बिल्कुल करीब आ गई है. अब ये गांव से महज 50 मीटर दूर है. ऐसे में झिरकी और आस-पास के गांव के लोग दहशत के साए में जी रहे है. लोग अब यहां से पलायन भी करने लगे हैं. गांव वालों का कहना है कि सीसीएल ने आग जानबूझकर लगवाई है. ताकि गांव खाली हो जाए और सीसीएल वहां से कोयला निकाल सके.

बोकारो: जिले के गोमिया प्रखंड का झिरकी गांव कभी भी जमींदोज हो सकता है. 40 हजार की आबादी वाले इस गांव में जमीन के अंदर लगातार आग जल रहा है. लेकिन ना ही किसी जनप्रतिनिधि और ना ही जिला प्रशासन ने इसकी सुध ली.

जानकारी देते प्रेमरंजन, एसडीओ बेरमो

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झिरकी गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार करने का मन बना लिया है. गांव के लोगों का कहना है कि इस बार वो वोट नहीं करेंगे, क्योंकि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. उनसे सिर्फ और सिर्फ वादे किए जा रहे हैं. इसलिए इस बार जब तक आग नहीं बुझेगी, वो वोट नहीं करेंगे.

ये आग बढ़कर धीरे-धीरे गांव के बिल्कुल करीब आ गई है. अब ये गांव से महज 50 मीटर दूर है. ऐसे में झिरकी और आस-पास के गांव के लोग दहशत के साए में जी रहे है. लोग अब यहां से पलायन भी करने लगे हैं. गांव वालों का कहना है कि सीसीएल ने आग जानबूझकर लगवाई है. ताकि गांव खाली हो जाए और सीसीएल वहां से कोयला निकाल सके.

Intro:एक आग का दरिया शहर झरिया इस कहावत को चरितार्थ कर रहा है बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड का ये झिरकी गाऊँ। करीब 40 हज़ार की आबादी वाला यह झिरकी का क्षेत्र कभी भी जमीनदोज सकता है।क्योंकि झिरकी क्षेत्र अपने गर्भ में आग जला रहा है। यह गांव कभी भी जमीनदोज हो सकता है। लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधियों ने और ना ही जिला प्रशासन ने इसकी सुध ली है। यह गांव गोमिया प्रखंड के गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में आता है। और यहां आंजसु प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी और जेएमएम से जगन्नाथ महतो मैदान में है। एक और जहां आग से लोगों का जीवन मुश्किल है तो वही सरकार को भी करोड़ों रुपए के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।


Body:बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के झिरकी गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार करने का मन बना लिया है। गांव के लोगों का कहना है की इस बार वह वोट नहीं करेंगे। क्योंकि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। और सिर्फ और सिर्फ वादे किए जा रहे हैं। इसलिए इस बार जब तक आग नहीं बुझेगी वो वोट नहीं करेंगे यह जिस तरह कोयले की खदान में आग लगी है। और स्थानीय लोग दशक के माहौल में जी रहे हैं।लेकिन इसके बावजूद ना तो जनप्रतिनिधियों को और ना सीसीएल के अधिकारियों इनकी कोई फिकर है। यह आग बढ़कर धीरे धीरे गांव के बिल्कुल करीब आ गया है। अब यह गांव से महज 50 मीटर दूर है। ऐसे में झिरकी और आस-पास के गांव कभी भी जमींदोज हो सकते हैं। और झिरकी की हालत झरिया जैसी हो सकती है। गांव के लोग दहशत के साए में जी रहे हैं। लोग अब यहां से धीरे-धीरे पलायन भी करने लगेहैं। लोगों को अब शुद्ध हवा भी यहां मयस्सर नहीं है। गांव वालों का कहना है कि सीसीएल ने आग जानबूझकर लगवाई है। ताकि गांव खाली हो जाए और सीसीएल उनके गांव को उजाड़ कर वहां से कोयला निकाल सके।
मोहम्मद इसराफिल अंसारी,पूर्व विधायक के बेटे
प्रेमरंजन, एसडीओ बेरमो


Conclusion:बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के झिरकी गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार करने का मन बना लिया है। गांव के लोगों का कहना है की इस बार वह वोट नहीं करेंगे। क्योंकि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। और सिर्फ और सिर्फ वादे किए जा रहे हैं। इसलिए इस बार जब तक आग नहीं बुझेगी वो वोट नहीं करेंगे यह जिस तरह कोयले की खदान में आग लगी है। और स्थानीय लोग दशक के माहौल में जी रहे हैं।लेकिन इसके बावजूद ना तो जनप्रतिनिधियों को और ना सीसीएल के अधिकारियों इनकी कोई फिकर है। यह आग बढ़कर धीरे धीरे गांव के बिल्कुल करीब आ गया है। अब यह गांव से महज 50 मीटर दूर है। ऐसे में झिरकी और आस-पास के गांव कभी भी जमींदोज हो सकते हैं। और झिरकी की हालत झरिया जैसी हो सकती है। गांव के लोग दहशत के साए में जी रहे हैं। लोग अब यहां से धीरे-धीरे पलायन भी करने लगेहैं। लोगों को अब शुद्ध हवा भी यहां मयस्सर नहीं है। गांव वालों का कहना है कि सीसीएल ने आग जानबूझकर लगवाई है। ताकि गांव खाली हो जाए और सीसीएल उनके गांव को उजाड़ कर वहां से कोयला निकाल सके।
मोहम्मद इसराफिल अंसारी,पूर्व विधायक के बेटे
प्रेमरंजन, एसडीओ बेरमो
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