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एनपीए नियम: बकाया कर्ज निपटाने के लिए रिजर्व बैंक दे सकता है 60 दिन का अतिरिक्त समय - उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय द्वारा रिजर्व बैंक के 12 फरवरी 2018 के परिपत्र को निरस्त किये जाने के कारण संशोधित नियमों पर काम चल रहा है और जल्दी ही ये जारी कर दिये जाएंगे.

एनपीए नियम: बकाया कर्ज निपटाने के लिए रिजर्व बैंक दे सकता है 60 दिन का अतिरिक्त समय
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Published : Apr 25, 2019, 6:46 PM IST

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक वसूल नहीं हो रहे कर्ज (एनपीए) के मामलों के समाधान के नियमों में संशोधन करने की तैयारी में है और वह इसके तहत कर्जदारों को कर्ज भुगतान के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय दे सकता है ताकि ईमानदार कर्जदारों की तकलीफ कुछ कम हो सके. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा रिजर्व बैंक के 12 फरवरी 2018 के परिपत्र को निरस्त किये जाने के कारण संशोधित नियमों पर काम चल रहा है और जल्दी ही ये जारी कर दिये जाएंगे.

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सूत्रों ने कहा कि एनपीए की नयी रूपरेखा के तहत विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इनमें एनपीए के लिए समाशोधन करने की मौजूदा 90 दिन की समयसीमा के साथ 30 से 60 दिन का अतिरिक्त समय देने का विकल्प भी शामिल है.

उन्होंने कहा कि 90 दिन की अवधि के बाद फंसे ऋण को एनपीए करार दिये जाने की व्यवस्था बनी रहेगी लेकिन रिजर्व बैंक निकायों को ऋण का भुगतान करने के अन्य विकल्प देने पर गौर कर रहा है. उन्होंने कहा कि भुगतान के लिये अधिक समय दिये जाने से एमएसएमई की समस्या कुछ हद तक कम होगी.

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक वसूल नहीं हो रहे कर्ज (एनपीए) के मामलों के समाधान के नियमों में संशोधन करने की तैयारी में है और वह इसके तहत कर्जदारों को कर्ज भुगतान के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय दे सकता है ताकि ईमानदार कर्जदारों की तकलीफ कुछ कम हो सके. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा रिजर्व बैंक के 12 फरवरी 2018 के परिपत्र को निरस्त किये जाने के कारण संशोधित नियमों पर काम चल रहा है और जल्दी ही ये जारी कर दिये जाएंगे.

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सूत्रों ने कहा कि एनपीए की नयी रूपरेखा के तहत विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इनमें एनपीए के लिए समाशोधन करने की मौजूदा 90 दिन की समयसीमा के साथ 30 से 60 दिन का अतिरिक्त समय देने का विकल्प भी शामिल है.

उन्होंने कहा कि 90 दिन की अवधि के बाद फंसे ऋण को एनपीए करार दिये जाने की व्यवस्था बनी रहेगी लेकिन रिजर्व बैंक निकायों को ऋण का भुगतान करने के अन्य विकल्प देने पर गौर कर रहा है. उन्होंने कहा कि भुगतान के लिये अधिक समय दिये जाने से एमएसएमई की समस्या कुछ हद तक कम होगी.

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एनपीए नियम: बकाया कर्ज निपटाने के लिये रिजर्व बैंक दे सकता है 60 दिन का अतिरिक्त समय

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक वसूल नहीं हो रहे कर्ज (एनपीए) के मामलों के समाधान के नियमों में संशोधन करने की तैयारी में है और वह इसके तहत कर्जदारों को कर्ज भुगतान के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय दे सकता है ताकि ईमानदार कर्जदारों की तकलीफ कुछ कम हो सके. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. 

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा रिजर्व बैंक के 12 फरवरी 2018 के परिपत्र को निरस्त किये जाने के कारण संशोधित नियमों पर काम चल रहा है और जल्दी ही ये जारी कर दिये जाएंगे. 

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सूत्रों ने कहा कि एनपीए की नयी रूपरेखा के तहत विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इनमें एनपीए के लिये समाशोधन करने की मौजूदा 90 दिन की समयसीमा के साथ 30 से 60 दिन का अतिरिक्त समय देने का विकल्प भी शामिल है. 

उन्होंने कहा कि 90 दिन की अवधि के बाद फंसे ऋण को एनपीए करार दिये जाने की व्यवस्था बनी रहेगी लेकिन रिजर्व बैंक निकायों को ऋण का भुगतान करने के अन्य विकल्प देने पर गौर कर रहा है. उन्होंने कहा कि भुगतान के लिये अधिक समय दिये जाने से एमएसएमई की समस्या कुछ हद तक कम होगी.


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