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बोकारो की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर सफीरा हास्सा मुफलिसी में बनी सेल्सगर्ल, रो-रोकर हेमंत सरकार से लगा रही मदद की गुहार - हेमंत सरकार

बोकारो के कुर्मीडीह बाजार की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी सफीरा हस्सा बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. पिता के साए से महरूम इस खिलाड़ी की बड़ी बहन जसमिना हस्सा भी फुटबॉल की खिलाड़ी रह चुकी हैं, लेकिन पिता के बीमार होने की वजह से घर की आर्थिक स्थिति खराब होती गई. इसके बाद उन्होंने खेल को अलविदा कह दिया. आर्थिक तंगी के कारण रांची के मॉल में सेल्सगर्ल का काम करने को मजबूर हैं.

Bokaro international footballer Saphira Hassa
बोकारो की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर सफीरा हास्सा
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Published : Jul 12, 2020, 6:02 AM IST

Updated : Jul 14, 2020, 8:02 PM IST

बोकारो: जिले की प्रतिभावान अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर सफीरा हस्सा आर्थिक तंगी के कारण रांची के मॉल में सेल्सगर्ल का काम करने को मजबूर हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपना परचम लहराने वाली सफीरा हस्सा दयनीय स्थिति में पहुंच गई हैं. सफीरा हस्सा ने अंतरराष्ट्रीय सब जूनियर फुटबॉल चैंपियनशिप में भारत और राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप में राज्य का कई बार प्रतिनिधित्व किया.

देखें ये स्पेशल स्टोरी

बोकारो के कुर्मीडीह बाजार की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी सफीरा हस्सा बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. पिता के साए से महरूम इस खिलाड़ी की बड़ी बहन जसमिना हस्सा भी फुटबॉल की खिलाड़ी रह चुकी हैं, लेकिन पिता के बीमार होने की वजह से घर की आर्थिक स्थिति खराब होती गई. इसके बाद उन्होंने खेल को अलविदा कह दिया.

ये भी पढ़ें- बोकारो: इंटरनेशनल फुटबॉल खिलाड़ी बना मजदूर, मुश्किल से पाल रहा परिवार

बड़ी बहन होने की वजह से उन्होंने अपने खेल को छोड़कर अपनी छोटी बहन को आगे बढ़ाया, लेकिन ऐसे खिलाड़ियों के प्रति सरकार का ध्यान नहीं है. मौजूदा वक्त में सफीरा हस्सा खेल को छोड़कर रांची के एक मॉल में बतौर सेल्सगर्ल की नौकरी कर रही हैं. वहीं, कोरोना ने भी इस खिलाड़ी का पीछा नहीं छोड़ा और आज ये खिलाड़ी एक बार फिर कोरोना के कारण रांची से बोकारो अपने घर में एक नौकरी को लेकर सरकार से मदद की गुहार लगा रही है. हालांकि जिले के उपायुक्त ने खिलाड़ी की स्थिति को देखते हुए मदद का आश्वासन दिया है.

बोकारो: जिले की प्रतिभावान अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर सफीरा हस्सा आर्थिक तंगी के कारण रांची के मॉल में सेल्सगर्ल का काम करने को मजबूर हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपना परचम लहराने वाली सफीरा हस्सा दयनीय स्थिति में पहुंच गई हैं. सफीरा हस्सा ने अंतरराष्ट्रीय सब जूनियर फुटबॉल चैंपियनशिप में भारत और राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप में राज्य का कई बार प्रतिनिधित्व किया.

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बोकारो के कुर्मीडीह बाजार की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी सफीरा हस्सा बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. पिता के साए से महरूम इस खिलाड़ी की बड़ी बहन जसमिना हस्सा भी फुटबॉल की खिलाड़ी रह चुकी हैं, लेकिन पिता के बीमार होने की वजह से घर की आर्थिक स्थिति खराब होती गई. इसके बाद उन्होंने खेल को अलविदा कह दिया.

ये भी पढ़ें- बोकारो: इंटरनेशनल फुटबॉल खिलाड़ी बना मजदूर, मुश्किल से पाल रहा परिवार

बड़ी बहन होने की वजह से उन्होंने अपने खेल को छोड़कर अपनी छोटी बहन को आगे बढ़ाया, लेकिन ऐसे खिलाड़ियों के प्रति सरकार का ध्यान नहीं है. मौजूदा वक्त में सफीरा हस्सा खेल को छोड़कर रांची के एक मॉल में बतौर सेल्सगर्ल की नौकरी कर रही हैं. वहीं, कोरोना ने भी इस खिलाड़ी का पीछा नहीं छोड़ा और आज ये खिलाड़ी एक बार फिर कोरोना के कारण रांची से बोकारो अपने घर में एक नौकरी को लेकर सरकार से मदद की गुहार लगा रही है. हालांकि जिले के उपायुक्त ने खिलाड़ी की स्थिति को देखते हुए मदद का आश्वासन दिया है.

Last Updated : Jul 14, 2020, 8:02 PM IST
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