रांचीः राजधानी के हॉस्टलों में रहने वाले विद्यार्थियों को थोड़ी राहत मिलने वाली है. रविवार को हॉस्टल एसोसिएशन से जुड़े सदस्यों ने हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर बैठक की. बैठक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री याज्ञलव्य शुक्ल भी मौजूद रहे. इस दौरान आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के बच्चों के लिए 20 से 25% तक रूम रेंट में छूट देने का निर्णय लिया गया.
हॉस्टल किराए में छूट
राजधानी में हॉस्टल ओर पीजी में रहने वाले विद्यार्थी लगातार हॉस्टल किराए में छूट दिए जाने की मांग कर रहे थे. क्योंकि कोरोना काल के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए 3 माह का रूम रेंट देना कठिन था. हॉस्टल एसोसिएशन की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को थोड़ी राहत जरूर मिली है. वहीं एसोसिएशन के सदस्यों ने छात्र हित को ध्यान में रखते हुए जरूरतमंद और मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा राहत देने पर विचार किया. बैठक में सर्वसम्मति से जूता, कपड़ा और मंझले व्यवसाय से जुड़े अभिभावकों और किसान परिवार के बच्चों को हॉस्टल रेंट में विशेष छूट देने का निर्णय लिया गया. साथ ही बीपीएल कार्डधारी दैनिक मजदूरी करने वाले अभिभावकों के बच्चों को 20 से 25 प्रतिशत तक रूम रेंट में छूट देने का निर्णय लिया गया.
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हॉस्टल फीस पर विचार
हॉस्टल ऑनर एसोसिएशन झारखंड के सचिव राजेश सिन्हा ने कहा कि हॉस्टल संचालक छात्रों की समस्या को लेकर स्वयं चिंतित है, इसलिए हॉस्टल फीस पर विचार किया गया. सचिव ने कहा कि जिन छात्रों की परिवारिक परिस्थिति बिल्कुल ही लाचार है, उन छात्रों के साथ हॉस्टल एसोसिएशन पूरे समर्पण के साथ खड़ा है. हॉस्टल एसोसिएशन हॉस्टल में रहने वाले सभी छात्र-छात्राओं को अपने परिवार का सदस्य मानता हैं. इसलिए छात्रों की सभी वाजिब मांगों पर विचार करने के लिए छात्रावास संचालकों को निर्देशित किया गया है. छात्र संगठनों के साथ-साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हॉस्टल एसोसिएशन के अलावा संबंधित विभाग को भी मामले से अवगत कराया था. वहीं प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकारी नौकरी करने वाले अभिभावकों के बच्चों को भी हॉस्टल किराएं में 10 से 15 प्रतिशत की छूट दी जा सकती है.
बता दें कि राजधानी के हॉस्टलों में रहने वाले छात्र और छात्रों ने हॉस्टल फीस को माफ किए जाने की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने धरना प्रदर्शन भी किया था. साथ ही हॉस्टल संचालकों पर आरोप लगाया था कि, कोरोना काल के दौरान छात्रावास में न रहते हुए भी फीस की मांग की जा रही है.