नई दिल्ली : इस समय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन (पीजीसीआईएल) ने सार्वजनिक क्षेत्र के अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) की पेशकश की है. ईपीएफओ सार्वजनिक क्षेत्र के बॉन्ड में भी निवेश करेगा.
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था- सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की 229वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया.
बैठक के बाद यादव ने यह पूछने पर कि क्या ईपीएफओ निजी क्षेत्र के इनविट में निवेश करेगा, संवाददाताओं से कहा कि इस समय हमने सिर्फ नए सरकारी इंस्ट्रूमेंट (बॉन्ड और इनविट) में निवेश करने का फैसला किया है. इसके लिए कोई प्रतिशत नहीं है. यह एफआईएसी द्वारा प्रत्येक मामले के आधार पर तय किया जाएगा.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बोर्ड ने एफआईएसी को प्रत्येक मामले के आधार पर निवेश विकल्पों पर निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने का निर्णय लिया.
इस फैसले के बारे में समझाते हुए श्रम सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं से कहा कि अगर हम उच्च ब्याज दर देना चाहते हैं, तो हमें वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.
कुछ इंस्ट्रूमेंट (नियमों में निर्धारित) हैं, जहां हम विभिन्न कारणों से निवेश करने में सक्षम नहीं थे. अब हम उन इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर सकेंगे. सरकार ने हाल में पेंशन फंड के लिए निवेश के साधनों में इनविट जैसे नए इंस्ट्रूमेंट जोड़े हैं.
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(पीटीआई-भाषा)