रांची: देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. लेकिन झारखंड में महागठबंधन अभी तक ठीक से शक्ल नहीं ले पाया है. महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है. गोड्डा, जमशेदपुर और महागठबंधन के नेतृत्व पर इसमें शामिल दलों में आम सहमति नहीं बन पा रही है.
सोमवार को हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी की बैठक के बाद ये रिपोर्ट आई कि एक सप्ताह में महागठबंधन की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. आखिर किस कारण अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. इसके पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं. सबसे पहली बात आती है कि झारखंड में महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा?
नेतृत्व किसके हाथ में?
बात करें जेएमएम की तो जेएमएम झारखंड महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी है, जिस कारण जेएमएम चाहती है कि महागठबंधन का नेतृत्व हेमंत को मिले, वहीं झारखंड के सबसे पहले सीएम बाबूलाल मरांडी भी महगठबंधन को लीड करने की दिली चाहत रखते हैं. वहीं, कांग्रेस कुछ दिन पहले हुए तीन राज्वों में चुनाव जीतने के बाद से झारखंड महागठबंधन की चाबी अपने हाथों में रखना चाहती है. इसका नजारा कुछ दिन पहले रांची में हुए राहुल के कार्यक्रम में भी देखने को मिला. जहां महागठबंधन के सभी नेता मंच पर विराजमान हुए, लेकिन जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत उपस्थित नहीं हुए.
गोड्डा सीट को लेकर फंसा पेंच
वहीं, सीटों की बात करें तो गोड्डा और जमशेदपुर सीट में पेंच फंस रहा है. गोड्डा सीट पर जेवीएम और कांग्रेस दोनों अपना दावा ठोक रही है. कांग्रेस के फुरकान अंसारी वहां से लड़ना चाहते हैं तो जेवीएम प्रदीप यादव को उस सीट से लड़वाना चाहता है. गोड्डा में ही अडानी पावर प्लांट के विरोध में प्रदीप जेल भी जा चुके हैं. उस सीट से जेवीएम के लिए जनता की सहानुभूति है. फुरकान अंसारी भी वहां से सांसद रह चुके हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे जबकि प्रदीप यादव तीसरे नंबर पर रहे थे.
जमशेदपुर सीट को लेकर पेंच
जमशेदपुर सीट से कांग्रेस और जेएमएम के बीच पेंच फंस रहा है. जेएमएम जमशेदपुर सीट से अपने उम्मीदवार को लड़वाना चाहता है तो कांग्रेस अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार को वो सीट देना चाहती है. डॉक्टर अजय कुमार वहां से सांसद रह चुके हैं और 2014 के चुनाव में वो दूसरे नंबर पर रहे थे जबकि जेएमएम कैंडिडेट तीसरे नंबर रहा था.
एक सप्ताह में स्थिति स्पष्ट
चुनाव की घोषणा के बाद से सभी पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. महागठबंधन में भी लगातार बातचीत को दौर जारी है. जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद जेवीएम सुप्रीमो ने कहा है कि एक सप्ताह के अंदर सीटों का फैसला हो जाएगा. अब देखना ये होगा कि जिस एनडीए को हराने के लिए महागठबंधन तैयार हुए वो कितना सफल होता है.