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गरगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अभियान, 29-30 मई को साइकिल संवाद यात्रा

बोकारो में 29 से 30 मई तक साइकिल संवाद यात्रा का आयोजन किया जाएगा. यह यात्रा गरगा नदी को प्रदूषण मुक्त और अतिक्रमण मुक्त कराने के उद्देश्य से की जा रही है.

साइकिल संवाद यात्रा का आयोजन
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Published : May 29, 2019, 11:48 AM IST

बोकारो: 'नदी बचाओ, जीवन बचाओ' आंदोलन को लेकर गरगा नदी के उद्गगम स्थल से संगम तक साइकिल संवाद यात्रा की जा रही है. यह आयोजन 29 मई से 30 मई तक आयोजित की जाएगी.

जानकारी देते सामाजिक कार्यकर्ता

इस यात्रा के बारे में नदी बचाओ जीवन बचाओ आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता तापस दास ने बताया कि वर्ल्ड ग्रीनलाइन पिछले डेढ़ सालों से स्वच्छ गरगा अभियान चला रहा है. गरगा नदी को प्रदूषण मुक्त और अतिक्रमण मुक्त कराने के उद्देश्य से यह यात्रा की जा रही है. उन्होंने कहा कि देश में नदियों के जल को जिस प्रकार प्रदूषित किया जा रहा है, उससे पूरी सभ्यता और संस्कृति पर असर हो रहा है.

ये भी पढ़ें-गांव-गांव में होगी शहरों जैसी सुविधाएं, स्ट्रीट लाइट, पेवर ब्लॉक और स्वच्छ पेयजल पर काम शुरू

अभियान का नेतृत्व कर रहे संस्था के सचिव प्रीति रंजन ने कहा कि नदी को उपयोग करने की जो धारणा और जो उपयोगिता है. उसमें बदलाव करने का समय आ गया है. नदी प्राकृति का वरदान है और जीवनधारा है. इसलिए इसमें गांव और शहर के लोगों को जोड़ते हुए यह यात्रा कशमार से तेलमाचो तक जाएगा.

वहीं, इस अवसर पर इस यात्रा में शामिल होने गंगा बचाओ और अविरल गंगा अभियान के आए सदस्यों ने कहा का बात सिर्फ गरगा की नहीं है. इसका अस्तित्व कई और नदियों से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ गरगा है, तो स्वच्छ दामोदर है और स्वच्छ दामोदर है तो स्वच्छ गंगा है. हर एक नदी परस्पर एक दूसरे पर निर्भर है और नदी को मां का दर्जा मिला है. भला मां को इस हालत में कैसे रहने दे सकते हैं.

बोकारो: 'नदी बचाओ, जीवन बचाओ' आंदोलन को लेकर गरगा नदी के उद्गगम स्थल से संगम तक साइकिल संवाद यात्रा की जा रही है. यह आयोजन 29 मई से 30 मई तक आयोजित की जाएगी.

जानकारी देते सामाजिक कार्यकर्ता

इस यात्रा के बारे में नदी बचाओ जीवन बचाओ आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता तापस दास ने बताया कि वर्ल्ड ग्रीनलाइन पिछले डेढ़ सालों से स्वच्छ गरगा अभियान चला रहा है. गरगा नदी को प्रदूषण मुक्त और अतिक्रमण मुक्त कराने के उद्देश्य से यह यात्रा की जा रही है. उन्होंने कहा कि देश में नदियों के जल को जिस प्रकार प्रदूषित किया जा रहा है, उससे पूरी सभ्यता और संस्कृति पर असर हो रहा है.

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अभियान का नेतृत्व कर रहे संस्था के सचिव प्रीति रंजन ने कहा कि नदी को उपयोग करने की जो धारणा और जो उपयोगिता है. उसमें बदलाव करने का समय आ गया है. नदी प्राकृति का वरदान है और जीवनधारा है. इसलिए इसमें गांव और शहर के लोगों को जोड़ते हुए यह यात्रा कशमार से तेलमाचो तक जाएगा.

वहीं, इस अवसर पर इस यात्रा में शामिल होने गंगा बचाओ और अविरल गंगा अभियान के आए सदस्यों ने कहा का बात सिर्फ गरगा की नहीं है. इसका अस्तित्व कई और नदियों से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ गरगा है, तो स्वच्छ दामोदर है और स्वच्छ दामोदर है तो स्वच्छ गंगा है. हर एक नदी परस्पर एक दूसरे पर निर्भर है और नदी को मां का दर्जा मिला है. भला मां को इस हालत में कैसे रहने दे सकते हैं.

Intro:नदी बचाओ जीवन बचाओ आंदोलन को लेकर गरगा नदी के उद्गगम स्थल से संगम तक साइकिल संवाद यात्रा वर्ल्ड ग्रीन लाइन की पहल पर 29 मई से 30 मई तक आयोजित की जाएगी। इस यात्रा के बारे में नदी बचाओ जीवन बचाओ आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता तापस दास ने बताया की वर्ल्ड ग्रीनलाइन पिछले डेढ़ वर्षो से स्वच्छ गरगा अभियान चला रहा है। गरगा नदी को प्रदूषण मुक्त और अतिक्रमण मुक्त कराने के उद्देश्य से यह यात्रा की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में नदियों के जल को जिस प्रकार प्रदूषित किया जा रहा है उससे पूरी सभ्यता और संस्कृति पर असर हो रहा है। अभियान का नेतृत्व कर रहे संस्था के सचिव प्रीति रंजन ने कहा कि नदी को उपयोग करने की जो धारणा और जो उपयोगिता है उसमें बदलाव करने का समय आ गया है। नदी प्राकृति का बरदान है और जीवनधारा है। इसलिए इसमें गांव और शहर के लोगों को जोड़ते हुए यह यात्रा कशमार से तेलमाचो तक जाएगा। वही इस अवसर पर इस यात्रा में शामिल होने गंगा बचाओ और अविरल गंगा अभियान के आए सदस्यों ने कहा का बात सिर्फ गरगा की नहीं है। इसका अस्तित्व कई और नदियों से जुड़ा है। उन्होंने कहा की स्वच्छ गरगा है तो स्वच्छ दामोदर है। और स्वक्ष दामोदर है तो स्वच्छ गंगा है। हर एक नदी परस्पर एक दूसरे पर निर्भर है। और नदी को मां का दर्जा मिला है। तो भला हम मां को इस हालत में कैसे रहने दे सकते हैं।


Body:तापस दास, वर्ल्ड ग्रीन लाइन


Conclusion:fतापस दास, वर्ल्ड ग्रीन लाइन
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